अगस्त 2022 के अंत में भारतीय रेल का कुल राजस्व 95,486.58 करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 26271.29 करोड़ रुपये (38 प्रतिशत) की वृद्धि दर्शाता है।
यात्री यातायात से राजस्व पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 13,574.44 करोड़ रुपये (116%) की वृद्धि के साथ 25,276.54 करोड़ रुपये था। आरक्षित और अनारक्षित दोनों खंडों में पिछले वर्ष की तुलना में यात्री यातायात में भी वृद्धि हुई है। लंबी दूरी की आरक्षित मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में यात्री और उपनगरीय ट्रेनों में अधिक वृद्धि हुई है।
अन्य कोचिंग राजस्व 2437.42 करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 811.82 करोड़ रुपये (50 प्रतिशत) की वृद्धि दर्शाता है। भारतीय रेल के पार्सल खंड में मजबूत वृद्धि से इस बढ़त में तेजी आई है।
इस वर्ष अगस्त तक माल ढुलाई से प्राप्त राजस्व 65,505.02 करोड़ रुपये था और पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 10,780.03 करोड़ रुपये (20 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है। यह इस अवधि के दौरान 58 एमटी से अधिक की इंक्रीमेंटल लोडिंग और एनटीकेएम में 18 प्रतिशत की वृद्धि के बल पर प्राप्त किया गया है। इस वृद्धि में कोयला परिवहन के अलावा खाद्यान्न, उर्वरक, सीमेंट, खनिज तेल, कंटेनर यातायात और शेष अन्य सामानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
विविध राजस्व 2267.60 करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1105 करोड़ रुपये (95 प्रतिशत) की वृद्धि दर्शाता है।
अगस्त 2022 के अंत में रेलवे राजस्व की स्थिति नीचे संक्षेप में दी गई है:
करोड़ रुपये
श्रेणी
वास्तविक 2021-22
वास्तविक
वास्तविक
पिछले वर्ष की तुलना में अंतर
अगस्त 2021 तक
अगस्त 2022 तक
धनराशि
%
यात्री से प्राप्त राजस्व
39214.38
11702.10
25276.54
13574.44
116%
अन्य कोचिंग राजस्व
4899.55
1625.60
2437.42
811.82
50%
माल ढुलाई से प्राप्त राजस्व
141096.39
54724.99
65505.02
10780.03
20%
विविध राजस्व
6067.97
1162.60
2267.60
1105.00
95%
कुल राजस्व
191278.29
69215.29
95486.58
26271.29
38%
***
एमजी/ एएम/ एसकेएस/वाईबी