करौली ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य, जो पिछले 4-5 महीनों से रुका हुआ है, आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। न तो प्रशासन का ध्यान इस ओर है और न ही ठेकेदारों का।
प्रमुख मुद्दा: करौली ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य रुकने के कारण, नागरिकों को करौली फाटक की जगह हिंडौन फाटक से आना-जाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें अतिरिक्त 5-6 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। इससे न केवल उनका समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि अतिरिक्त ईंधन खर्च से उनकी जेब पर भी असर पड़ रहा है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया: स्थानीय निवासी विश्राम प्रजापत ने बताया, “हर रोज हमें हिंडौन फाटक से होकर आना-जाना पड़ता है, जिससे हमें बहुत समय और पैसे की बर्बादी हो रही है। प्रशासन को इस समस्या का शीघ्र समाधान करना चाहिए।”
प्रशासन और ठेकेदारों की अनदेखी: अन्य स्थानीय नागरिकों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है और प्रशासन से जल्द से जल्द करौली ओवर ब्रिज का कार्य पूरा करने की मांग की है।
व्यापारियों की चिंता: स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इस रुकावट के कारण उनके व्यापार पर भी असर पड़ा है, क्योंकि ग्राहक समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।
निष्कर्ष: अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर कब तक ध्यान देता है और कब तक करौली ओवर ब्रिज का कार्य फिर से शुरू होता है, ताकि आम नागरिकों को इस परेशानी से निजात मिल सके।