भारतीय शेयर बाजार की तेजी विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को रास आ गई है। बाजार से मिल रहे शानदार रिटर्न के कारण एफआईआई जून के महीने में ही अभी तक बाजार में 16 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। अगर विदेशी निवेशकों के कुल निवेश की बात करें तो भारतीय बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अभी तक कुल 45 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसकी वजह से कुल 230 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैपीटलाइजेशन वाले भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी लगभग 20 फीसदी हो गई है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इस साल पहली बार भारतीय शेयर बाजार में 609 अरब डॉलर यानी लगभग 45 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस राशि में से विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सबसे ज्यादा 32.14 फीसदी निवेश बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में किया है, जबकि सबसे कम 2.4 फीसदी निवेश कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में किया है। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सॉफ्टवेयर और सर्विस सेक्टर में 13.27 फीसदी, तेल एवं प्राकृतिक गैस सेक्टर में 10 फीसदी, ऑटो सेक्टर में 4.52 फीसदी, फार्मा सेक्टर में 4.03 फीसदी और कैपिटल गुड्स सेक्टर में 3.93 फीसदी का निवेश किया है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अभी तक हुए 45 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड निवेश के पहले 2019 में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 31 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था। 2020 में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ने के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश में कमी आई। जिसकी वजह से जून 2020 में उनका निवेश घटकर 26 लाख करोड़ रुपये का रह गया। लेकिन उसके बाद शेयर बाजार में आई तेजी का विदेशी संस्थागत निवेशकों ने पूरा फायदा उठाया और उनका निवेश लगातार बढ़ता चला गया।
धमीजा सिक्योरिटी के रिसर्च हेड विनीत अग्रवाल के मुताबिक भारतीय शेयर बाजार ने कोरोना संक्रमण के बावजूद इस साल शानदार प्रदर्शन किया है। विदेशी और घरेलू निवेशकों को उनके निवेश के एवज में जबरदस्त रिटर्न मिला है। यही वजह है कि इस साल भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड 609 अरब डॉलर मतलब करीब 45 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध विदेशी निवेश हुआ है। विनीत अग्रवाल के अनुसार भारतीय शेयर बाजार से ज्यादा विदेशी निवेश सिर्फ ब्राजील के शेयर बाजार में हुआ है, जहां विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इस साल 813 अरब डॉलर का निवेश किया है। दूसरी ओर दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, मलेशिया, थाईलैंड और चीन के शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों ने इस साल सर्वाधिक पैसे वापस निकाले हैं।