एजुकेशन इनोवेशन समिट में शिक्षा राज्य मंत्री ने दी राज्य द्वारा किए गए डिजिटल नवाचारों की जानकारी

एजुकेशन इनोवेशन समिट में शिक्षा राज्य मंत्री ने दी राज्य द्वारा किए गए डिजिटल नवाचारों की जानकारी,
नई शिक्षा नीति तथा राज्य में डिजिटल एजुकेशन के महत्व पर रखे विचार
जयपुर, 22 जून। ईलेटस टेक्नोमीडीया, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया तथा अर्नस्ट एंड यंग के सयुंक्त तत्वाधान में एजुकेशन इनोवेशन समिट के राजस्थान संस्करण का मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से आयोजन हुआ। समिट में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कोविड महामारी के दौरान राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में किये गए विभिन्न डिजिटल नवाचारों के बारे में जानकारी दी।
श्री डोटासरा ने कहा की गतवर्ष सभी स्कूलों के बंद हो जाने के बाद स्माइल प्रोजेक्ट के माध्यम से व्हाट्सऎप ग्रुप्स के द्वारा विद्यार्थिओं को शिक्षकों से जोड़ा गया। डिजिटल पाठ्यसामग्री तथा होमवर्क बच्चों को उपलब्ध कराये गए। ई कक्षा के माध्यम से यूट्यूब पर छात्रों को सभी विषयों पर पाठ्यसामग्री के वीडियो उपलब्ध कराये गए। रुचिकर गतिविधिओं के माध्यम से छोटे बच्चों को पढ़ाने हेतु हवामहल कार्यक्रम के रूप में एक डिजिटल नवाचार लाया गया।
 राज्य के विद्यार्थी वर्ग का एक बड़ा हिस्सा इंटरनेट की सुविधा से वंचित है उन विद्यार्थियों की शिक्षा सुचारु रूप से जारी रखने के लिए आओ घर में सीखें अभियान चलाया गया जिसके तहत शिक्षकों ने कोविड गाइडलाइंस का ध्यान रखते हुए घर घर जाकर बच्चों को पढ़ाया। साथ ही वर्कबुक और वर्कशीट्स के माध्यम से भी अध्यापन का कार्य जारी रखा गया जिसकी प्रशंसा केंद्र सरकार द्वारा भी की गयी हैं। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन तथा रेडियो के माध्यम से भी बच्चों के शिक्षण का कार्य लगातार किया जा रहा है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा की विभाग के निरंतर परिश्रम का ही परिणाम है की हाल ही में स्कूल एजुकेशन हेतु जारी परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में राज्य की ए प्लस रैंक आयी है। श्री डोटासरा ने कहा की कोविड महामारी के दौरान डिजिटल शिक्षा में की गयी अप्रत्याशित प्रगति का लाभ भविष्य में भी लिया जाएगा। राज्य की हजारों आईसीटी लैब्स में ई कक्षा का कंटेंट उपलब्ध कराया जायेगा और कम्प्यूटर कैडर की भर्ती से सुचारु रुप से ये कंटेंट विद्यार्थिओं तक पहुँचाया जा सकेगा।
 शिक्षा राज्य मंत्री ने राज्य में शिक्षा परियोजनाओं को लागू करते हेतु आवश्यक बजट में केंद्र का योगदान बढ़ाने का सुझाव दिया ताकि नयी शिक्षा नीति का क्रियान्वन सुचारू रूप से हो सके। साथ ही नई शिक्षा नीति में शिक्षक भर्ती के लिए इंटरव्यू लेने की बात का विरोध करते हुए कहा कि इससे प्रक्रिया की पारदर्शिता कम हो सकती है। शिक्षा मंत्री ने माइक्रोसॉफ्ट से कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के माध्यम से सरकारी विद्यालयों में टेक्नोलॉजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने, अध्यापकों को ऑनलाइन एजुकेशन में और अधिक प्रशिक्षित करने तथा आह्वान मुख्यमंत्री द्वारा गरीब बच्चों को निशुल्क कोचिंग प्रदान करने हेतु लाई गई योजना में सहयोग करने का आव्हान किया। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक, डॉ भंवर लाल तथा माध्यमिक शिक्षा निदेशक, सौरभ स्वामी भी वेबिनार में शामिल हुए।
—–