स्टेन स्वामी की जैल मे मौत लोकतंत्र की हत्या – एस.डी.पी.आई. गंगापुर सिटी

स्टेन स्वामी की जैल मे मौत लोकतंत्र की हत्या – एस.डी.पी.आई. गंगापुर सिटी

दिनांक 08 जुलाई 2021। गत दो दिन पहले 05 जुलाई को फादर स्टेन स्वामी की जैल मे हुई मौत को लेकर आज पूरे देश भर में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इण्डिया (एस.डी.पी.आई.) के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत गंगापुर सिटी एस डी एम कार्यालय पर प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस प्रदर्शन के अवसर पर अपने संबोधन में पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष आसिफ खान ने कहा कि जब से केन्द्र में एन.डी.ए. की भाजपा सरकार सत्ता में आई है तब से देश के ईमानदार पत्रकारों, सामाजिक एंव मानवधिकार कार्यकर्ताओं को कई प्रकार से सत्ता विरोधी – राष्ट्रविरोधी के नाम पर बुरी तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। देश में कही भी जन विरोधी नीतियों को लेकर सामाजिक संगठनों, विपक्षी राजनीतिक दलों, किसानों, आदिवासियों, राज्य एंव सरकारी कर्मचारी संगठनों, व्यापारियों तथा आमजन के आंदोलनो को कुचलने के लिए सरकारी मशीनरीयों का दुरूप्योग किया जा रहा है। लोगों को झूटे मुकदमों में परेशान कर उन्हें जैलों में डालना, उन पर संपत्तियां और आय के स्त्रोत का डर दिखा कर छापे मारना – डराना आम घटनाएं हो गई है।

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इसी कड़ी में दक्षिण भारत के सामाजिक एंव मानवधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी जो की आदिवासी एंव दबे कुचलों की आवाज़ उठाते थे उनको राष्ट्रद्रोह व अन्य मामलों में यू.ए.पी.ए के तहत गिरफ्तार कर जैल में डाल दिया गया जबकि स्टेन स्वामी जो की 84 वर्ष का एक वृद्ध व्यक्ति गंभीर पर्किंगसन बीमारी से ग्रस्त खुद अपने हाथ से पानी भी नहीं पी सकते थे ऐसे व्यक्ति को जेल में डालकर उसके साथ आप अपराधी के तरह व्यवहार करना नितांत ही प्रताड़ना वाला कृत्य था स्टेन स्वामी एक एक्टीविस्ट थे उनको एक आन्दोलनकारी या राजनीतिक कैदी की जो सुविधाए जैल में मिलनी थी उनसे भी उन्हें वंचित रखा गया। उनकी उम्र और गिरते स्वासथ्य के कारणों को नज़रअंदाज कर एन.आई.ए. द्वारा उनको ज़मानत देने से भी इनकार कर दिया गया। इस तरह के वरिष्ठ मानवधिकार कार्यकर्ता की जैल में मौत हो जाना उनके खुद के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन के साथ साथ भरतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की भी मौत हो जाना है।

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एसडीपीआई इस घृणित एंव अलोकतांत्रिक दमन कारी व्यवस्था का विरोध करने के लिए आज सड़को पर उतर कर प्रदर्शन कर रही है। क्याकि अभी भी फर्ज़ी मुकदमों में कई पत्रकार, एक्टीविस्ट व अन्य आंदोलनकारी जैलों में है ऐसा न हो कि फादर स्टेन स्वामी के साथ जो आज अन्याय हुआ है। वही कल उन सभी बन्दियों के साथ भी भविष्य में देखने को मिले। केन्द्रीय सरकार को चाहिए कि इस तरह के मामलों में जो भी जेलों मे बंद है अनको तुरन्त रिहा करवाएं तथा स्टेन स्वामी केस प्रकरण में जो अमानवीय कारण रहे है उनकी जांच करवा कर दोषियों पर कार्यवाही करें।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष आसिफ खान, नजरुद्दीन साहब ,तारिक जमाल ,रहमान खान ,शाहरुख़ खान, इमरान बागवान ,फईम खान , सालिम खान ,आरिफ खान ,शकील खान , हासिम उदयी ,साजिद खान , इरफ़ान मलिक , आदि लोग मोजूद रहे \