आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), वित्त मंत्रालय और भारतीय प्रबंधन संस्थान बंगलुरू द्वारा आयोजित ‘सार्वजनिक निजी साझेदारी’ पर दो सप्ताह लंबा वर्चुअल एडवांस लेवल प्रशिक्षण कार्यक्रम आज शुरू हो गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ अतिरिक्त सचिव, डीईए श्री के. राजारमन ने किया और उद्घाटन भाषण संयुक्त सचिव, डीईए श्री बलदेव पुरुषार्थ ने दिया। विशेष संबोधन देने वालों में आईआईएमबी के चेयरपर्सन, एग्जीक्यूटिव एजुकेशन प्रोग्राम्स प्रो. जी. शैनेष; आईआईएमबी प्रो. जी. रघुराम, आईआईएमबी प्रो. आर. टी. कृष्णन और आईआईएमबी प्रो. अनिल बी सूरज शामिल रहे। डीईए में उप सचिव डॉ. मोलिश्री ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों के आयोजित एक अग्रिम स्तर का प्रशिक्षण कार्यक्रम है। ये अधिकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से संबंध रखते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, मेघालय, असम, मणिपुर और सिक्किम सरकार के कुल 25 अधिकारियों ने भाग लिया है।
डीईए समाज के हित में केन्द्र और राज्यों के उद्देश्यों को श्रेणीबद्ध करने के लक्ष्य के साथ पूर्व में राज्यों के अधिकारियों में क्षमता निर्माण की पहलों का आयोजन करता रहा है, जिनसे आगे देश के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) के माध्यम से राष्ट्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) और गति शक्ति के साथ निजी क्षेत्र की क्षमता और संसाधनों से इसे और बढ़ावा मिला है।
निजी क्षेत्र के संसाधनों और क्षमता को आकर्षित करने में पीपीपी के महत्व को देखते हुए, कार्यान्वयन का चयनित विकल्प प्रमाण और उचित आर्थिक विश्लेषण पर आधारित होना चाहिए। एक बेहतर वित्तीय और फैसला लेने के लिए, नीति निर्माताओं की क्षमता निर्माण एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पीपीपी की बेहतर अवधारणा और स्वरूप के लिए अधिकारियों की पीपीपी की उचित समझ विकसित करने और उनकी मूल्यांकन क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक प्रयास है। इसमें परिदृश्य सोच, परियोजना पहचान व प्रबंधन, भागीदार चयन व प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण और सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर डिलिवरी को स्थायी और कुशलता के साथ आगे बढ़ाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर में स्टार्टअप्स की मुख्यधारा में भागीदारी के लिए पीपीपी के अन्य महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं।
अग्रिम स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम में निर्णय लेने के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विचार-विमर्श होगा, जिसमें पीपीपी का डिजाइन और स्वरूप, खरीद और निविदा प्रक्रियाएं, परियोजना जोखिम प्रबंधन, निगरानी और नियंत्रण, परियोजना लागत अनुमान और बजटिंग, परियोजना व्यवहार्यता विश्लेषण, दीर्घकालिक अनुबंध जोखिमों का प्रबंधन और विवाद समाधान आदि शामिल हैं।
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