मुख्य विशेषताएं-
रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेवाओं और भारतीय तटरक्षक द्वारा सिमुलेटर के अधिक और समावेशी उपयोग संबंधी रूपरेखा की घोषणा की है। इसका व्यापक विजन योद्धाओं, नेताओं, अनुरक्षकों, प्रशासकों, जीव विज्ञान विशेषज्ञों, खरीदार और वित्तीय एजेंसियों के लिए सभी सैन्य क्षेत्रों में सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण के लिए बदलना लाना है। इस प्रकार लागत प्रभावी, निपुण, सुरक्षित, त्वरित और स्मार्ट प्रशिक्षण प्राप्त करना है।
इस रूपरेखा में स्वदेशी डिजाइन और विकास पर जोर देने के साथ-साथ भारतीय कंपनियों को सिमुलेटरों के परिचालन और रखरखाव की आउटसोर्सिंग पर भी जोर दिया गया है। इस रूपरेखा में निम्नलिखित लक्ष्यों और उद्देश्यों को शामिल किया गया है-
• लाइव उपकरण उपयोग को कम करना-
• सिमुलेटरों को चरणबद्ध तरीके से शामिल करने के लिए क्षमता योजना पूर्ति सुनिश्चित करना।
• खरीदारी की योजना चरण में सिमुलेटरों की फेक्टर जरूरत को विधिवत रूप से पूरा करना।
•खरीदारी के दौरान सरकार की विभिन्न एजेंसियों और सिमुलेटरों की फेक्टरयुक्त आवश्यकताओं के बीच समन्वय स्थापित करना।
यह नीति सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग किए जा रहे और भविष्य में खरीदे जाने वाले सभी प्रकार के सिमुलेटरों पर लागू होगी। प्रशिक्षण पर खर्च को कम करते हुए और उपकरणों के जीवन को संरक्षित करते हुए उच्चस्तर की तैयारी हासिल करने के लिए सिमुलेशन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के मार्ग लगातार तलाशे जाएंगे।
तीनों सेनाओं और भारतीय तटरक्षक द्वारा सिमुलेटरों के अधिक उपयोग के नवसंचार के लिए रक्षा मंत्रालय औद्योगिक संघ के सभी घटकों को सौंपी गई जिम्मेदारियों के साथ एक विस्तृत कार्य योजना का अनुपालन किया जाएगा। विकास, उत्पादन और रखरखाव के कार्य में लगी भारतीय एजेंसियों को सेना द्वारा सैन्य सिमुलेटरों के उत्पादन, तैनाती और रखरखाव के लिए उच्चतम स्तर के स्वदेशीकरण को सुनिश्चित करने के लिए नियोजित किया जाएगा।
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