रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने 12 नवंबर 2021 को लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (यूपीडीआईसी) में निवेश बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श किया। रक्षा मंत्री ने बैठक के दौरान वहां उपस्थित निजी रक्षा उद्योगों के प्रतिनिधियों के विचारों को सुना और फिर श्री सिंह को यूपीडीआईसी में निवेश की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई।
बैठक में उद्योग प्रतिनिधियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति की सराहना करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने के लिए उत्तर प्रदेश में जल्द ही एक मजबूत रक्षा निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम रक्षा उद्योगों की आवश्यकताओं, जोखिमों तथा ताकत को समझते हैं। अगर किसी उद्योग में जल्द से जल्द हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने की क्षमता है, तो वह हमारे लिए लाभदायक उद्योग है, इसलिए मैं विभिन्न प्लेटफार्मों पर इस बात पर जोर देता रहा हूं। उन्होंने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना को उन महत्वपूर्ण कदमों में से एक बताया, जो रक्षा उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
रक्षा मंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार रक्षा औद्योगिक गलियारों में निवेश को प्रोत्साहित करने तथा रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पहली बार निजी उद्योगों को घरेलू विनिर्माण में हिस्सेदारी दी गई है। रक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2000 और 2014 के बीच जारी 200 लाइसेंसों की तुलना में वर्ष 2014 से अब तक निजी उद्योगों को 350 से अधिक लाइसेंस जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि डिजाइन और विकास परियोजनाओं में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत प्रावधानों पर विचार किया जा रहा है। श्री राजनाथ सिंह ने उद्योग प्रतिनिधियों के विशिष्ट प्रस्तावों पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उनका मंत्रालय रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने में सुधार लाने के सभी सुझावों पर विचार करेगा तथा उन पर कार्रवाई करेगा।
रक्षा मंत्री ने सरकार की कुछ पहलों को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि यूपीडीआईसी रक्षा कंपनियों को संयोजकता, संसाधन और सकारात्मक परिवेश प्रदान करेगा तथा इनके लिए नए अवसर लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा प्रौद्योगिकी का मुफ्त हस्तांतरण और विश्व की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों तक पहुंच बनाने के लिए एफडीआई सीमा में वृद्धि निजी क्षेत्र में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने में सरकार द्वारा उठाए गए कुछ प्रमुख कदम हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र में कार्यरत वैश्विक दिग्गजों के साथ अनुबंध किया है, जिससे परिचालन क्षमताओं तथा शक्तियों में वृद्धि होगी और अधिकांश रक्षा प्लेटफार्मों का निर्माण भारत में ही भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी के माध्यम से किया जाएगा। श्री सिंह ने घरेलू खरीद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, सरकार ने अपने आधुनिकीकरण कोष का लगभग 64 प्रतिशत हिस्सा पूंजी अधिग्रहण बजट 2021-22 के तहत घरेलू कंपनियों से खरीद के लिए निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि ‘मेक’ श्रेणी में सुधार किया गया है और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने हेतु इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस- रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) शुरू किया गया है। रक्षा मंत्री ने उल्लेख किया कि, आईडीईएक्स से संबंधित खरीद के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसे भविष्य में और बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों के लिए हमारे स्टार्टअप्स को सहयोग देने हेतु अलग से 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। रक्षा मंत्री ने एक आयातक से एक निर्यातक बनने तक भारत की प्रगति की नींव रखने का श्रेय रक्षा उद्योगों को दिया। श्री राजनाथ सिंह ने कहा, पिछले पांच वर्षों में हमारा रक्षा निर्यात 334 प्रतिशत बढ़ा है और आज हम 75 देशों को निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने प्रमुख रक्षा उद्योगों से अनुसंधान और विकास तथा विनिर्माण के अधिक क्षेत्रों की पहचान करने का आग्रह किया और कहा कि बड़े घरेलू व्यापारिक घरानों तथा विदेशी मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) सहायक कंपनियों को न केवल यूपीडीआईसी की क्षमता का दोहन करने के लिए बल्कि उनके विचारों को सुनने के लिए भी आमंत्रित किया गया है।
श्री राजनाथ सिंह ने पिछले चार वर्षों में राज्य में एक अनुकूल कारोबारी माहौल बनाने में तत्काल कार्रवाई करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की। राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों का जिक्र करते हुए श्री सिंह ने कहा कि नए नीतिगत सुधारों के साथ-साथ ‘व्यापार करने में आसानी’ में लगातार बढ़ती रैंकिंग के साथ, राज्य में औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है और यह कदम ‘उत्तर प्रदेश’ को ‘उत्तम प्रदेश’ के पथ पर आगे लेकर गया है। रक्षा मंत्री ने कहा, उन्हें जानकारी दी गई है कि राज्य सरकार ने यूपीडीआईसी के सभी नोड्स पर भूमि अधिग्रहण पर काम किया है और यह तेज गति से जारी रहेगा। उन्होंने निवेश के लिए कानून व्यवस्था के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस संबंध में सराहनीय कार्य किया है। इस बात का उल्लेख करते हुए कि केंद्र सरकार अनुसंधान एवं विकास और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के साथ हाथ से हाथ मिलकर काम कर रही है, श्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा आने वाले समय में राज्य में औद्योगिक क्रांति का वाहक बनेगा।
श्री सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में उद्योग के प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों की उपस्थिति सरकार तथा रक्षा उद्योग में अन्य हितधारकों के बीच रचनात्मक बातचीत का संकेत है। रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन का समापन यह कहते हुए किया कि उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा उत्तर प्रदेश में एक मजबूत रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र बनाने तथा सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को शुरू कर दिया गया है और उनमें से अधिकांश में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले डिफेंस एक्सपो 2020 में 70 से अधिक देशों की 1000 से अधिक कंपनियों के प्रतिनिधियों की भागीदारी यूपीडीआईसी के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी बीएचयू और आईआईटी कानपुर जैसे शैक्षणिक संस्थान एवं तकनीकी उद्योग हैं। मुख्यमंत्री ने यूपीडीआईसी में ब्रह्मोस, डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड की दो प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी सूचित किया कि दोनों परियोजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेश से राज्य को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य में योगदान करने में मदद मिलेगी और भारत को रक्षा क्षेत्र में एक निर्यात केंद्र बनने में सहायता प्राप्त होगी।
उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री श्री सतीश महाना, राज्य मंत्री श्री धर्मदेव प्रजापति, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, रक्षा उत्पादन सचिव श्री राज कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव और उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण- यूपीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अवनीश अवस्थी, रक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारियों तथा निजी उद्योग के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में भाग लिया।
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