राजस्व विभाग सेवाएं सुलभ व सरल बनाने के लिए प्रयासरत – राजस्व मंत्री

राज्य में कृषि भूमि रूपान्तरण की ऑनलाईन प्रक्रिया की शुरूआत
राजस्व विभाग सेवाएं सुलभ व सरल बनाने के लिए प्रयासरत – राजस्व मंत्री

जयपुर 18 जनवरी। राजस्थान भू-राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्तन) नियम, 2007 के अन्तर्गत भूमि रूपान्तरण की समस्त प्रक्रिया को ऑनलाईन किये जाने हेतु ऑनलाईन पोर्टल का आरम्भ सोमवार को शासन सचिवालय से विडियो कॉॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी ने किया। इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 11 जनवरी को बाडमेर जिले में लागू किया गया था।

समस्त जिला कलेक्टर एवं राजस्व अधिकारियाें के साथ आयोजित वीसी में राजस्व मंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग ने विगत 2 वर्षों में राजस्व कानूनों, नियमों एवं प्रकियाओं में आमूलचूल परिवर्तन आमजन को विभाग की सेवाएं सुलभता एवं सरलता से उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से किये गये हैं। डीआईएलआरएमपी प्रोजेक्ट के माध्यम से राज्य के भू अभिलेख को ऑनलाईन किये जाने का कार्य सभी के प्रयास से पूर्णता की ओर है। वहीं नामान्तरकरण, ऋण सुविधा, गिरदावरी एवं पुराने भू अभिलेख रिकॉर्ड को ऑनलाईन करने का कार्य आरम्भ कर दिया गया है। यह प्रगति पर है।

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राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ रूपान्तरण एक ऎसी प्रकिया है जिसमें काश्तकार, आम आदमी व रीयल स्टेट से संबंधित लोग सीधे तौर पर राजस्व विभाग से जुड़े हैं। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का विलम्ब विभाग की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। भू रूपान्तरण की प्रक्रिया को ऑनलाईन किये जाने से इस गतिविधि से जुड़े सभी पक्ष आवेदन से लेकर आदेश जारी होने तक की समस्त कार्यवाही की ऑनलाईन जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

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राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री आनन्द कुमार ने कहा कि कृषि भूमि रूपान्तरण नियम 2007 के अंतर्गत ऑनलाईन प्रक्रिया हेतु 28 दिसम्बर 2020 को प्रशिक्षण दिया गया था जिसमें तहसील, ब्लॉक व जिला स्तर के अधिकारियों व संबंधित कार्मिकों का प्रथम प्रशिक्षण किया गया था। इसी प्रकार 11 जनवरी को इसे पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में बाडमेर जिले में लागू किया गया एवं सोमवार को राजस्व मंत्री द्वारा इसे पूरे प्रदेश के 33 जिलों में लागू किया गया है।