हमें वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा – मुख्य सचिव

नाइट स्काई टूरिज्म की जयपुर में हुई शुरूआत
टेलीस्कोप से निःशुल्क देख सकेंगे आकाशीय नजारे
नाइट स्काई टूरिज्म की शुरूआत से विज्ञान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा होगी – कला एवं संस्कृति मंत्री
हमें वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा – मुख्य सचिव
जयपुर, 21 जनवरी। कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला तथा मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य की उपस्थिति में जयपुर में गुरूवार को नाइट स्काई टूरिज्म की शासन सचिवालय से शुरूआत की गई। सचिवालय के लॉन में टेलीस्कोप के माध्यम से सायं 5ः30 बजे से आकाश से संबंधित दृश्यों को देखा गया। मंगल ग्रह भी साफ दिखाई दिया।
इस मौके पर कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने टेलीस्कोप के माध्यम से आकाशीय नजारों को देखने के बाद कहा कि नाइट स्काई टूरिज्म की शुरूआत से विज्ञान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा होगी तथा आकाशीय पिंडाें में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को इससे मदद मिलेगी।
डॉ. कल्ला ने कहा कि इसके लिए शहर में अलग-अलग स्पॉट बनाने होगे जहां से टेलिस्कॉप के माध्यम से पर्यटक आकाशीय नजारो का अवलोकन कर सकें। उन्होंने कहा कि नाइट स्काई टूरिज्म से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही आम जनता मेंं वैज्ञानिक सोच का निर्माण भी होगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने भी आकाशीय अद्भुत नजारों को देखा। उन्होंने कहा कि चांद को एक नये स्वरूप में देखना एक नया ही अनुभव है। श्री आर्य ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर स्थित गढ््ढों को इतना साफ देखना उनके लिए अद्भुत अनुभव है। मुख्य सचिव ने कहा कि आम जीवन को विज्ञान और बेहतर बना सकता है, इसलिए हमें वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक नई शुरूआत है। इससे लोगों को एक नई दिशा में सोचने एवं आकाश गंगा के बारे में जानने की जिज्ञासा पैदा होगी।
शासन सचिव, कला एवं संस्कृति तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि लोगों में वैज्ञानिक सोच पैदा हो, प्रकृति में होने वाली घटनाओं के बारे में वैज्ञानिक तरीके से लोग जागरूक हो सके। इसके लिए नाईट स्काई टूरिज्म की शुरूआत की गई है। लोगों के लिए निःशुल्क रूप से यह सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रतिमाह खगोलीय परिदृृश्य के अनुसार यह सुविधा विभिन्न दिनों में अलग-अलग स्थानों पर निःशुल्क रूप से दिखाई जाएगी।
श्रीमती सिन्हा ने कहा कि इस क्रम में समय-समय पर होने वाली विशिष्ट खगोलीय घटनाओं को दिखाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा व्यवस्था की गई है। 22 जनवरी को जवाहर कला केन्द्र से टेलीस्कोप द्वारा चंद्रमा को दिखाया जाएगा, 11 फरवरी को जंतर-मंतर से शनि,बृहस्पति, शुक्र एवं बुध ग्रहों को दिखाया जाएगा, 5 मार्च को अलबर्ट हॉल से बृहस्पति एवं बुध ग्रहों के संयोग को दिखाया जाएगा, 17 मई को आमेर किले से बुध ग्रह को दिखाया जाएगा, 26 मई को आमेर दुर्ग से वर्ष 2021 के सबसे बड़े चंद्रमा का दर्शन कराया जाएगा, 3 जुलाई को अलबर्ट हॉल से शुक्र ग्रह को दिखाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार नाहरगढ़ दुर्ग से 2 अगस्त को शनि एवं चंद्रमा, 20 अगस्त को बृृहस्पति एवं चंद्रमा, 23 अगस्त को बृहस्पति पर होने वाले ग्रहण को दिखाया जाएगा, 4 सितम्बर को सिटी पैलेस से वरूण एवं चंद्रमा को दिखाया जाएगा, राजस्थान विश्वविद्यालय से 4 अक्टूबर को बृहस्पति पर पड़ने वाली छाया एवं 29 अक्टूबर को शुक्र ग्रह का दृश्य दिखाया जाएगा एवं 4 नवंबर को जंतर मंतर से अरूण एवं चंद्रमा का खगोलीय दृश्य निःशुल्क दिखाया जाएगा। खगोलीय घटनाओं में रूचि रखने वाले शोधार्थियों एवं जनसाधारण को हमारे सौरमंडल की विशिष्ट खगोलीय घटनाओं से परिचित कराने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इस कार्यक्रम की परिकल्पना की गई है।
इस मौके पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री राजेश यादव, प्रमुख शासन सचिव श्री हेमन्त गेरा, श्रम सचिव श्री नीरज के. पवन सहित संबंधित विभागों के अधिकारी सहित सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।