केन्द्र सरकार का पहला बजट 2024 : जानिए बजट में किसको क्या मिला तोहफा, सम्पूर्ण जानकारी

केन्द्र सरकार का पहला बजट 2024 : जानिए बजट में किसको क्या मिला तोहफा, सम्पूर्ण जानकारी

  • प्रधानमंत्री पैकेज के तहत पांच वर्ष की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल विकास और अन्‍य अवसर उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से दो लाख करोड़ रुपये की केन्‍द्रीय सहायता की घोषणा
  • सरकार ने नई कर व्यवस्था को अधिक आकर्षक बनाया
  • वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय आर्थिक विकास अपवादस्वरूप निरंतर जारी रहेगा
  • सीमा शुल्क में सुधार से घरेलू विनिर्माण को सहयोग और निर्यात प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा : वित्त मंत्री
  • निवेशकों के सभी वर्गों के लिए ‘एंजेल टैक्स’ को समाप्त किया गया
  • कैपिटल गेन कराधान सरल और युक्तिसंगत बनाया गया
  • सरकार करों को सरल बनाना, करदाता सेवाओं में सुधार करना – सरकार का निरंतर प्रयास : केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री
  • जीएसटी व्‍यापक तौर पर सफल रहा है और इसने आम लोगों पर कर का बोझ घटाया है: वित्त मंत्री
  • सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार से संबंधित प्रोत्साहन’ के लिए 3 योजनाएं लागू करेगी
  • प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण के लिए चौथी योजना के रूप में केन्द्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना
  • प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत 5वीं योजना के रूप में शीर्ष कम्पनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की योजना की शुरूआत
  • केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई को प्रोत्साहन देने के लिए आठ नए उपायों का प्रस्ताव किया
  • केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान
  • उत्पादकता बढ़ाने और फसलों की जलवायु-सहनीय किस्मों के विकास के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था पर विशेष ध्यान
  • भूमि संबंधी सुधारों और कार्यों को अगले तीन वर्षों के भीतर पूरा करने के लिए प्रोत्साहन
  • राज्यों को उनकी व्यापार सुधार कार्य योजना और डिजिटलीकरण के कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगाः आम बजट 2024-25
  • राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के अंतर्गत अवसंरचना के साथ निवेश हेतु तैयार बारह “प्लग एंड प्ले” औद्योगिक पार्कों को विकसित किया जाएगा : केन्‍द्रीय बजट 2024-25
  • केन्द्रीय बजट में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को बढ़ाकर अगले 10 साल में 5 गुनी करने के लिए ₹1,000 करोड़ के एक वेंचर कैपिटल फंड का ऐलान किया
  • विद्युत भंडारण के लिए पम्‍प्‍ड स्‍टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति लाई जाएगी
  • समावेशी एवं व्‍यापक संसाधन विकास और सामाजिक न्याय के लिए ‘परिपूर्णता दृष्टिकोण’ अपनाया जाएगा
  • सरकार की योजनाओं और नीतियों के अधीन किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं के लिए घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए `10 लाख तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता की घोषणा
  • केन्‍द्रीय बजट ने आर्थिक विकास में महिलाओं की बढ़ी हुई भूमिका की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के संकेत दिए
  • वित्‍त मंत्री ने जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्‍नत ग्राम अभियान की घोषणा की
  • अवयस्क बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ की घोषणा; माता-पिता और अभिभावकों द्वारा अंशदान
  • श्रीमती सीतारमण ने कहा : भारत को वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाने के हमारे प्रयासों से रोजगार सृजित होंगे, निवेश बढ़ेगा और अन्य क्षेत्रों में आर्थिक अवसर खुलेंगे
  • पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से शहरी गरीबों मध्‍यम वर्गीय आय वाले प‍रिवारों के लिए एक करोड़ आवासों को पूरा करेगी।
  • बजट 2024-25 में पूंजीगत व्यय के लिए `11,11,111 करोड़ का प्रावधान किया
  • वित्‍त वर्ष 2023-24 में भारत की वास्‍तविक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत और नॉमिनल वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत रही है

वित्‍त वर्ष 2023-24 में भारत की वास्‍तविक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत और नॉमिनल वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत रही है

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्‍त वर्ष 2024-25 में विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्‍यक्‍त किया है

औसत खुदरा मुद्रास्‍फीति 2022-23 में 6.7 प्रतिशत की तुलना में वित्‍त वर्ष 2023-24 में 5.4 प्रतिशत पर आई

वित्‍त वर्ष 2024-25 में बजटीय अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्‍पाद का 4.9 प्रतिशत होने की संभावना

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा ”हमारा लक्ष्‍य घाटे को अगले वर्ष 4.5 प्रतिशत से नीचे लेकर आना है

वर्ष 2024-25 के दौरान सकल और निवल बाजार उधारियां क्रमशः 14.01 लाख करोड़ और 11.63 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है

एससीबी का सकल गैर निष्‍पादित संपत्ति (जीएनपीए) अनुपात वित्‍त वर्ष 2017-18 में अपने सर्वोच्‍च स्‍तर 11.2 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2024 में घटकर 2.8 प्रतिशत पर आया है

सकल कर राजस्‍व (जीटीआर) 2023-24 के राजस्‍व अनुमान से 11.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान, पीए 2023-24 में 38.40 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 11.8 प्रतिशत)

प्रमुख सब्सिडियों में जीडीपी के 1.4 प्रतिशत की कमी का अनुमान, आरई 2023-24 से बीई 2024-25 में जीडीपी के 1.2 प्रतिशत

वस्‍तु और सेवा कर में 11 प्रतिशत बढोत्‍तरी दर्ज होने की संभावना, वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए आरई और पीई से अधिक, जो बीई 2024-25 में 10.62 लाख करोड़ रुपये

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि मेक्रो इकनामिक फ्रेमवर्क स्‍टेटमेंट और मीडियम टर्म फिस्‍कल पॉलिसी कम फिस्‍कल पॉलिसी स्‍ट्रेटजी स्‍टेटमेंट भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के मुख्‍य वित्‍तीय सूचकों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। यह अनिश्चित वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था के संबंध में प्रमुख बिन्‍दुओं के रूप में देखा जा रहा है। सरकार राजकोषीय घाटे को वित्‍त वर्ष 2025-26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक लाने में सफलता प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से निरंतर कार्य करेगी। इसके अलावा सरकार सतत विकास के साथ ही लोगों के कल्‍याण और आर्थिक वृद्धि में ऋण तथा सकल घरेलू उत्‍पाद के बीच समन्‍वय बनाने का प्रयास करते हुए लक्ष्‍य प्राप्‍त करने में ध्‍यान केन्द्रित करेगी।

वित्‍त वर्ष 2023-24 में भारत की वास्‍तविक दर 8.2 प्रतिशत और नॉमिनल वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत रही। वित्‍त 2023-24 में प्राईवेट कंजम्‍प्‍शन एक्‍सपेंडीचर में 4.0 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। ऐसा शहरी और ग्रामीण मांग में परिवर्तित हुई विभिन्‍न लाभप्रद स्थितियों के कारण संभव हुआ है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्‍त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि दर के 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्‍यक्‍त किया है। इसके साथ ही सामान्‍य दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से कृषि क्षेत्र में सकारात्‍मक माहौल देखा गया है, जिसका आर्थिक असर नजर आ रहा है। बैंकों की बैलेंस शीट, कार्पोरेट क्षेत्र का सशक्तिकरण और सरकार द्वारा लगातार अर्थव्‍यवस्‍था पर ध्‍यान दिये जाने से सतत विकास, उच्‍च क्षमता उपभोग तथा व्‍यवसायिक अवसर भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत बनाते हैं।

औसत खुदरा मुद्रास्‍फीति वित्‍त वर्ष 2022-23 में 6.7 प्रतिशत की तुलना में वित्‍त वर्ष 2023-24 में 5.4 प्रतिशत पर आ गई है। शीर्ष पर महंगाई जून 2024 में 5.1 प्रतिशत थी, जो कोर मुद्रास्‍फीति की दर से 3.1 प्रतिशत नीचे है। सर्वांगीण रूप से मुद्रास्‍फीति भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में देखी गई है।

वर्ष 2024-25 के लिए, उधारियों को छोड़कर कुल प्राप्तियां तथा कुल व्यय क्रमशः 32.07 लाख करोड़ रुपए और 48.21 लाख करोड़ रुपए अनुमानित हैं। सकल कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपए अनुमानित हैं। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पूंजीगत व्यय सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत यानि 11,11,111 करोड़ रुपए रहा। इसमें राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए 1,50,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता शामिल है। बजटीय पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2019-20 के पूंजीगत व्यय का 3.3 गुणा है और 2024-25 के बजटीय अनुमान में कुल परिव्यय का 23 प्रतिशत है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “वर्ष 2021 में, मेरे द्वारा घोषित राजकोषीय समेकन उपाय से हमारी अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है और हमारा लक्ष्य अगले वर्ष घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है।”उन्होंने कहा कि सरकार इस राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। श्रीमती सीतारमण ने कहा, “वर्ष 2026-27 से, हमारा प्रयास प्रति वर्ष राजकोषीय घाटे को इस प्रकार रखना है कि केंद्र सरकार का ऋण सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में लगातार कम होता रहे।”

लेखा महा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा प्रकाशित 3 अस्थाई वास्तविक (पीए) के अनुसार केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.6 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा वर्ष 2023-24 में राजस्व घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 2.6 प्रतिशत कम हुआ है।

सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 के बजटीय अनुमान (बीई) के अनुसार केंद्र सरकार के प्रमुख राजकोषीय सूचकांक नीचे सूची में दिए गए हैं:

राजकोषीय सूचकांकबजटीय अनुमान 2024-25 (प्रतिशत में)
  1. राजकोषीय घाटा
4.9
  1. राजस्व घाटा
1.8
  1. प्राथमिक  घाटा
1.4
  1. कर राजस्व (सकल)
11.8
  1. गैर कर राजस्व
1.7
  1. केंद्र सरकार के ऋण
56.8

वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से सकल और निवल बाजार उधारियां क्रमशः 14.01 लाख करोड़ रुपए और 11.63 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। दोनों ही वर्ष 2023-24 की तुलना में कम होंगे।

मार्च 2024 के अंत तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियों का औसत घटकर 2.8 प्रतिशत पर आ गया। वर्ष 2017-18 में यह 11.2 प्रतिशत के उच्चस्तर पर था। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने मार्च 2024 में अपनी पूंजी को पूंजीगत भंडार में उच्च लाभ और नई पूंजी जोड़ कर सीआरएआर को 16.8 प्रतिशत कर लिया।

2024-25 के बजटीय अनुमान में सकल कर राजस्व (जीटीआर) के 11.7 प्रतिशत से बढ़ने का अनुमान किया गया है। सकल कर राजस्व का 38.40 लाख करोड़ रुपए (जीडीपी का 11.8 प्रतिशत) होने का अनुमान है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों का सकल कल राजस्व का क्रमश: 57.5 प्रतिशत और 42.5 प्रतिशत का योगदान देने का अनुमान है। कर राजस्व के  5.46 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

वर्ष 2023-24 के राजस्व अनुमान में प्रमुख सब्सिडी के 1.4 प्रतिशत से 2024-25 के बजटीय अनुमान का 1.2 प्रतिशत होने की संभावना है। 2024-25 के बजट अनुमान में राजस्व व्यय 10.3 प्रतिशत यानि 3.81 लाख करोड़ रुपए की प्रमुख सब्सिडी रहेगी।

राजस्व प्राप्ति और राजस्व व्यय में संतुलन बनाने के लिए बजट अनुमान 2024-25 में केंद्र सरकार की राजस्व प्राप्ति और राजस्व व्यय के क्रमश: 31.29 लाख करोड़ रुपए और 37.09 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

बजट अनुमान 2024-25 में वस्तु और सेवाकर प्राप्ति के 10.62 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी संग्रह ने प्रमुख उपलब्धि हासिल की और सकल जीएसटी संग्रह 20.18 लाख करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में इसमें 11.7 प्रतिशत वृद्धि हुई।

सकल कर राजस्व में 13.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और केंद्र का कुल कर 10.9 प्रतिशत एकत्र हुआ। केंद्र सरकार का वित्त वर्ष 2023-24 में सकल परिव्यय में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

बजट 2024-25 में पूंजीगत व्यय के लिए `11,11,111 करोड़ का प्रावधान किया

राज्य सरकार द्वारा अवसंरचना निवेश को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 1.5 लाख करोड़ के दीर्घावधि ब्याज रहित ऋण का प्रावधान

25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विगत वर्षों में अवसंरचना का निर्माण करने तथा इसे बेहतर बनाने के लिए किए गए पर्याप्त निवेश का अर्थव्यवस्था पर अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हम अन्य प्राथमिकताओं और राजकोषीय समेकन की आवश्यकताओं के अनुरूप, अगले 5 वर्षों में अवसंरचना के लिए सुदृढ़ राजकोषीय सहायता बनाए रखने का प्रयास करेंगे। इस वर्ष, मैंने पूंजीगत व्यय के लिए 11,11,111 करोड़ का प्रावधान किया है। यह हमारी जीडीपी का 3.4 प्रतिशत होगा।

इसी तरह बुनियादी ढांचे के लिए मदद प्रदान करने को लेकर राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा कि हम राज्यों को उनकी विकास प्राथमिकताओं के अध्यधीन, अवसंरचना के लिए उसी पैमाने की सहायता उपलब्ध कराने हेतु प्रोत्साहित करेंगे। राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ के दीर्घावधि ब्याज रहित ऋण का प्रावधान किया गया है।

अवसंरचना में निजी निवेश को बढ़ावा देने के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि समर्थकारी नीतियों और विनियमनों के माध्यम से अवसंरचना में निजी क्षेत्र द्वारा निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए एक बाजार आधारित वित्तपोषण फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।

जनसंख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पीएमजीएसवाई के लिए पात्र बने 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा।

श्रीमती सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सिंचाई और बाढ़ से निपटने के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार ने अक्सर बाढ़ को झेला है, उनमें से बहुतों की उत्पत्ति देश से बाहर होती है। नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजनाओं पर प्रगति होनी बाकी है। हमारी सरकार, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के माध्यम से, `11,500 करोड़ की अनुमानित लागत से कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और बैराजों, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं सहित 20 अन्य चालू और नई स्कीमों जैसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा, कोसी से संबंधित बाढ़ उपशमन और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और अन्वेषण भी किया जाएगा।

सीतारमण ने असम में निरंतर आने वाली बाढ़ की समस्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि असम प्रतिवर्ष भारत के बाहर उद्गम होने वाली ब्रह्मपुत्र नदी और इसकी सहायक नदियों द्वारा बाढ़ की विभीषिका का सामना करता है। हम असम को बाढ़ प्रबंधन और उससे संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान करेंगे।

वित्त मंत्री ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले वर्ष बाढ़ के कारण हुई व्यापक हानि की चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बहुपक्षीय विकास सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए राज्य को सहायता उपलब्ध कराएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री सिक्किम को भी बाढ़ से हुए नुकसान से निपटने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करने की घोषणा की।

पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से शहरी गरीबों मध्‍यम वर्गीय आय वाले प‍रिवारों के लिए एक करोड़ आवासों को पूरा करेगी।

औद्योगिक कामगारों के लिए पीपीपी मोड में डोरमेट्री जैसे आवास वाले किराए के मकानों की सुविधा प्रदान की जाएगी: श्रीमती निर्मला सीतारमण

सरकार राज्‍यों के सहयोग से शहरों को विकास केन्‍द्र के रूप में विकसित करेगी

100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज ट्रीटमेंट और ठोस अ‍पशिष्‍ट प्रबंधन परियोजनाओं एवं सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा

सरकार ने अगले पांच साल में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘बाजार’ के विकास में सहायता के लिए एक योजना की परिकल्पना की

अधिक स्‍टाम्‍प शुल्‍क वसूल करने वाले राज्‍यों को सभी के लिए दरों में कमी लाने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि देश की जनता ने भारत को सतत विकास के मार्ग पर ले जाने और चहुंमुखी समृद्धि के लिए हमारी सरकार को एक महत्‍वपूर्ण अवसर प्रदान किया है।

पीएम आवास योजना

प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जानकारी देते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्‍त आवासों के निर्माण की घोषणा की गई है, जिसके लिए आवश्‍यक धनराशि का प्रबंध बजट में किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि  प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के अंतर्गत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की घर संबंधी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इसमें अगले 5 वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल होगी। वित्‍त मंत्री ने कहा कि किफायती दरों पर ऋण सुविधा के लिए ब्याज सब्सिडी के एक प्रावधान की परिकल्पना भी की गई है।

 

किराये के घर

किराये पर मिलने वाले आवासों के बारे में बात करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि औद्योगिक कामगारों के लिए वीजीएफ सहायता और एंकर उद्योगों की प्रतिबद्धता के साथ पीपीपी मोड में डोरमेट्री जैसे आवास वाले किराए के मकानों की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि इसके अलावा, अधिक उपलब्धता के साथ दक्ष और पारदर्शी किराए के आवास बाजारों के लिए समर्थकारी नीतियां तथा विनियम भी बनाए जाएंगे।

विकास केंद्रों के रूप में शहर

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार राज्यों के साथ मिलकर “विकास केंद्रों के रूप में शहरों” को विकसित करने की सुविधा पर काम करेगी। उन्‍होंने कहा कि आर्थिक और आवागमन संबंधी नीतियों तथा नगर आयोजना स्कीमों का उपयोग करके शहरों के आस-पास के क्षेत्रों को सुव्यवस्थित तरीके से विकसित किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।

जल आपूर्ति और स्वच्छता

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने जल आपूर्ति और स्‍वच्‍छता के बारे में बात करते हुए कहा कि केन्‍द्र सरकार, राज्य सरकारों तथा बहुपक्षीय विकास बैंकों की साझेदारी में भरोसेमंद परियोजनाओं के माध्यम से 100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा वित्तीय रूप से व्यवहार्य परियोजनाओं को बढ़ावा देगी। इन परियोजनाओं के माध्‍यम से मिलने वाले जल का इस्‍तेमाल सिंचाई तथा आस-पास के क्षेत्रों में तालाबों को भरने की भी परिकल्पना की जा रही है।

साप्‍ताहिक बाजार

वित्‍त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सडक पर रेहड़़ी-पटरी लगाने वाले दैनिक विक्रेताओं के जीवन में बदलाव लाने के उद्देश्‍य से पीएम स्वनिधि की सफलता के आधार पर, अगले पांच साल में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘बाजार’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए एक योजना की परिकल्पना की है।

स्टाम्प शुल्क

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार सभी के लिए स्‍टाम्‍प शुल्‍क की दरों को कम करने तथा महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए शुल्कों को और कम करने पर भी विचार करने हेतु उन राज्यों को प्रोत्साहित करेंगे, जिन्होंने अधिक स्टाम्प शुल्क लगाना जारी रखा है। उन्‍होंने कहा कि इस सुधार को शहरी विकास योजनाओं का अनिवार्य घटक बनाया जाएगा।

श्रीमती सीतारमण ने कहा : भारत को वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाने के हमारे प्रयासों से रोजगार सृजित होंगे, निवेश बढ़ेगा और अन्य क्षेत्रों में आर्थिक अवसर खुलेंगे


विष्णुपाद मंदिर गलियारा और महाबोधि मंदिर गलियारे के समग्र विकास को प्रोत्साहन देकर विश्व श्रेणी के तीर्थस्थल और पर्यटक स्थल के रूप में उन्नत किया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा, “लोगों ने हमारी सरकार को देश को सुदृढ़ विकास और चहुंमुखी समृद्धि प्रदान करने के लिए विशेष अवसर दिया है।”

बजट भाषण में पर्यटन के बारे में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ पर्यटन सदैव हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है। भारत को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के हमारे प्रयास रोजगार सृजन, निवेश को आकर्षित करेंगे और अन्य क्षेत्रों के लिए आर्थिक अवसर खोलेंगे।“

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिहार में गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर का बहुत अधिक आध्यात्मिक महत्व है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, “विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए सफल काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारा मॉडल के अनुरूप विष्णुपद मंदिर गलियारा और महाबोधि मंदिर गलियारे के समग्र विकास के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।”

केंद्रीय मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि, राजगीर का हिन्दुओं, बौद्धों और जैनों के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व है और जैन मंदिर परिसर में 20वें तीर्थंकर मुनिसुव्रत का मंदिर प्राचीन है। उन्होंने यह भी कहा कि सप्तऋषि या सात गर्म जलधाराएं मिलकर एक गर्म जल ब्रह्मकुंड बनाते हैं जो पवित्र है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजगीर के लिए समग्र विकास पहल शुरू की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार नालंदा विश्वविद्यालय का इसकी गौरवपूर्ण महत्व के अनुरूप पुनरोद्धार करने के अलावा नालंदा को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायता प्रदान करेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओडिशा का दर्शनीय सौंदर्य, मंदिर, स्मारक, शिल्प, वन्य जीव अभ्यारण्य, प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट इसे एक श्रेष्ठ पर्यटन स्थल बनाते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार उनके विकास के लिए सहायता प्रदान करेगी।”

अवयस्क बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ की घोषणा; माता-पिता और अभिभावकों द्वारा अंशदान


एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की- वित्त मंत्री

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ में अवयस्क बच्चों के लिए एक नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ की घोषणा की गई है।

इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे। वयस्कता की आयु होने पर, इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा।

केन्द्रीय मंत्री ने यह भी घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारियों ने रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा समाधान निकाला जाएगा जिससे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकल सके और साथ ही आम जनता के हितों की सुरक्षा के लिए राजकोषीय दूरदर्शिता भी बनाई रखी जाएगी।

वित्‍त मंत्री ने जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्‍नत ग्राम अभियान की घोषणा की

यह योजना जनजातीय आबादी बाहुल्‍य गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों को संपूर्ण कवरेज प्रदान करेगी

योजना के तहत पांच करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्‍य 63 हजार गांवों को कवर किया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए घोषणा की है कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरूआत करेगी।

वित्‍त मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि इस अभियान को जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए शुरू किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि योजना के अंतर्गत सामाजिक न्‍याय और विशिष्‍ट मानव संसाधन विकास के उद्देश्‍य ‘संपूर्ण कवरेज’ की अनुशंसा की गई है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह योजना जनजातीय आबादी बाहुल्‍य गांवों और आकांक्षी जिलों में रहने वाले जनजातीय परिवारों को संपूर्ण कवरेज प्रदान करेगी।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान में 63 हजार गांव शामिल होंगे और इसका लक्ष्‍य देश के पांच करोड़ जनजातीय लोगों को लाभांवित करना है।

केन्‍द्रीय बजट ने आर्थिक विकास में महिलाओं की बढ़ी हुई भूमिका की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के संकेत दिए

महिलाओं और बालिकाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए

उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला छात्रावासों की स्‍थापना की जाएगी

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश किए गए ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ ने आर्थिक विकास में महिलाओं की बढ़ी हुई भूमिका की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के मजबूती से संकेत दिए।

केन्‍द्रीय वित्त मंत्री ने महिलाओं और बालिकाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन की घोषणा की। उन्‍होंने कहा कि इसकी परिकल्‍पना महिला केन्द्रित विकास को बढ़ावा देने के लिए एक उपाय के रूप में की गई है।

वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में ‘महिलाओं’ पर दिए गए फोकस का स्‍मरण किया जो चार प्रमुख जातियों अर्थात ‘गरीब, महिलाएं, युवा और अन्‍नदाता’ (किसान) का एक हिस्‍सा थीं और एक बार फिर से केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में उन्‍होंने दोहराया, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है कि सभी भारतीय, चाहे वे किसी धर्म, जाति, जेंडर और उम्र के हों, अपने जीवन के लक्ष्‍यों और आकांक्षाओं को प्राप्‍त करने के लिए उल्‍लेखनीय रूप से प्रगति करें।’’

 

केन्‍द्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला हॉस्टलों और शिशु गृहों की स्थापना करके कामगारों में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सुविधाजनक बनाएगी। इसके अतिरिक्त, इस साझेदारी में महिला विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने और महिला स्वसहायता समूह उद्यमियों के लिए बाजार तक पहुँच को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे।

सरकार की योजनाओं और नीतियों के अधीन किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं के लिए घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए `10 लाख तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता की घोषणा

प्रति वर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से ई-वाउचर दिए जाएंगे

बुनियादी शोध और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड का संचालन

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए घोषणा की कि सरकार की योजनाओं और नीतियों के अधीन किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले हमारे युवाओं की सहायता करने के लिएमैं घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए `10 लाख तक के ऋण हेतु एक वित्तीय सहायता की घोषणा कर रही हूँ। इस उद्देश्य के लिए प्रति वर्ष लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से ऋण राशि के प्रतिशत वार्षिक ब्याज छूट के लिए ईवाउचर दिए जाएंगे।

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि बुनियादी शोध और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड को संचालित किया जाएगा। वाणिज्यिक पैमाने पर निजी क्षेत्र की तरफ से चलाने जाने वाले अनुसंधान और नवाचार के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा। इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कोष तैयार किया जाएगा जिसकी घोषणा अंतरिम बजट में की गई थी।

समावेशी एवं व्‍यापक संसाधन विकास और सामाजिक न्याय के लिए ‘परिपूर्णता दृष्टिकोण’ अपनाया जाएगा

सरकार लोगों, विशेषकर किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के चहुंमुखी, सर्वव्यापी तथा सर्वसमावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है

पीएम विश्वकर्मा, पीएम स्वनिधि, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्टैंड-अप इंडिया जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाई जाएगी

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्‍याय के लिए ‘परिपूर्णता दृष्टिकोण’ अपनाया जाएगा। रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्‍यवर्ग पर विशेष ध्‍यान केन्द्रित करने के अलावा यह केन्द्रीय बजट समग्रता एवं समावेशिता के महत्‍व को भी रेखांकित करता है।

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए विस्‍तृत रूपरेखा प्रस्‍तुत करने वाले अंतरिम बजट में निर्धारित की गई रण‍नीति के अनुरूप केन्द्रीय बजट 2024-25 में  समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्‍याय को सभी के लिए पर्याप्‍त अवसर सृजित करने वाली 9 प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है। उन्‍होंने कहा कि इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए सतत प्रयास करने की परिकल्पना की गई थी।

केन्द्रीय बजट 2024-25 में 9 विषयगत लक्ष्‍यों को प्राथमिकता दी गई है जिनमें परिवर्तनकारी बदलाव लाने की क्षमता है। इन लक्ष्‍यों में कृषि में उत्‍पादकता एवं अनुकूलनीयता, रोजगार एवं कौशल प्रशिक्षण, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अवसंरचना, नवाचार, अनुसंधान एवं विकास और अगली पीढ़ी के सुधार शामिल है। सरकार लोगों, विशेषकर किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के चहुंमुखी, सर्वव्यापी तथा सर्वसमावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि यह ‘परिपूर्णता दृष्टिकोण’ का उद्देश्‍य समग्र तौर पर सामाजिक न्याय हासिल करने के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों सहित विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये सभी पात्र लोगों को शामिल करना है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि यह उनकी क्षमताओं में सुधार करते हुए उन्‍हें सशक्त बनाएगा।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रभावी कार्यान्‍वयन पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए इस प्राथमिकता वाले विषय के महत्‍व को रेखांकित करते हुए शिल्पकारों, कारीगरों, स्व-सहायता समूहों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, महिला उद्यमियों और स्ट्रीट वेंडरों की आर्थिक गतिविधियों में सहायता करने के उद्देश्य से पीएम विश्वकर्मा, पीएम स्वनिधि, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्टैंड-अप इंडिया जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने की घोषणा की।

विद्युत भंडारण के लिए पम्‍प्‍ड स्‍टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति लाई जाएगी

केन्‍द्रीय बजट में सोलर सेल और पैनलों के विनिर्माण में उपयोग होने वाली छूट प्राप्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं की सूची को विस्‍तार देने की घोषणा

एयूएससी प्रौद्योगिकी का उपयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावॉट वाणिज्यिक संयंत्र स्‍थापित करने के लिए एनटीपीसी और भेल एक संयुक्‍त उद्यम शुरू करेंगे

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में 1.28 करोड़ से अधिक पंजीकरण दर्ज हुए और 14 लाख आवेदन मिले

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि समुचित ऊर्जा परिवर्तन पथ के संबंध में एक नीतिगत दस्‍तावेज तैयार किया जाएगा, जो रोजगार, विकास और पर्यावरण स्‍थायित्‍व की आवश्‍यकता के बीच संतुलन कायम करेगा। संसद में आज  ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह उपलब्‍धता, पहुंच तथा किफायत के संदर्भ ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ उच्‍च तथा अधिक संसाधन कुशल आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए सरकार की रणनीति का हिस्‍सा है।

केन्‍द्रीय मंत्री ने इस संदर्भ में निम्‍नलिखित उपायों की घोषणा की।

पम्प्ड स्टोरेज पॉलिसी

वित्‍त मंत्री ने कहा कि विद्युत भंडारण तथा समग्र ऊर्जा मिश्रण में इसकी परिवर्तनशील और विरामी प्रकृति के साथ अक्षय ऊर्जा के बढ़ते हिस्से के निर्बाध एकीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति लाई जाएगी।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में ऊर्जा परिवर्तन को महत्‍वपूर्ण बताते हुए वित्‍त मंत्री ने देश में सोलर सेल और पैनलों के निर्माण में काम आने वाली छूट प्राप्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं की सूची को विस्‍तार देने की घोषणा की। इसके अलावा, सोलर ग्‍लास और टीन्‍ड कॉपर इंटरकनेक्‍ट के पर्याप्‍त घरेलू विनिर्माण क्षमता को देखते हुए बजट 2024-25 में उन पर लगने वाले सीमा शुल्‍क को बढ़ाने का प्रस्‍ताव नहीं किया गया है।

लघु तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास

परमाणु ऊर्जा के विकसित भारत के लिए ऊर्जा मिश्रण का अति महत्वपूर्ण हिस्सा होने की संभावना है। इस संबंध में, सरकार (1) भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना, (2) भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान और विकास तथा (3) परमाणु ऊर्जा के लिए नई प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी। अंतरिम बजट में घोषित अनुसंधान और विकास वित्तपोषण इस क्षेत्र को उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट

वित्‍त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अत्यंत बेहतर कार्य क्षमता वाले उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) थर्मल पावर प्लांट के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास का कार्य पूरा हो गया है। उन्‍होंने बताया कि एनटीपीसी और बीएचईएल का एक संयुक्त उद्यम एयूएससी प्रौद्योगिकी का उपयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करेगा और सरकार जरूरी राजकोषीय सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्‍होंने कहा कि इन संयंत्रों के लिए उच्‍च श्रेणी वाले इस्‍पात तथा अन्‍य 15 उन्नत धातु सामग्री के उत्पादन के लिए स्वदेशी क्षमता के विकास से अर्थव्यवस्था के लिए दूरगामी लाभ प्राप्त होंगे।

हार्ड टू एबेट उद्योगों के लिए रोडमैप

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने यह भी बताया कि ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों को ‘ऊर्जा दक्षता’ के लक्ष्य से ‘उत्सर्जन लक्ष्य’ की ओर ले जाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि इन उद्योगों को वर्तमान के ‘परफॉर्म, एचीव एंड ट्रेड’ पद्धति से ‘इंडियन कार्बन मार्केट’ पद्धति में लाने के लिए उपयुक्त विनियम बनाए जाएंगे।

पारंपरिक सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को सहायता

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि तांबा और सेरामिक क्लस्टर सहित 60 क्लस्टरों में पारंपरिक सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की निवेश-ग्रेड ऊर्जा लेखा-परीक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन्हें स्वच्छ ऊर्जा में बदलने के लिए और ऊर्जा दक्षता उपायों को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्‍होंने कहा कि इस योजना को अगले चरण में 100 अन्य क्लस्टरों में दोहराया जाएगा।

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

अंतरिम बजट में की गई घोषणा के अनुरूप, एक करोड़ घरों को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाने हेतु रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का शुभारंभ किया गया है। वित्‍त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस योजना पर लोगों की प्रतिक्रिया काफी अच्छी रही है, जिसके अंतर्गत 1.28 करोड़ से अधिक पंजीकरण किए गए हैं और 14 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं और सरकार इसे आगे और प्रोत्साहित करेगी।

केन्द्रीय बजट में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को बढ़ाकर अगले 10 साल में 5 गुनी करने के लिए ₹1,000 करोड़ के एक वेंचर कैपिटल फंड का ऐलान किया

मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीबीए और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाकर 15 प्रतिशत किया गया

रेसिस्टरों के विनिर्माण के लिए ऑक्सीजन फ्री कॉपर पर सीमा शुल्क खत्म करने और कनेक्टरों के विनिर्माण के लिए कुछ पार्ट्स पर सीमा शुल्क में छूट का प्रस्ताव

बजट 2024-25 में कुछ विशेष दूरसंचार उपकरणों के पीसीबीए पर सीमा शुल्क 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण के मद्देनजर प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए कई कदम उठाने का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीते 10 साल के दौरान देश ने अर्थव्यवस्था में उत्पादकता में सुधार और असमानता को कम करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल अवसंरचना में सार्वजनिक निवेश और निजी क्षेत्र द्वारा नवाचार से नागरिकों विशेष रूप से आम लोगों की बाजार के संसाधनों, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने में सहायता मिली है।

 

इस दौरान प्रौद्योगिकी को अपनाने और डिजिटलीकरण के प्रयासों में बढ़ोतरी के तहत निम्नलिखित कदमों का ऐलान किया गया।

डाटा और सांख्यिकी

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि डाटा संचालन, संग्रहण, प्रसंस्करण में सुधार तथा डाटा और सांख्यिकी के प्रबंधन के लिए डिजिटल भारत मिशन के अंतर्गत स्थापित डाटाबेस सहित विभिन्न क्षेत्रीय डाटाबेस का प्रयोग प्रौद्योगिकी टूल्स के सक्रिय उपयोग से किया जाएगा।

मोबाइल फोन और उससे जुड़े पार्ट

वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान मोबाइल के घरेलू उत्पादन में तीन गुना वृद्धि होने और मोबाइल फोन के निर्यात में लगभग 100 गुना वृद्धि होने से भारत का मोबाइल फोन उद्योग परिपक्व हो गया है। उपभोक्ताओं के हित में, बजट में यह प्रस्ताव किया गया है कि मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीबीए और मोबाइल चार्जर पर बीसीडी को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया जाए।

इलेक्ट्रॉनिक्स

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए सरकार रेसिस्टरों के विनिर्माण के लिए ऑक्सीजन फ्री कॉपर पर शर्तों के साथ बीसीडी को हटाए जाने का प्रस्ताव करती है। साथ ही, कनेक्टरों के विनिर्माण के लिए कुछ पार्ट्स को कर से छूट देने का प्रस्ताव भी किया जाता है।

दूरसंचार उपकरण

घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए, वित्त मंत्री ने कुछ विशेष दूरसंचार उपकरण के पीसीबीए पर सीमा शुल्क 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया।

डिजटल सार्वजनिक अवसंरचना अनुप्रयोग

सेवा क्षेत्र का उल्लेख करते हुए, वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र द्वारा उत्पादकता लाभों, व्यवसाय के अवसरों और नवाचार के लिए बड़ी आबादी को ध्यान में रखते हुए डीपीआई अनुप्रयोग विकसित करने का प्रस्ताव किया। इनकी योजना ऋण, ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि और न्याय, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई, सेवा सुपुर्दुगी और शहरी अभिशासन को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

अगले 10 साल में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुनी तक बढ़ाने पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया जाएगा।

राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के अंतर्गत अवसंरचना के साथ निवेश हेतु तैयार बारह “प्लग एंड प्ले” औद्योगिक पार्कों को विकसित किया जाएगा : केन्‍द्रीय बजट 2024-25

महत्वपूर्ण खनिजों के घरेलू उत्पादन, रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज आस्तियों का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन का प्रस्‍ताव

श्रमिकों को विभिन्‍न सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-श्रम पोर्टल का अन्य पोर्टलों के साथ समग्र एकीकरण वन-स्टॉप समाधान को सुगम करेगा

केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में उद्योग और व्यापार के लिए अनुपालन की आसानी बढ़ाने हेतु श्रम सुविधा और समाधान पोर्टल को नवीकृत करने का प्रस्‍ताव

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार नगर आयोजना से संबंधित योजनाओं का बेहतर उपयोग करके राज्यों और निजी क्षेत्र की साझेदारी से 100 शहरों में या उसके आस-पास संपूर्ण अवसंरचना के साथ निवेश हेतु तैयार “प्लग एंड प्ले” औद्योगिक पार्कों को विकसित करने में सहायता करेगी। वित्‍त मंत्री ने कहा कि यह बजट ‘विनिर्माण एवं सेवा’ की प्राथमिकता को पूरा करेगा। राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बारह औद्योगिक पार्कों को मंजूरी दी जाएगी।

महत्वपूर्ण खनिज मिशन

विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र को और भी अधिक प्राथमिकता देते हुए, केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में महत्वपूर्ण खनिजों के घरेलू उत्पादन,रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज आस्तियों का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन स्थापित करने का प्रस्‍ताव किया गया है। इसके अधिदेश में प्रौद्योगिकी विकास, कुशल कार्यबल, विस्तारित उत्पादक दायित्व फ्रेमवर्क, तथा उपयुक्त वित्तीय तंत्र शामिल होंगे।

खनिजों के ऑफशोर खनन पर जोर देते हुए, केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने खनन के लिए ऑफशोर ब्‍लॉकों के पहले खंड की नीलामी शुरू करने, पहले से संचालित खोज के काम को पूरा करने का प्रस्‍ताव किया।

 

श्रम संबंधी सुधार   

केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में श्रमिकों के लिए कई सेवाओं के प्रावधान की सुविधा का प्रस्‍ताव भी किया गया है। इनमें रोजगार और कौशल प्रशिक्षण से संबंधित सेवाएं शामिल होंगी। वित्‍त मंत्री ने प्रस्‍तावि‍त किया कि ई-श्रम पोर्टल का अन्य पोर्टलों के साथ समग्र एकीकरण करने से ऐसा वन-स्टॉप समाधान सुगम होगा। तेजी से बदल रहे श्रम बाजार, कौशल जरूरतों और उपलब्ध रोजगार भूमिकाओं के लिए खुली संरचना वाले डाटाबेस और रोजगार आकांक्षियों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं से जोड़ने वाले तंत्र को इन सेवाओं में शामिल किया जाएगा।

अगली पीढ़ी के सुधारों पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए, केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में उद्योग और व्यापार के लिए अनुपालन की आसानी बढ़ाने हेतु श्रम सुविधा और समाधान पोर्टल को नवीकृत करने का प्रस्‍ताव किया गया है। इसके पीछे सरकार की सोच यह है कि विकसित भारत के लक्ष्‍य की दिशा में हमारी यात्रा की गति को तेज करने के लिए उन्‍हें सशक्‍त बनाया जाएं और वे अपनी गतिविधियों को कार्यान्वित कर सकें।

राज्यों को उनकी व्यापार सुधार कार्य योजना और डिजिटलीकरण के कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगाः आम बजट 2024-25

दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता के अंतर्गत परिणामों में सुधार लाने के लिए एकीकृत प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म का गठन

आईबीसी द्वारा 1,000 से अधिक कंपनियों के मामलों का समाधान किया गया, इसके परिणामस्वरूप ऋणदाताओं को 3.3 लाख करोड़ से अधिक की प्रत्यक्ष वसूली

एलएलपी को स्वैच्छिक रूप से बंद करने और इन्हें बंद करने की समय-सीमा को घटाने के लिए सेंटर फ़ॉर प्रोसेसिंग एक्लीरेटिड कॉरपोरेट एग्जिट की सेवाओं में विस्तार किया जाएगा

ऋण वसूली में तेजी लाने के लिए ऋण वसूली अधिकरणों और अतिरिक्त अधिकरणों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा

‘विकसित भारत’ के विजन को आगे बढ़ाने और सभी के लिए समुचित अवसरों का सृजन करने की दिशा में एक विस्तृत प्रारूप के साथ केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कारोबार करने में आसानी और दिवाला और शोधन अक्षमता इको-सिस्टम को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान को सुनिश्चित करते हुए नौ प्राथमिकताओं के लिए निरंतर रूप से प्रयास जारी रखने पर बल दिया।

कारोबार करने में आसानी

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि व्यवसाय करने की आसानी’ को बढ़ाने के लिए, हम जन विश्वास विधेयक 2.0 पर पहले से ही काम कर रहे हैं। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा कि इसके अलावा, राज्यों को अपने व्यवसाय सुधार कार्य योजना के कार्यान्वयन और डिजिटाइजेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

आईबीसी इको-सिस्टम को मजबूत बनाना

वित्त मंत्री ने प्रस्ताव दिया कि दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के अंतर्गत परिणामों को बेहतर बनाने तथा निरंतरता, पारदर्शिता, समयोजित प्रसंस्करण तथा बेहतर पर्यवेक्षण हेतु सभी हितधारकों के लिए एक एकीकृत प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। इससे सभी हितधारकों के लिए निरंतरता, पारदर्शिता, समयबद्ध प्रसंस्करण और बेहतर दृष्टिकोण को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बताया कि आईबीसी ने एक हजार से ज्यादा कंपनियों के मामलों का समाधान किया है। इसके परिणामस्वरूप ऋणदाताओं को 3.3 लाख करोड़ से अधिक की सीधी रिकवरी हुई है। इसके अलावा 10 लाख करोड़ रुपए से जुड़े 28 हजार मामलों का भी निपटारा किया गया है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि आईबीसी में उपयुक्त बदलाव, ट्राइब्यूनल और अपीलीय ट्राइब्यूनल में सुधार और मजबूती लाने से दिवाला समाधानों में तेजी लाने की पहल की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने अतिरिक्त ट्राइब्यूनल की स्थापना का भी प्रस्ताव दिया, जिनमें से कुछ को कंपनी अधिनियम के अंतर्गत विशेष रूप से निर्धारित मामलों के लिए अधिसूचित किया जाएगा।

एलएलपी को स्वैच्छिक रूप से बंद करना

बंद करने की समय-सीमा को कम करते हुए लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप्स (एलएलपी) को स्वैच्छिक रूप से बंद करने के लिए क्लोजर सेंटर फ़ॉर प्रोसेसिंग एक्लीरेटिड कॉरपोरेट एग्जिट (सी-पेस) की सेवाओं का विस्तार किया जाएगा।

ऋण वसूली को मजबूत बनाना

ऋण वसूली में तेजी लाने के लिए ऋण वसूली अधिकरणों में सुधार करते हुए इन्हें मजबूत बनाया जाएगा। इसके साथ-साथ अतिरिक्त अधिकरणों की स्थापना की जाएगी।

भूमि संबंधी सुधारों और कार्यों को अगले तीन वर्षों के भीतर पूरा करने के लिए प्रोत्साहन

ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों से ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाएं भी सुगम होंगी

शहरी क्षेत्रों में भूमि संबंधी रिकॉर्डों का जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटलीकरण किया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में, भूमि संबंधी सुधारों और कार्यों को उपयुक्त राजकोषीय सहायता के माध्यम से अगले तीन वर्षों के भीतर पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सुधारों में भूमि प्रशासन, योजना और प्रबंधन, तथा शहरी योजना, उपयोग और निर्माण संबंधी कानून शामिल होंगे।

 

श्रीमती सीतारमण ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों में सभी भू-खण्डों के लिए विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार निर्धारित करना, संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण, वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण, भू-रजिस्ट्री की स्थापना, और कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना शामिल है। इन कार्यों से ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाएं भी सुगम होंगी।

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शहरी भूमि से जुड़े कार्यों के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी इलाकों में भूमि संबंधी रिकॉर्डों का जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटलीकरण किया जाएगा। संपत्ति अभिलेख प्रशासन, अद्यतनीकरण और कर प्रशासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार की सुविधा उपलब्ध होगी।

उत्पादकता बढ़ाने और फसलों की जलवायु-सहनीय किस्मों के विकास के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था पर विशेष ध्यान

फसलों की उच्च-उपज वाली 109 नई किस्मों तथा जलवायु-अनुकूल 32 नई किस्मों को जारी करने की घोषणा की गई

अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि की शुरुआत करने के लिए सहायता दी जाएगी

नीतिगत लक्ष्य है: ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तेज वृद्धि तथा बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन

उत्पादकता बढ़ाने तथा कृषि में सहनीयता लाने के उपायों के एक हिस्से के रूप में, केन्द्रीय बजट 2024-25 में कृषि अनुसंधान पर जोर, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और राष्ट्रीय सहकारिता नीति जैसे विभिन्न उपायों की घोषणा की गई है।

कृषि अनुसंधान में बदलाव

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने और फसलों की जलवायु-सहनीय किस्मों के विकास के लिए सरकार कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी। आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों का वित्तपोषण चुनौतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सरकारी और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ इन अनुसंधानों के संचालन की देखरेख करेंगे। बजट में किसानों की खेतीबाड़ी के लिए फसलों की उच्च उपज वाली 109 नई किस्मों तथा जलवायु अनुकूल 32 नई किस्मों को जारी करने की घोषणा की गई है।

प्राकृतिक खेती

वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी, जिसमें प्रमाणपत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी। उन्होंने कहा कि इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैवइनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

राष्ट्रीय सहकारिता नीति

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सहकारी क्षेत्र के प्रणालीगत, व्यवस्थित और चहुँमुखी विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति पेश करेगी। उन्होंने कहा कि इस नीति का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन करना है।

केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान

डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का उपयोग करते हुए 400 जिलों में खरीफ फसलों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा

तिलहन में ‘आत्‍मनिर्भरता’ प्राप्‍त करने के लिए कार्यनीति तैयार की जा रही है

प्रमुख उपभोक्‍ता केन्‍द्रों के नज़दीक बड़े पैमाने पर सब्‍जी उत्‍पादन केन्‍द्र विकसित किए जाएंगे

झींगा ब्रूडस्‍टॉक्‍स के लिए न्‍यूक्लियस ब्रीडिंग केन्‍द्रों का नेटवर्क स्‍थापित करने के लिए बजट में वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराने की घोषणा की गई है

कृषि क्षेत्र में उत्‍पादकता बढ़ाने और लचीलापन लाने के लिए केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में कई उपायों की घोषणा की गई है जिसमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, तिलहन के लिए  ‘आत्‍मनिर्भरता’, बड़े पैमाने पर सब्‍जी उत्‍पादन केन्‍द्रों की स्‍थापना और झींगा ब्रूड-स्‍टॉक्‍स के लिए न्‍यूक्लियस ब्रीडिंग केन्‍द्रों का नेटवर्क स्‍थापित करने के लिए वित्‍तीय सहायता शामिल हैं।

कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसरंचना

प्रायोगिक परियोजना की सफलता से उत्साहित होकर, सरकार 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने के उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने में सहायता करेगी। केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि  इस साल डीपीआई का उपयोग करते हुए खरीफ फसलों का 400 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरों को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि पांच राज्‍यों में जन समर्थ आ‍धारित किसान क्रे‍डिट कार्ड जारी किए जाएंगे।

दलहन और तिलहन मिशन

दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार इन फसलों के उत्‍पादन, भंडारण और विपणनन को मजबूत बनाएगी। आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए केन्‍द्रीय मंत्री श्रीमती सीतारमण ने बताया कि सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों में‘आत्‍मनिर्भरता’हासिल करने के लिए एक कार्यनीति बनाई जा रही है, जैसा कि अंतरिम बजट में घोषणा की गई थी।

सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला

वित्‍त मंत्री ने बताया कि प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक सब्जी उत्पादन केन्‍द्रों की स्‍थापना की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि सरकार उपज के संग्रहणभंडारण और विपणन सहित सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसानउत्पादक संगठनोंसहकारी समितियों और स्टार्टअप को बढ़ावा देगी।

झींगा उत्पादन और निर्यात

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि झींगा ब्रूडस्टॉक्स न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्‍होंने कहा कि झींगा पालनउनके प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

केन्‍द्रीय बजट में घोषित नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से कृषि क्षेत्र में उत्‍पादन और लचीलापन पहली प्राथमिकता है। बजट 2024-25 में कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्‍होंने‘अन्‍नदाता’(किसान) को 4 प्रमुख जातियों में से एक बताया और कहा कि इन पर विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि सरकार  सभी प्रमुख फसलों के लिए एक महीने पहले उच्‍च न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों की घोषणा की है। यह लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन के वायदे के अनुरूप है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना को अगले पांच के लिए बढ़ा दिया गया है  जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिल रहा है।

केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई को प्रोत्साहन देने के लिए आठ नए उपायों का प्रस्ताव किया

विनिर्माण क्षेत्र में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ₹100 करोड़ तक के कवर के साथ एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना का प्रस्ताव

केन्द्रीय वित्त मंत्री का प्रस्ताव, एमएसएमई को ऋण उपलब्ध कराने के लिए पीएसबी नया और स्वतंत्र आकलन मॉडल विकसित करें

श्रीमती सीतारमण का संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई के लिए ऋण सहायता का प्रस्ताव

सफलतापूर्वक ऋण चुकाने वाले उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा बढ़ाकर ₹20 लाख की गई

केन्द्रीय बजट में ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल करने के उद्देश्य से खरीददारों के लिए टर्नओवर सीमा आधी करने का प्रस्ताव

श्रीमती सीतारमण ने आसान और प्रत्यक्ष ऋण उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई क्लस्टर में सिडबी की 24 नई शाखाएं खोलने का प्रस्ताव किया

फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए नई एमएसएमई इकाइयों का प्रस्ताव

एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों की अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों का प्रस्ताव

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा, “इस बजट में एमएसएमई और विनिर्माण विशेष रूप से श्रम के ज्यादा इस्तेमाल वाले विनिर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है।” केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने एमएसएमई के लिए वित्त पोषण, नियामकीय बदलावों और प्रौद्योगिकी समर्थन को ध्यान में रखते हुए एक पैकेज तैयार किया है। अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है कि इससे एमएसएमई को आगे बढ़ने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) बजट में चार मुख्य थीम का हिस्सा हैं और केन्द्रीय वित्त मंत्री ने एमएसएमई के समर्थन में निम्नलिखित विशेष कदमों का प्रस्ताव किया हैः

विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना

वित्त मंत्री ने संपार्श्विक अथवा तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए एक ऋण गारंटी योजना प्रारंभ करने का प्रस्ताव किया। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह योजना ऐसे एमएसएमई के ऋण जोखिमों की पूलिंग के आधार पर संचालित होगी। इसका ब्योरा देते हुए, केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्येक आवेदक को ₹100 करोड़ तक का गारंटी कवर देने के लिए एक पृथक स्व-वित्त गारंटी निधि बनाई जाएगी, जबकि ऋण की राशि इससे अधिक हो सकती है। ऋण लेने वाले को एक तत्काल गारंटी शुल्क और घटती ऋण शेष-राशि पर वार्षिक गारंटी शुल्क देना होगा।

एमएसएमई ऋण के लिए नया आकलन मॉडल विकसित करेंगे पीएसबी

एक नए, स्वतंत्र और इन-हाउस तंत्र के द्वारा एमएसएमई को ऋण सुलभ बनाने के लिए श्रीमती सीतारमण ने प्रस्ताव किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऋण के लिए एमएसएमई के आकलन हेतु बाहरी आकलन के भरोसे रहने की बजाए अपनी इन-हाउस क्षमता का निर्माण करेंगे। वे एमएसएमई के डिजिटल फुटप्रिंटों के अंकों के आधार पर एक नया ऋण आकलन मॉडल विकसित करने अथवा विकसित करवाने में अग्रणी भूमिका भी निभाएंगे। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “इससे परिसंपत्ति अथवा कारोबार मानदंडों पर आधारित ऋण पात्रता के पारंपरिक आकलन के मुकाबले एक महत्वपूर्ण सुधार होने की उम्मीद है। इसमें बिना किसी औपचारिक लेखांकन प्रणाली वाले एमएसएमई भी कवर होंगे।”

 

सरकार संवर्धित निधि से संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता

केंद्रीय वित्त मंत्री ने संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को बैंक ऋण जारी रखने की एक नई व्यवस्था का भी प्रस्ताव किया है। नियंत्रण से बाहर के कारणों के चलते ‘स्पेशल मेंशन अकाउन्ट’ (एसएमए) स्तर में होने पर एमएसएमई को अपना व्यवसाय जारी रखने और एनपीए स्तर में जाने से बचने के लिए ऋण की आवश्यकता होती है। श्रीमती सीतारमण ने प्रस्ताव किया कि सरकार संवर्धित निधि से गारंटी द्वारा ऋण उपलब्धता में सहायता की जाएगी।

सफलतापूर्वक ऋण चुकाने वाले उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण बढ़ाकर 20 लाख किया गया

वित्त मंत्री ने ऐसे उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख करने का प्रस्ताव किया, जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत ऋण लिया है और पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।

ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए खरीददारों से जुड़ी टर्नओवर सीमा आधी की गई

व्यापार प्राप्तियों को नगद के रूप में बदलकर एमएसएमई को कार्यशील पूंजी बढ़ाने की सहूलियत देने के उद्देश्य से श्रीमती सीतारमण ने खरीददारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को ₹500 करोड़ से घटाकर ₹250 करोड़ करने का प्रस्ताव किया है। इस उपाय से 22 और सीपीएसई तथा 7 हजार अन्य कंपनियां इस प्लेटफॉर्म से जुड़ जाएंगी। मध्यम उद्यमों को भी आपूर्तिकर्ता के दायरे में शामिल किया जाएगा।

आसान और प्रत्यक्ष ऋण सुलभ बनाने के लिए एमएसएमई क्लस्टरों में सिडबी की शाखाएं

केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया कि सिडबी तीन वर्षों के भीतर सभी प्रमुख एमएसएमई क्लस्टरों को सेवाएं देने के उद्देश्य से अपनी पैठ बढ़ाने के लिए नई शाखाएं खोलेगी और उन्हें सीधे ऋण उपलब्ध कराएगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस वर्ष ऐसी 24 शाखाएं खोली जाने के साथ ही सेवा कवरेज का विस्तार 242 प्रमुख क्लस्टरों में से 168 क्लेस्टरों तक हो जाएगा।

फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए नई एमएसएमई इकाइयां

श्रीमती सीतारमण ने प्रस्ताव किया कि एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। एनएबीएल से मान्यता प्राप्त 100 खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण प्रयोगशालएं स्थापित करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।

एमएसएमई-पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र

केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया कि एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पाद बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किये जाएंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि एक निर्बाध विनियामक और लॉजिस्टिक फ्रेमवर्क के अंतर्गत ये केंद्र एक छत के नीचे व्यापार और निर्यात संबंधी सेवाओं की सुविधा प्रदान करेंगे।

प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत 5वीं योजना के रूप में शीर्ष कम्पनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की योजना की शुरूआत

500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएंगे

योजना में 5,000 प्रतिमाह का इंटर्नशिप भत्ता और 6,000 की एकबारगी सहायता दी जाएगी

सरकार शीर्ष कम्पनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना शुरू करेगी। प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत यह 5वीं योजना है।

संसद में आज केन्द्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि यह योजना 500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इससे रियल-लाइफ व्यवसाय वातावरण, विभिन्न व्यवसायों और रोजगार के अवसरों के लिए 12 महीनों का अनुभव मिलेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना में युवाओं को `5,000 प्रतिमाह का इंटर्नशिप भत्ता और `6,000 की एकबारगी सहायता दी जाएगी। कम्पनियों से अपेक्षा है कि वे अपनी सीएसआर निधियों से प्रशिक्षण लागत और इंटर्नशिप लागत का 10 प्रतिशत वहन करेंगी।

प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण के लिए चौथी योजना के रूप में केन्द्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना

5 वर्षों की अवधि में  20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण

1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा

`7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा, इस उपाय से 25,000 छात्रों को सहायता मिलने की उम्मीद

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केन्द्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा की है। संसद में आज वर्ष 2024-25 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और परिणामोन्मुख दृष्टिकोण के साथ उचित व्यवस्था में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और डिजाइन तैयार किया जाएगा और नई उभरती जरूरतों के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

 

कौशल संबंधी ऋणों के संबंध में वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार संवर्धित निधि की गारंटी के साथ `7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित करेगी। इस उपाय से प्रतिवर्ष 25,000 छात्रों को सहायता मिलने की आशा है।

सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार से संबंधित प्रोत्साहन’ के लिए 3 योजनाएं लागू करेगी

इस योजना में सभी औपचारिक क्षेत्रों में नये कामगार के रूप में शामिल होने वाले सभी नवनियुक्त व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा और इससे 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है

इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा जो पहली बार रोजगार पाने वालों के रोजगार से जुड़ा है और इससे पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है

सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल करने वाले नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना से 50 लाख व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की आशा है

सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार से संबंधित प्रोत्साहन’ के लिए तीन योजनाएं लागू करेगी। ये योजनाएं ईपीएफओ में नामांकन तथा पहली बार रोजगार पाने वालों को अभिचिन्हित करने तथा कर्मचारियों व नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करने पर आधारित होंगी। इस बात की घोषणा केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2024-25 पेश करने के दौरान की। लागू की जाने वाली तीन योजनाएं निम्नलिखित हैं:

योजना क: पहली बार रोजगार पाने वाले

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना में सभी औपचारिक क्षेत्रों में नये कामगार के रूप में शामिल होने वाले सभी नवनियुक्त व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण तीन किस्तों में किया जाएगा, जो अधिकतम 15,000 रुपये होगा। इस योजना के अंतर्गत पात्रता सीमा एक लाख रुपये का मासिक वेतन होगा। उन्होंने कहा, “इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है।”

योजना खः विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो पहली बार रोजगार पाने वालों के रोजगार से जुड़ा है। सीधे कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों को विनिर्दिष्ट पैमाने पर रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में एक प्रोत्साहन दिया जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस योजना से पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की आशा है।

योजना गः नियोक्ताओं को सहायता

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। एक लाख रुपए प्रतिमाह के वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगारों की गणना की जाएगी। सरकार, प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के संबंध में नियोक्ताओं के ईपीएफओ अंशदान के लिए उन्हें दो वर्षों तक 3,000 रुपये प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति करेगी। उन्होंने कहा, “इस योजना से 50 लाख व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की आशा है।”

जीएसटी व्‍यापक तौर पर सफल रहा है और इसने आम लोगों पर कर का बोझ घटाया है: वित्त मंत्री

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि  जीएसटी ने आम लोगों पर कर का बोझ कम करते हुए  अनुपालन बोझ और व्‍यापार एवं उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम किया है। मंत्री ने जीएसटी को व्यापक तौर पर सफल करार दिया।

व्‍यापार को सुगम बनाने लिए जीएसटी कानून में कई संशोधन किए गए है। इसके तहत शराब के विनिर्माण में इस्‍तेमाल होने वाले एक्‍सट्रा न्‍यूट्रल एल्‍कोहल को इस के‍न्‍द्रीय कर के दायरे से बाहर रखा जाएगा। आईजीएसटी और यूटीजीएसटी अधिनियम में भी इसी तरह के संशोधन किए गए है। इसके अलावा, हाल में शामिल की गई धारा 11ए व्‍यापार में प्रचलित किसी भी सामान्‍य प्रथा के कारण इस केन्‍द्रीय कर की गैर-लेवी अथवा कम लेवी को विनियमित करने के लिए सरकार को सशक्‍त करेगी।

सीजीएसटी की धारा 16 में दो नए उपखंड़ो को शामिल करते हुए इनपुट टैक्‍स क्रेडिट हासिल करने की समय सीमा को आसान बनाया गया है। संशोधित कानून डिमांड नोटिस एवं ऑडर जारी करने के लिए सामान्‍य समय सीमा भी उपलब्‍ध कराएगा। साथ ही कर दाताओं के लिए कर मांग एवं ब्‍याज के भुगतान के साथ जुर्माना घटाने का फायदा उठाने के लिए समय सीमा को 30 दिनों बढ़ाकर 60 दिन कर दिया गया है।

व्‍यापार को अधिक सुगम बनाने के लिए अपीलीय प्राधिकरण में अपील दायर करने के लिए प्री-डिपॉजिट की अधिकतम रकम को केन्द्रीय कर के 25 करोड़ रूपये से घटाकर 20 करोड़ रूपये कर दिया गया है। अपीलीय ट्रिब्‍यूनल में अपील दायर करने के लिए प्री-डिपॉजिट को केन्‍द्रीय कर के 50 करोड़ रूपये की अधिकतम रकम के साथ 20 प्रतिशत से घटाकर केन्‍द्रीय कर के 20 करोड़ की अधिकतम रकम के साथ 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा, अपीलीय ट्रिब्‍यूनल में अपील दायर करने की समय सीमा में भी 1 अगस्त 2024 से प्रभा‍वी तौर पर संशोधन किया जा रहा है। इससे अपीलीय ट्रिब्‍यूनल का कामकाज शुरू न होने के मद्देनजर अपील में समय बर्बाद नहीं होगा।

इसके अलावा, कई अन्य बदलाव किए गए है। उदाहरण के लिए, सरकार को सशक्‍त बनाया गया है ताकि वह मुनाफाखोरी मामलों को निपटाने के लिए जीएसटी अपीलीय ट्रिब्‍यूनल को सूचित कर सके। इससे व्‍यापार में सुगमता को बढ़ावा मिलेगा।

वित्‍त मंत्री ने जीएसटी की सफलता का उल्‍लेख करते हुए यह भी कहा कि जीएसटी के फायदे को कई गुना बढ़ाने के लिए कर ढ़ांचे को अधिक सरल और उपयुक्‍त बनाते हुए उसका विस्‍तार शेष क्षेत्रों तक किया गया है।

 

सरकार करों को सरल बनाना, करदाता सेवाओं में सुधार करना – सरकार का निरंतर प्रयास : केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री

आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा अगले छह महीने में

जीएसटी, सीमा शुल्क और आयकर की सभी सेवाओं का अगले दो वर्षों के दौरान डिजिटलीकरण किया जाएगा और उन्हें पेपर-लेस बनाया जाएगा

आयकर विवादों पर लंबित अपीलों के निपटारे के लिए विवाद से विश्‍वास योजना 2024

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि नौ चिन्ह्ति प्राथमिकताओं पर जोर देने वाला यह बजट विकसित भारत के लक्ष्‍य की दिशा में यात्रा की गति को तेज करता है।

इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार करों को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी कम करने के अपने प्रयासों को जारी रख रही है, वित्‍त मंत्री ने कहा कि करदाताओं द्वारा इसकी सराहना की गई है। उन्‍होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 58 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स सरलीकृत टैक्स व्यवस्था द्वारा जमा हुआ। इसी प्रकार पिछले राजकोषीय (वर्ष) के लिए अब तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने नई आयकर व्यवस्था का लाभ उठाया है।

कर व्‍यवस्‍था को सरल बनाने के एजेंडे के बारे में चर्चा करते हुए केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में अपने अनेक उपाय बताए। आयकर अधिनियम, 1961 की अगले छह महीने में अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट, पढ़ने और समझने में आसान बनाने के लिए व्यापक समीक्षा की घोषणा करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘इससे विवादों और मुकदमेबाजी में कमी आएगी जिससे करदाताओं को कर में निश्चितता प्राप्त होगी।’’

कर संबंधी अनिश्चितता और विवादों को कम करने के लिए एक अन्‍य उपाय के तहत पुनः निर्धारण के प्रावधानों को पूरी तरह से सरल बनाने का प्रस्ताव किया गया है। प्रस्‍ताव की चर्चा करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि अब के बाद कोई निर्धारण,निर्धारण वर्ष के समाप्त होने के तीन वर्षों के बाद केवल तभी फिर से खोला जा सकेगा जब निर्धारण वर्ष के समाप्त होने से लेकर अधिकतम 5 वर्षों की अवधि तक कर से छूट प्राप्त आय `50 लाख या उससे अधिक हो। वित्‍त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि सर्च मामलों में भी, दस वर्षों की मौजूदा समय सीमा के स्थान पर सर्च के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा करने का प्रस्ताव है।

वित्‍त विधेयक में धर्मार्थ संस्थाओं और टीडीएस के लिए कर सरलीकरण प्रक्रिया की पहल करते हुए, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रस्‍ताव किया कि कर में छूट की दो व्यवस्थाओं को मिलाकर एक किया जा रहा है। अनेक भुगतानों पर 5 प्रतिशत टीडीएस दर को घटाकर 2 प्रतिशत टीडीएस दर किया जा रहा है और म्युचुअल फंडों या यूटीआई द्वारा यूनिटों की पुनः खरीद से भुगतानों में 20 प्रतिशत टीडीएस दर को समाप्त किया जा रहा है। ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से कम करके 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। साथ ही, टीसीएस की राशि को वेतन पर कटौती किए जाने वाले टीडीएस की गणना में लाभ दिए जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, वित्‍त मंत्री ने टीडीएस के भुगतान में विलम्ब को टीडीएस के लिए विवरणीफाइल करने की नियत तारीख तक डिक्रिमिनलाईज करने का प्रस्ताव किया।

जीएसटी के तहत सभी बड़ी करदाता सेवाओं और सीमा शुल्क तथा आयकर के अधीन ज्यादातर सेवाओं को डिजिटल रूप में लाए जाने के बारे में चर्चा करते हुए, वित्‍त मंत्री ने कहा कि सीमा शुल्क और आयकर की सभी शेष सेवाओं को अगले दो वर्षों के दौरान डिजिटलीकरण किया जाएगा और उन्हें पेपर-लेस बनाया जाएगा, जिनमें ऑर्डर गिविंग इफेक्ट व रैक्टिफिकेशन शामिल है।

अनेक अपीलीय मंचों पर अच्‍छे परिणाम नजर आने के बारे में बताते हुए, केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि सरकार मुकदमों और अपीलों की ओर निरंतर सबसे अधिक ध्‍यान रखेगी। बजट भाषण में अपील में लंबित कतिपय आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्‍वास योजना 2024 का प्रस्‍ताव किया गया। इसके अलावा, टैक्स अधिकरणों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष करों, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपीलों को दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाओं को क्रमशः 60 लाख रुपये, 2 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया। वित्‍त मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कराधान में मुकदमेबाजी कम करने और निश्चितता प्रदान करने के विचार से हम सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्तार करेंगे और उन्हें अधिक आकर्षक बनाएंगे। हम ट्रांसफर प्राइसिंग निर्धारण प्रक्रिया को भी सरल और सुचारू बनाएंगे।

कर आधार का विस्तार करने के बारे में चर्चा करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने दो उपायों की घोषणा की। पहला, फ्यूचर्स और ऑप्सन्स के विकल्पों पर सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। वित्‍त्‍ मंत्री ने कहा कि दूसरा उपाय इक्विटी हेतु शेयरों की बायबैक पर प्राप्त आय पर शेयरधारकों के स्तर पर करारोपण है।

इन प्रस्तावों के प्रभाव पर  विस्‍तार से बताते हुए, श्रीमती सीतारमण ने अंत में कहा कि इसके परिणामस्‍वरूप लगभग 37,000 करोड़ रुपये जिसमें से 29,000 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष करों के तथा 8,000 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष करों के राजस्व को परित्यक्त किया जाएगा, जबकि लगभग 30,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाया जाएगा। इस प्रकार कुल वार्षिक परित्यक्त राजस्व लगभग 7,000 करोड़ रुपये होगा।

जीएसटी व्‍यापक तौर पर सफल रहा है और इसने आम लोगों पर कर का बोझ घटाया है

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि  जीएसटी ने आम लोगों पर कर का बोझ कम करते हुए  अनुपालन बोझ और व्‍यापार एवं उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम किया है। मंत्री ने जीएसटी को व्यापक तौर पर सफल करार दिया।

व्‍यापार को सुगम बनाने लिए जीएसटी कानून में कई संशोधन किए गए है। इसके तहत शराब के विनिर्माण में इस्‍तेमाल होने वाले एक्‍सट्रा न्‍यूट्रल एल्‍कोहल को इस के‍न्‍द्रीय कर के दायरे से बाहर रखा जाएगा। आईजीएसटी और यूटीजीएसटी अधिनियम में भी इसी तरह के संशोधन किए गए है। इसके अलावा, हाल में शामिल की गई धारा 11ए व्‍यापार में प्रचलित किसी भी सामान्‍य प्रथा के कारण इस केन्‍द्रीय कर की गैर-लेवी अथवा कम लेवी को विनियमित करने के लिए सरकार को सशक्‍त करेगी।

सीजीएसटी की धारा 16 में दो नए उपखंड़ो को शामिल करते हुए इनपुट टैक्‍स क्रेडिट हासिल करने की समय सीमा को आसान बनाया गया है। संशोधित कानून डिमांड नोटिस एवं ऑडर जारी करने के लिए सामान्‍य समय सीमा भी उपलब्‍ध कराएगा। साथ ही कर दाताओं के लिए कर मांग एवं ब्‍याज के भुगतान के साथ जुर्माना घटाने का फायदा उठाने के लिए समय सीमा को 30 दिनों बढ़ाकर 60 दिन कर दिया गया है।

व्‍यापार को अधिक सुगम बनाने के लिए अपीलीय प्राधिकरण में अपील दायर करने के लिए प्री-डिपॉजिट की अधिकतम रकम को केन्द्रीय कर के 25 करोड़ रूपये से घटाकर 20 करोड़ रूपये कर दिया गया है। अपीलीय ट्रिब्‍यूनल में अपील दायर करने के लिए प्री-डिपॉजिट को केन्‍द्रीय कर के 50 करोड़ रूपये की अधिकतम रकम के साथ 20 प्रतिशत से घटाकर केन्‍द्रीय कर के 20 करोड़ की अधिकतम रकम के साथ 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा, अपीलीय ट्रिब्‍यूनल में अपील दायर करने की समय सीमा में भी 1 अगस्त 2024 से प्रभा‍वी तौर पर संशोधन किया जा रहा है। इससे अपीलीय ट्रिब्‍यूनल का कामकाज शुरू न होने के मद्देनजर अपील में समय बर्बाद नहीं होगा।

इसके अलावा, कई अन्य बदलाव किए गए है। उदाहरण के लिए, सरकार को सशक्‍त बनाया गया है ताकि वह मुनाफाखोरी मामलों को निपटाने के लिए जीएसटी अपीलीय ट्रिब्‍यूनल को सूचित कर सके। इससे व्‍यापार में सुगमता को बढ़ावा मिलेगा।

वित्‍त मंत्री ने जीएसटी की सफलता का उल्‍लेख करते हुए यह भी कहा कि जीएसटी के फायदे को कई गुना बढ़ाने के लिए कर ढ़ांचे को अधिक सरल और उपयुक्‍त बनाते हुए उसका विस्‍तार शेष क्षेत्रों तक किया गया है।

सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार से संबंधित प्रोत्साहन’ के लिए 3 योजनाएं लागू करेगी

इस योजना में सभी औपचारिक क्षेत्रों में नये कामगार के रूप में शामिल होने वाले सभी नवनियुक्त व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा और इससे 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है

इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा जो पहली बार रोजगार पाने वालों के रोजगार से जुड़ा है और इससे पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है

सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल करने वाले नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना से 50 लाख व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की आशा है

सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार से संबंधित प्रोत्साहन’ के लिए तीन योजनाएं लागू करेगी। ये योजनाएं ईपीएफओ में नामांकन तथा पहली बार रोजगार पाने वालों को अभिचिन्हित करने तथा कर्मचारियों व नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करने पर आधारित होंगी। इस बात की घोषणा केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2024-25 पेश करने के दौरान की। लागू की जाने वाली तीन योजनाएं निम्नलिखित हैं:

योजना क: पहली बार रोजगार पाने वाले

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना में सभी औपचारिक क्षेत्रों में नये कामगार के रूप में शामिल होने वाले सभी नवनियुक्त व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण तीन किस्तों में किया जाएगा, जो अधिकतम 15,000 रुपये होगा। इस योजना के अंतर्गत पात्रता सीमा एक लाख रुपये का मासिक वेतन होगा। उन्होंने कहा, “इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है।”

योजना खः विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो पहली बार रोजगार पाने वालों के रोजगार से जुड़ा है। सीधे कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों को विनिर्दिष्ट पैमाने पर रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में एक प्रोत्साहन दिया जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस योजना से पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की आशा है।

योजना गः नियोक्ताओं को सहायता

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। एक लाख रुपए प्रतिमाह के वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगारों की गणना की जाएगी। सरकार, प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के संबंध में नियोक्ताओं के ईपीएफओ अंशदान के लिए उन्हें दो वर्षों तक 3,000 रुपये प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति करेगी। उन्होंने कहा, “इस योजना से 50 लाख व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की आशा है।”

प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण के लिए चौथी योजना के रूप में केन्द्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना

5 वर्षों की अवधि में  20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण

1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा

`7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा, इस उपाय से 25,000 छात्रों को सहायता मिलने की उम्मीद

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केन्द्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा की है। संसद में आज वर्ष 2024-25 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और परिणामोन्मुख दृष्टिकोण के साथ उचित व्यवस्था में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और डिजाइन तैयार किया जाएगा और नई उभरती जरूरतों के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

 

कौशल संबंधी ऋणों के संबंध में वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार संवर्धित निधि की गारंटी के साथ `7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित करेगी। इस उपाय से प्रतिवर्ष 25,000 छात्रों को सहायता मिलने की आशा है।

प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत 5वीं योजना के रूप में शीर्ष कम्पनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की योजना की शुरूआत

500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएंगे

योजना में 5,000 प्रतिमाह का इंटर्नशिप भत्ता और 6,000 की एकबारगी सहायता दी जाएगी

सरकार शीर्ष कम्पनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना शुरू करेगी। प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत यह 5वीं योजना है।

संसद में आज केन्द्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि यह योजना 500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इससे रियल-लाइफ व्यवसाय वातावरण, विभिन्न व्यवसायों और रोजगार के अवसरों के लिए 12 महीनों का अनुभव मिलेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना में युवाओं को `5,000 प्रतिमाह का इंटर्नशिप भत्ता और `6,000 की एकबारगी सहायता दी जाएगी। कम्पनियों से अपेक्षा है कि वे अपनी सीएसआर निधियों से प्रशिक्षण लागत और इंटर्नशिप लागत का 10 प्रतिशत वहन करेंगी।

केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई को प्रोत्साहन देने के लिए आठ नए उपायों का प्रस्ताव किया

विनिर्माण क्षेत्र में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ₹100 करोड़ तक के कवर के साथ एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना का प्रस्ताव

केन्द्रीय वित्त मंत्री का प्रस्ताव, एमएसएमई को ऋण उपलब्ध कराने के लिए पीएसबी नया और स्वतंत्र आकलन मॉडल विकसित करें

श्रीमती सीतारमण का संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई के लिए ऋण सहायता का प्रस्ताव

सफलतापूर्वक ऋण चुकाने वाले उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा बढ़ाकर ₹20 लाख की गई

केन्द्रीय बजट में ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल करने के उद्देश्य से खरीददारों के लिए टर्नओवर सीमा आधी करने का प्रस्ताव

श्रीमती सीतारमण ने आसान और प्रत्यक्ष ऋण उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई क्लस्टर में सिडबी की 24 नई शाखाएं खोलने का प्रस्ताव किया

फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए नई एमएसएमई इकाइयों का प्रस्ताव

एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों की अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों का प्रस्ताव

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा, “इस बजट में एमएसएमई और विनिर्माण विशेष रूप से श्रम के ज्यादा इस्तेमाल वाले विनिर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है।” केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने एमएसएमई के लिए वित्त पोषण, नियामकीय बदलावों और प्रौद्योगिकी समर्थन को ध्यान में रखते हुए एक पैकेज तैयार किया है। अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है कि इससे एमएसएमई को आगे बढ़ने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) बजट में चार मुख्य थीम का हिस्सा हैं और केन्द्रीय वित्त मंत्री ने एमएसएमई के समर्थन में निम्नलिखित विशेष कदमों का प्रस्ताव किया हैः

विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना

वित्त मंत्री ने संपार्श्विक अथवा तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए एक ऋण गारंटी योजना प्रारंभ करने का प्रस्ताव किया। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह योजना ऐसे एमएसएमई के ऋण जोखिमों की पूलिंग के आधार पर संचालित होगी। इसका ब्योरा देते हुए, केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्येक आवेदक को ₹100 करोड़ तक का गारंटी कवर देने के लिए एक पृथक स्व-वित्त गारंटी निधि बनाई जाएगी, जबकि ऋण की राशि इससे अधिक हो सकती है। ऋण लेने वाले को एक तत्काल गारंटी शुल्क और घटती ऋण शेष-राशि पर वार्षिक गारंटी शुल्क देना होगा।

एमएसएमई ऋण के लिए नया आकलन मॉडल विकसित करेंगे पीएसबी

एक नए, स्वतंत्र और इन-हाउस तंत्र के द्वारा एमएसएमई को ऋण सुलभ बनाने के लिए श्रीमती सीतारमण ने प्रस्ताव किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऋण के लिए एमएसएमई के आकलन हेतु बाहरी आकलन के भरोसे रहने की बजाए अपनी इन-हाउस क्षमता का निर्माण करेंगे। वे एमएसएमई के डिजिटल फुटप्रिंटों के अंकों के आधार पर एक नया ऋण आकलन मॉडल विकसित करने अथवा विकसित करवाने में अग्रणी भूमिका भी निभाएंगे। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “इससे परिसंपत्ति अथवा कारोबार मानदंडों पर आधारित ऋण पात्रता के पारंपरिक आकलन के मुकाबले एक महत्वपूर्ण सुधार होने की उम्मीद है। इसमें बिना किसी औपचारिक लेखांकन प्रणाली वाले एमएसएमई भी कवर होंगे।”

 

सरकार संवर्धित निधि से संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता

केंद्रीय वित्त मंत्री ने संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को बैंक ऋण जारी रखने की एक नई व्यवस्था का भी प्रस्ताव किया है। नियंत्रण से बाहर के कारणों के चलते ‘स्पेशल मेंशन अकाउन्ट’ (एसएमए) स्तर में होने पर एमएसएमई को अपना व्यवसाय जारी रखने और एनपीए स्तर में जाने से बचने के लिए ऋण की आवश्यकता होती है। श्रीमती सीतारमण ने प्रस्ताव किया कि सरकार संवर्धित निधि से गारंटी द्वारा ऋण उपलब्धता में सहायता की जाएगी।

सफलतापूर्वक ऋण चुकाने वाले उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण बढ़ाकर 20 लाख किया गया

वित्त मंत्री ने ऐसे उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख करने का प्रस्ताव किया, जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत ऋण लिया है और पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।

ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए खरीददारों से जुड़ी टर्नओवर सीमा आधी की गई

व्यापार प्राप्तियों को नगद के रूप में बदलकर एमएसएमई को कार्यशील पूंजी बढ़ाने की सहूलियत देने के उद्देश्य से श्रीमती सीतारमण ने खरीददारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को ₹500 करोड़ से घटाकर ₹250 करोड़ करने का प्रस्ताव किया है। इस उपाय से 22 और सीपीएसई तथा 7 हजार अन्य कंपनियां इस प्लेटफॉर्म से जुड़ जाएंगी। मध्यम उद्यमों को भी आपूर्तिकर्ता के दायरे में शामिल किया जाएगा।

आसान और प्रत्यक्ष ऋण सुलभ बनाने के लिए एमएसएमई क्लस्टरों में सिडबी की शाखाएं

केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया कि सिडबी तीन वर्षों के भीतर सभी प्रमुख एमएसएमई क्लस्टरों को सेवाएं देने के उद्देश्य से अपनी पैठ बढ़ाने के लिए नई शाखाएं खोलेगी और उन्हें सीधे ऋण उपलब्ध कराएगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस वर्ष ऐसी 24 शाखाएं खोली जाने के साथ ही सेवा कवरेज का विस्तार 242 प्रमुख क्लस्टरों में से 168 क्लेस्टरों तक हो जाएगा।

फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए नई एमएसएमई इकाइयां

श्रीमती सीतारमण ने प्रस्ताव किया कि एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। एनएबीएल से मान्यता प्राप्त 100 खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण प्रयोगशालएं स्थापित करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।

एमएसएमई-पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र

केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया कि एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पाद बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किये जाएंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि एक निर्बाध विनियामक और लॉजिस्टिक फ्रेमवर्क के अंतर्गत ये केंद्र एक छत के नीचे व्यापार और निर्यात संबंधी सेवाओं की सुविधा प्रदान करेंगे।

केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान

डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का उपयोग करते हुए 400 जिलों में खरीफ फसलों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा

तिलहन में ‘आत्‍मनिर्भरता’ प्राप्‍त करने के लिए कार्यनीति तैयार की जा रही है

प्रमुख उपभोक्‍ता केन्‍द्रों के नज़दीक बड़े पैमाने पर सब्‍जी उत्‍पादन केन्‍द्र विकसित किए जाएंगे

झींगा ब्रूडस्‍टॉक्‍स के लिए न्‍यूक्लियस ब्रीडिंग केन्‍द्रों का नेटवर्क स्‍थापित करने के लिए बजट में वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराने की घोषणा की गई है

कृषि क्षेत्र में उत्‍पादकता बढ़ाने और लचीलापन लाने के लिए केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में कई उपायों की घोषणा की गई है जिसमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, तिलहन के लिए  ‘आत्‍मनिर्भरता’, बड़े पैमाने पर सब्‍जी उत्‍पादन केन्‍द्रों की स्‍थापना और झींगा ब्रूड-स्‍टॉक्‍स के लिए न्‍यूक्लियस ब्रीडिंग केन्‍द्रों का नेटवर्क स्‍थापित करने के लिए वित्‍तीय सहायता शामिल हैं।

कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसरंचना

प्रायोगिक परियोजना की सफलता से उत्साहित होकर, सरकार 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने के उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने में सहायता करेगी। केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि  इस साल डीपीआई का उपयोग करते हुए खरीफ फसलों का 400 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरों को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि पांच राज्‍यों में जन समर्थ आ‍धारित किसान क्रे‍डिट कार्ड जारी किए जाएंगे।

दलहन और तिलहन मिशन

दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार इन फसलों के उत्‍पादन, भंडारण और विपणनन को मजबूत बनाएगी। आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए केन्‍द्रीय मंत्री श्रीमती सीतारमण ने बताया कि सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों में‘आत्‍मनिर्भरता’हासिल करने के लिए एक कार्यनीति बनाई जा रही है, जैसा कि अंतरिम बजट में घोषणा की गई थी।

सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला

वित्‍त मंत्री ने बताया कि प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक सब्जी उत्पादन केन्‍द्रों की स्‍थापना की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि सरकार उपज के संग्रहणभंडारण और विपणन सहित सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसानउत्पादक संगठनोंसहकारी समितियों और स्टार्टअप को बढ़ावा देगी।

झींगा उत्पादन और निर्यात

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि झींगा ब्रूडस्टॉक्स न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्‍होंने कहा कि झींगा पालनउनके प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

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केन्‍द्रीय बजट में घोषित नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से कृषि क्षेत्र में उत्‍पादन और लचीलापन पहली प्राथमिकता है। बजट 2024-25 में कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्‍होंने‘अन्‍नदाता’(किसान) को 4 प्रमुख जातियों में से एक बताया और कहा कि इन पर विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि सरकार  सभी प्रमुख फसलों के लिए एक महीने पहले उच्‍च न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों की घोषणा की है। यह लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन के वायदे के अनुरूप है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना को अगले पांच के लिए बढ़ा दिया गया है  जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिल रहा है।

उत्पादकता बढ़ाने और फसलों की जलवायु-सहनीय किस्मों के विकास के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था पर विशेष ध्यान

फसलों की उच्च-उपज वाली 109 नई किस्मों तथा जलवायु-अनुकूल 32 नई किस्मों को जारी करने की घोषणा की गई

अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि की शुरुआत करने के लिए सहायता दी जाएगी

नीतिगत लक्ष्य है: ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तेज वृद्धि तथा बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन

उत्पादकता बढ़ाने तथा कृषि में सहनीयता लाने के उपायों के एक हिस्से के रूप में, केन्द्रीय बजट 2024-25 में कृषि अनुसंधान पर जोर, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और राष्ट्रीय सहकारिता नीति जैसे विभिन्न उपायों की घोषणा की गई है।

कृषि अनुसंधान में बदलाव

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने और फसलों की जलवायु-सहनीय किस्मों के विकास के लिए सरकार कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी। आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों का वित्तपोषण चुनौतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सरकारी और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ इन अनुसंधानों के संचालन की देखरेख करेंगे। बजट में किसानों की खेतीबाड़ी के लिए फसलों की उच्च उपज वाली 109 नई किस्मों तथा जलवायु अनुकूल 32 नई किस्मों को जारी करने की घोषणा की गई है।

प्राकृतिक खेती

वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी, जिसमें प्रमाणपत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी। उन्होंने कहा कि इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैवइनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

राष्ट्रीय सहकारिता नीति

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सहकारी क्षेत्र के प्रणालीगत, व्यवस्थित और चहुँमुखी विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति पेश करेगी। उन्होंने कहा कि इस नीति का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन करना है।

भूमि संबंधी सुधारों और कार्यों को अगले तीन वर्षों के भीतर पूरा करने के लिए प्रोत्साहन

ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों से ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाएं भी सुगम होंगी
शहरी क्षेत्रों में भूमि संबंधी रिकॉर्डों का जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटलीकरण किया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में, भूमि संबंधी सुधारों और कार्यों को उपयुक्त राजकोषीय सहायता के माध्यम से अगले तीन वर्षों के भीतर पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सुधारों में भूमि प्रशासन, योजना और प्रबंधन, तथा शहरी योजना, उपयोग और निर्माण संबंधी कानून शामिल होंगे।

 

श्रीमती सीतारमण ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों में सभी भू-खण्डों के लिए विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार निर्धारित करना, संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण, वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण, भू-रजिस्ट्री की स्थापना, और कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना शामिल है। इन कार्यों से ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाएं भी सुगम होंगी।

शहरी भूमि से जुड़े कार्यों के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी इलाकों में भूमि संबंधी रिकॉर्डों का जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटलीकरण किया जाएगा। संपत्ति अभिलेख प्रशासन, अद्यतनीकरण और कर प्रशासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार की सुविधा उपलब्ध होगी।

राज्यों को उनकी व्यापार सुधार कार्य योजना और डिजिटलीकरण के कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगाः आम बजट 2024-25

दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता के अंतर्गत परिणामों में सुधार लाने के लिए एकीकृत प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म का गठन
आईबीसी द्वारा 1,000 से अधिक कंपनियों के मामलों का समाधान किया गया, इसके परिणामस्वरूप ऋणदाताओं को 3.3 लाख करोड़ से अधिक की प्रत्यक्ष वसूली

एलएलपी को स्वैच्छिक रूप से बंद करने और इन्हें बंद करने की समय-सीमा को घटाने के लिए सेंटर फ़ॉर प्रोसेसिंग एक्लीरेटिड कॉरपोरेट एग्जिट की सेवाओं में विस्तार किया जाएगा

ऋण वसूली में तेजी लाने के लिए ऋण वसूली अधिकरणों और अतिरिक्त अधिकरणों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा

‘विकसित भारत’ के विजन को आगे बढ़ाने और सभी के लिए समुचित अवसरों का सृजन करने की दिशा में एक विस्तृत प्रारूप के साथ केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कारोबार करने में आसानी और दिवाला और शोधन अक्षमता इको-सिस्टम को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान को सुनिश्चित करते हुए नौ प्राथमिकताओं के लिए निरंतर रूप से प्रयास जारी रखने पर बल दिया।

कारोबार करने में आसानी

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि व्यवसाय करने की आसानी’ को बढ़ाने के लिए, हम जन विश्वास विधेयक 2.0 पर पहले से ही काम कर रहे हैं। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा कि इसके अलावा, राज्यों को अपने व्यवसाय सुधार कार्य योजना के कार्यान्वयन और डिजिटाइजेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

आईबीसी इको-सिस्टम को मजबूत बनाना

वित्त मंत्री ने प्रस्ताव दिया कि दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के अंतर्गत परिणामों को बेहतर बनाने तथा निरंतरता, पारदर्शिता, समयोजित प्रसंस्करण तथा बेहतर पर्यवेक्षण हेतु सभी हितधारकों के लिए एक एकीकृत प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। इससे सभी हितधारकों के लिए निरंतरता, पारदर्शिता, समयबद्ध प्रसंस्करण और बेहतर दृष्टिकोण को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बताया कि आईबीसी ने एक हजार से ज्यादा कंपनियों के मामलों का समाधान किया है। इसके परिणामस्वरूप ऋणदाताओं को 3.3 लाख करोड़ से अधिक की सीधी रिकवरी हुई है। इसके अलावा 10 लाख करोड़ रुपए से जुड़े 28 हजार मामलों का भी निपटारा किया गया है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि आईबीसी में उपयुक्त बदलाव, ट्राइब्यूनल और अपीलीय ट्राइब्यूनल में सुधार और मजबूती लाने से दिवाला समाधानों में तेजी लाने की पहल की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने अतिरिक्त ट्राइब्यूनल की स्थापना का भी प्रस्ताव दिया, जिनमें से कुछ को कंपनी अधिनियम के अंतर्गत विशेष रूप से निर्धारित मामलों के लिए अधिसूचित किया जाएगा।

एलएलपी को स्वैच्छिक रूप से बंद करना

बंद करने की समय-सीमा को कम करते हुए लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप्स (एलएलपी) को स्वैच्छिक रूप से बंद करने के लिए क्लोजर सेंटर फ़ॉर प्रोसेसिंग एक्लीरेटिड कॉरपोरेट एग्जिट (सी-पेस) की सेवाओं का विस्तार किया जाएगा।

ऋण वसूली को मजबूत बनाना

ऋण वसूली में तेजी लाने के लिए ऋण वसूली अधिकरणों में सुधार करते हुए इन्हें मजबूत बनाया जाएगा। इसके साथ-साथ अतिरिक्त अधिकरणों की स्थापना की जाएगी।

राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के अंतर्गत अवसंरचना के साथ निवेश हेतु तैयार बारह “प्लग एंड प्ले” औद्योगिक पार्कों को विकसित किया जाएगा : केन्‍द्रीय बजट 2024-25

महत्वपूर्ण खनिजों के घरेलू उत्पादन, रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज आस्तियों का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन का प्रस्‍ताव
श्रमिकों को विभिन्‍न सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-श्रम पोर्टल का अन्य पोर्टलों के साथ समग्र एकीकरण वन-स्टॉप समाधान को सुगम करेगा
केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में उद्योग और व्यापार के लिए अनुपालन की आसानी बढ़ाने हेतु श्रम सुविधा और समाधान पोर्टल को नवीकृत करने का प्रस्‍ताव

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार नगर आयोजना से संबंधित योजनाओं का बेहतर उपयोग करके राज्यों और निजी क्षेत्र की साझेदारी से 100 शहरों में या उसके आस-पास संपूर्ण अवसंरचना के साथ निवेश हेतु तैयार “प्लग एंड प्ले” औद्योगिक पार्कों को विकसित करने में सहायता करेगी। वित्‍त मंत्री ने कहा कि यह बजट ‘विनिर्माण एवं सेवा’ की प्राथमिकता को पूरा करेगा। राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बारह औद्योगिक पार्कों को मंजूरी दी जाएगी।

महत्वपूर्ण खनिज मिशन

विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र को और भी अधिक प्राथमिकता देते हुए, केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में महत्वपूर्ण खनिजों के घरेलू उत्पादन,रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज आस्तियों का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन स्थापित करने का प्रस्‍ताव किया गया है। इसके अधिदेश में प्रौद्योगिकी विकास, कुशल कार्यबल, विस्तारित उत्पादक दायित्व फ्रेमवर्क, तथा उपयुक्त वित्तीय तंत्र शामिल होंगे।

खनिजों के ऑफशोर खनन पर जोर देते हुए, केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने खनन के लिए ऑफशोर ब्‍लॉकों के पहले खंड की नीलामी शुरू करने, पहले से संचालित खोज के काम को पूरा करने का प्रस्‍ताव किया।

 

श्रम संबंधी सुधार   

केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में श्रमिकों के लिए कई सेवाओं के प्रावधान की सुविधा का प्रस्‍ताव भी किया गया है। इनमें रोजगार और कौशल प्रशिक्षण से संबंधित सेवाएं शामिल होंगी। वित्‍त मंत्री ने प्रस्‍तावि‍त किया कि ई-श्रम पोर्टल का अन्य पोर्टलों के साथ समग्र एकीकरण करने से ऐसा वन-स्टॉप समाधान सुगम होगा। तेजी से बदल रहे श्रम बाजार, कौशल जरूरतों और उपलब्ध रोजगार भूमिकाओं के लिए खुली संरचना वाले डाटाबेस और रोजगार आकांक्षियों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं से जोड़ने वाले तंत्र को इन सेवाओं में शामिल किया जाएगा।

अगली पीढ़ी के सुधारों पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए, केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में उद्योग और व्यापार के लिए अनुपालन की आसानी बढ़ाने हेतु श्रम सुविधा और समाधान पोर्टल को नवीकृत करने का प्रस्‍ताव किया गया है। इसके पीछे सरकार की सोच यह है कि विकसित भारत के लक्ष्‍य की दिशा में हमारी यात्रा की गति को तेज करने के लिए उन्‍हें सशक्‍त बनाया जाएं और वे अपनी गतिविधियों को कार्यान्वित कर सकें।

केन्द्रीय बजट में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को बढ़ाकर अगले 10 साल में 5 गुनी करने के लिए ₹1,000 करोड़ के एक वेंचर कैपिटल फंड का ऐलान किया

मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीबीए और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाकर 15 प्रतिशत किया गया
रेसिस्टरों के विनिर्माण के लिए ऑक्सीजन फ्री कॉपर पर सीमा शुल्क खत्म करने और कनेक्टरों के विनिर्माण के लिए कुछ पार्ट्स पर सीमा शुल्क में छूट का प्रस्ताव
बजट 2024-25 में कुछ विशेष दूरसंचार उपकरणों के पीसीबीए पर सीमा शुल्क 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण के मद्देनजर प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए कई कदम उठाने का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीते 10 साल के दौरान देश ने अर्थव्यवस्था में उत्पादकता में सुधार और असमानता को कम करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल अवसंरचना में सार्वजनिक निवेश और निजी क्षेत्र द्वारा नवाचार से नागरिकों विशेष रूप से आम लोगों की बाजार के संसाधनों, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने में सहायता मिली है।

 

इस दौरान प्रौद्योगिकी को अपनाने और डिजिटलीकरण के प्रयासों में बढ़ोतरी के तहत निम्नलिखित कदमों का ऐलान किया गया।

डाटा और सांख्यिकी

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि डाटा संचालन, संग्रहण, प्रसंस्करण में सुधार तथा डाटा और सांख्यिकी के प्रबंधन के लिए डिजिटल भारत मिशन के अंतर्गत स्थापित डाटाबेस सहित विभिन्न क्षेत्रीय डाटाबेस का प्रयोग प्रौद्योगिकी टूल्स के सक्रिय उपयोग से किया जाएगा।

मोबाइल फोन और उससे जुड़े पार्ट

वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान मोबाइल के घरेलू उत्पादन में तीन गुना वृद्धि होने और मोबाइल फोन के निर्यात में लगभग 100 गुना वृद्धि होने से भारत का मोबाइल फोन उद्योग परिपक्व हो गया है। उपभोक्ताओं के हित में, बजट में यह प्रस्ताव किया गया है कि मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीबीए और मोबाइल चार्जर पर बीसीडी को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया जाए।

इलेक्ट्रॉनिक्स

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए सरकार रेसिस्टरों के विनिर्माण के लिए ऑक्सीजन फ्री कॉपर पर शर्तों के साथ बीसीडी को हटाए जाने का प्रस्ताव करती है। साथ ही, कनेक्टरों के विनिर्माण के लिए कुछ पार्ट्स को कर से छूट देने का प्रस्ताव भी किया जाता है।

दूरसंचार उपकरण

घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए, वित्त मंत्री ने कुछ विशेष दूरसंचार उपकरण के पीसीबीए पर सीमा शुल्क 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया।

डिजटल सार्वजनिक अवसंरचना अनुप्रयोग

सेवा क्षेत्र का उल्लेख करते हुए, वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र द्वारा उत्पादकता लाभों, व्यवसाय के अवसरों और नवाचार के लिए बड़ी आबादी को ध्यान में रखते हुए डीपीआई अनुप्रयोग विकसित करने का प्रस्ताव किया। इनकी योजना ऋण, ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि और न्याय, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई, सेवा सुपुर्दुगी और शहरी अभिशासन को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

अगले 10 साल में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुनी तक बढ़ाने पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया जाएगा।

विद्युत भंडारण के लिए पम्‍प्‍ड स्‍टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति लाई जाएगी

केन्‍द्रीय बजट में सोलर सेल और पैनलों के विनिर्माण में उपयोग होने वाली छूट प्राप्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं की सूची को विस्‍तार देने की घोषणा

एयूएससी प्रौद्योगिकी का उपयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावॉट वाणिज्यिक संयंत्र स्‍थापित करने के लिए एनटीपीसी और भेल एक संयुक्‍त उद्यम शुरू करेंगे

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में 1.28 करोड़ से अधिक पंजीकरण दर्ज हुए और 14 लाख आवेदन मिले

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि समुचित ऊर्जा परिवर्तन पथ के संबंध में एक नीतिगत दस्‍तावेज तैयार किया जाएगा, जो रोजगार, विकास और पर्यावरण स्‍थायित्‍व की आवश्‍यकता के बीच संतुलन कायम करेगा। संसद में आज  ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह उपलब्‍धता, पहुंच तथा किफायत के संदर्भ ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ उच्‍च तथा अधिक संसाधन कुशल आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए सरकार की रणनीति का हिस्‍सा है।

केन्‍द्रीय मंत्री ने इस संदर्भ में निम्‍नलिखित उपायों की घोषणा की।

पम्प्ड स्टोरेज पॉलिसी

वित्‍त मंत्री ने कहा कि विद्युत भंडारण तथा समग्र ऊर्जा मिश्रण में इसकी परिवर्तनशील और विरामी प्रकृति के साथ अक्षय ऊर्जा के बढ़ते हिस्से के निर्बाध एकीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति लाई जाएगी।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में ऊर्जा परिवर्तन को महत्‍वपूर्ण बताते हुए वित्‍त मंत्री ने देश में सोलर सेल और पैनलों के निर्माण में काम आने वाली छूट प्राप्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं की सूची को विस्‍तार देने की घोषणा की। इसके अलावा, सोलर ग्‍लास और टीन्‍ड कॉपर इंटरकनेक्‍ट के पर्याप्‍त घरेलू विनिर्माण क्षमता को देखते हुए बजट 2024-25 में उन पर लगने वाले सीमा शुल्‍क को बढ़ाने का प्रस्‍ताव नहीं किया गया है।

लघु तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास

परमाणु ऊर्जा के विकसित भारत के लिए ऊर्जा मिश्रण का अति महत्वपूर्ण हिस्सा होने की संभावना है। इस संबंध में, सरकार (1) भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना, (2) भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान और विकास तथा (3) परमाणु ऊर्जा के लिए नई प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी। अंतरिम बजट में घोषित अनुसंधान और विकास वित्तपोषण इस क्षेत्र को उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट

वित्‍त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अत्यंत बेहतर कार्य क्षमता वाले उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) थर्मल पावर प्लांट के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास का कार्य पूरा हो गया है। उन्‍होंने बताया कि एनटीपीसी और बीएचईएल का एक संयुक्त उद्यम एयूएससी प्रौद्योगिकी का उपयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करेगा और सरकार जरूरी राजकोषीय सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्‍होंने कहा कि इन संयंत्रों के लिए उच्‍च श्रेणी वाले इस्‍पात तथा अन्‍य 15 उन्नत धातु सामग्री के उत्पादन के लिए स्वदेशी क्षमता के विकास से अर्थव्यवस्था के लिए दूरगामी लाभ प्राप्त होंगे।

हार्ड टू एबेट उद्योगों के लिए रोडमैप

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने यह भी बताया कि ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों को ‘ऊर्जा दक्षता’ के लक्ष्य से ‘उत्सर्जन लक्ष्य’ की ओर ले जाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि इन उद्योगों को वर्तमान के ‘परफॉर्म, एचीव एंड ट्रेड’ पद्धति से ‘इंडियन कार्बन मार्केट’ पद्धति में लाने के लिए उपयुक्त विनियम बनाए जाएंगे।

पारंपरिक सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को सहायता

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि तांबा और सेरामिक क्लस्टर सहित 60 क्लस्टरों में पारंपरिक सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की निवेश-ग्रेड ऊर्जा लेखा-परीक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन्हें स्वच्छ ऊर्जा में बदलने के लिए और ऊर्जा दक्षता उपायों को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्‍होंने कहा कि इस योजना को अगले चरण में 100 अन्य क्लस्टरों में दोहराया जाएगा।

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

अंतरिम बजट में की गई घोषणा के अनुरूप, एक करोड़ घरों को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाने हेतु रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का शुभारंभ किया गया है। वित्‍त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस योजना पर लोगों की प्रतिक्रिया काफी अच्छी रही है, जिसके अंतर्गत 1.28 करोड़ से अधिक पंजीकरण किए गए हैं और 14 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं और सरकार इसे आगे और प्रोत्साहित करेगी।

समावेशी एवं व्‍यापक संसाधन विकास और सामाजिक न्याय के लिए ‘परिपूर्णता दृष्टिकोण’ अपनाया जाएगा

सरकार लोगों, विशेषकर किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के चहुंमुखी, सर्वव्यापी तथा सर्वसमावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है

पीएम विश्वकर्मा, पीएम स्वनिधि, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्टैंड-अप इंडिया जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाई जाएगी

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्‍याय के लिए ‘परिपूर्णता दृष्टिकोण’ अपनाया जाएगा। रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्‍यवर्ग पर विशेष ध्‍यान केन्द्रित करने के अलावा यह केन्द्रीय बजट समग्रता एवं समावेशिता के महत्‍व को भी रेखांकित करता है।

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए विस्‍तृत रूपरेखा प्रस्‍तुत करने वाले अंतरिम बजट में निर्धारित की गई रण‍नीति के अनुरूप केन्द्रीय बजट 2024-25 में  समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्‍याय को सभी के लिए पर्याप्‍त अवसर सृजित करने वाली 9 प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है। उन्‍होंने कहा कि इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए सतत प्रयास करने की परिकल्पना की गई थी।

केन्द्रीय बजट 2024-25 में 9 विषयगत लक्ष्‍यों को प्राथमिकता दी गई है जिनमें परिवर्तनकारी बदलाव लाने की क्षमता है। इन लक्ष्‍यों में कृषि में उत्‍पादकता एवं अनुकूलनीयता, रोजगार एवं कौशल प्रशिक्षण, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अवसंरचना, नवाचार, अनुसंधान एवं विकास और अगली पीढ़ी के सुधार शामिल है। सरकार लोगों, विशेषकर किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के चहुंमुखी, सर्वव्यापी तथा सर्वसमावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि यह ‘परिपूर्णता दृष्टिकोण’ का उद्देश्‍य समग्र तौर पर सामाजिक न्याय हासिल करने के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों सहित विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये सभी पात्र लोगों को शामिल करना है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि यह उनकी क्षमताओं में सुधार करते हुए उन्‍हें सशक्त बनाएगा।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रभावी कार्यान्‍वयन पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए इस प्राथमिकता वाले विषय के महत्‍व को रेखांकित करते हुए शिल्पकारों, कारीगरों, स्व-सहायता समूहों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, महिला उद्यमियों और स्ट्रीट वेंडरों की आर्थिक गतिविधियों में सहायता करने के उद्देश्य से पीएम विश्वकर्मा, पीएम स्वनिधि, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्टैंड-अप इंडिया जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने की घोषणा की।

सरकार की योजनाओं और नीतियों के अधीन किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं के लिए घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए `10 लाख तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता की घोषणा

प्रति वर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से ई-वाउचर दिए जाएंगे

बुनियादी शोध और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड का संचालन

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए घोषणा की कि सरकार की योजनाओं और नीतियों के अधीन किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले हमारे युवाओं की सहायता करने के लिएमैं घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए `10 लाख तक के ऋण हेतु एक वित्तीय सहायता की घोषणा कर रही हूँ। इस उद्देश्य के लिए प्रति वर्ष लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से ऋण राशि के प्रतिशत वार्षिक ब्याज छूट के लिए ईवाउचर दिए जाएंगे।

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि बुनियादी शोध और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड को संचालित किया जाएगा। वाणिज्यिक पैमाने पर निजी क्षेत्र की तरफ से चलाने जाने वाले अनुसंधान और नवाचार के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा। इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कोष तैयार किया जाएगा जिसकी घोषणा अंतरिम बजट में की गई थी।

केन्‍द्रीय बजट ने आर्थिक विकास में महिलाओं की बढ़ी हुई भूमिका की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के संकेत दिए

महिलाओं और बालिकाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए

उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला छात्रावासों की स्‍थापना की जाएगी

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश किए गए ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ ने आर्थिक विकास में महिलाओं की बढ़ी हुई भूमिका की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के मजबूती से संकेत दिए।

केन्‍द्रीय वित्त मंत्री ने महिलाओं और बालिकाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन की घोषणा की। उन्‍होंने कहा कि इसकी परिकल्‍पना महिला केन्द्रित विकास को बढ़ावा देने के लिए एक उपाय के रूप में की गई है।

वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में ‘महिलाओं’ पर दिए गए फोकस का स्‍मरण किया जो चार प्रमुख जातियों अर्थात ‘गरीब, महिलाएं, युवा और अन्‍नदाता’ (किसान) का एक हिस्‍सा थीं और एक बार फिर से केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में उन्‍होंने दोहराया, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है कि सभी भारतीय, चाहे वे किसी धर्म, जाति, जेंडर और उम्र के हों, अपने जीवन के लक्ष्‍यों और आकांक्षाओं को प्राप्‍त करने के लिए उल्‍लेखनीय रूप से प्रगति करें।’’

केन्‍द्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला हॉस्टलों और शिशु गृहों की स्थापना करके कामगारों में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सुविधाजनक बनाएगी। इसके अतिरिक्त, इस साझेदारी में महिला विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने और महिला स्वसहायता समूह उद्यमियों के लिए बाजार तक पहुँच को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे।

वित्‍त मंत्री ने जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्‍नत ग्राम अभियान की घोषणा की

यह योजना जनजातीय आबादी बाहुल्‍य गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों को संपूर्ण कवरेज प्रदान करेगी

योजना के तहत पांच करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्‍य 63 हजार गांवों को कवर किया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए घोषणा की है कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरूआत करेगी।

वित्‍त मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि इस अभियान को जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए शुरू किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि योजना के अंतर्गत सामाजिक न्‍याय और विशिष्‍ट मानव संसाधन विकास के उद्देश्‍य ‘संपूर्ण कवरेज’ की अनुशंसा की गई है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह योजना जनजातीय आबादी बाहुल्‍य गांवों और आकांक्षी जिलों में रहने वाले जनजातीय परिवारों को संपूर्ण कवरेज प्रदान करेगी।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान में 63 हजार गांव शामिल होंगे और इसका लक्ष्‍य देश के पांच करोड़ जनजातीय लोगों को लाभांवित करना है।

अवयस्क बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ की घोषणा; माता-पिता और अभिभावकों द्वारा अंशदान

एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की- वित्त मंत्री

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ में अवयस्क बच्चों के लिए एक नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ की घोषणा की गई है।

इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे। वयस्कता की आयु होने पर, इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा।

केन्द्रीय मंत्री ने यह भी घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारियों ने रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा समाधान निकाला जाएगा जिससे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकल सके और साथ ही आम जनता के हितों की सुरक्षा के लिए राजकोषीय दूरदर्शिता भी बनाई रखी जाएगी।

श्रीमती सीतारमण ने कहा : भारत को वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाने के हमारे प्रयासों से रोजगार सृजित होंगे, निवेश बढ़ेगा और अन्य क्षेत्रों में आर्थिक अवसर खुलेंगे

विष्णुपाद मंदिर गलियारा और महाबोधि मंदिर गलियारे के समग्र विकास को प्रोत्साहन देकर विश्व श्रेणी के तीर्थस्थल और पर्यटक स्थल के रूप में उन्नत किया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा, “लोगों ने हमारी सरकार को देश को सुदृढ़ विकास और चहुंमुखी समृद्धि प्रदान करने के लिए विशेष अवसर दिया है।”

बजट भाषण में पर्यटन के बारे में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ पर्यटन सदैव हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है। भारत को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के हमारे प्रयास रोजगार सृजन, निवेश को आकर्षित करेंगे और अन्य क्षेत्रों के लिए आर्थिक अवसर खोलेंगे।“

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिहार में गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर का बहुत अधिक आध्यात्मिक महत्व है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, “विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए सफल काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारा मॉडल के अनुरूप विष्णुपद मंदिर गलियारा और महाबोधि मंदिर गलियारे के समग्र विकास के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।”

केंद्रीय मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि, राजगीर का हिन्दुओं, बौद्धों और जैनों के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व है और जैन मंदिर परिसर में 20वें तीर्थंकर मुनिसुव्रत का मंदिर प्राचीन है। उन्होंने यह भी कहा कि सप्तऋषि या सात गर्म जलधाराएं मिलकर एक गर्म जल ब्रह्मकुंड बनाते हैं जो पवित्र है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजगीर के लिए समग्र विकास पहल शुरू की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार नालंदा विश्वविद्यालय का इसकी गौरवपूर्ण महत्व के अनुरूप पुनरोद्धार करने के अलावा नालंदा को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायता प्रदान करेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओडिशा का दर्शनीय सौंदर्य, मंदिर, स्मारक, शिल्प, वन्य जीव अभ्यारण्य, प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट इसे एक श्रेष्ठ पर्यटन स्थल बनाते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार उनके विकास के लिए सहायता प्रदान करेगी।”

पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से शहरी गरीबों मध्‍यम वर्गीय आय वाले प‍रिवारों के लिए एक करोड़ आवासों को पूरा करेगी।

औद्योगिक कामगारों के लिए पीपीपी मोड में डोरमेट्री जैसे आवास वाले किराए के मकानों की सुविधा प्रदान की जाएगी: श्रीमती निर्मला सीतारमण

सरकार राज्‍यों के सहयोग से शहरों को विकास केन्‍द्र के रूप में विकसित करेगी

100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज ट्रीटमेंट और ठोस अ‍पशिष्‍ट प्रबंधन परियोजनाओं एवं सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा

सरकार ने अगले पांच साल में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘बाजार’ के विकास में सहायता के लिए एक योजना की परिकल्पना की

अधिक स्‍टाम्‍प शुल्‍क वसूल करने वाले राज्‍यों को सभी के लिए दरों में कमी लाने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि देश की जनता ने भारत को सतत विकास के मार्ग पर ले जाने और चहुंमुखी समृद्धि के लिए हमारी सरकार को एक महत्‍वपूर्ण अवसर प्रदान किया है।

पीएम आवास योजना

प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जानकारी देते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्‍त आवासों के निर्माण की घोषणा की गई है, जिसके लिए आवश्‍यक धनराशि का प्रबंध बजट में किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि  प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के अंतर्गत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की घर संबंधी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इसमें अगले 5 वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल होगी। वित्‍त मंत्री ने कहा कि किफायती दरों पर ऋण सुविधा के लिए ब्याज सब्सिडी के एक प्रावधान की परिकल्पना भी की गई है।

किराये के घर

किराये पर मिलने वाले आवासों के बारे में बात करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि औद्योगिक कामगारों के लिए वीजीएफ सहायता और एंकर उद्योगों की प्रतिबद्धता के साथ पीपीपी मोड में डोरमेट्री जैसे आवास वाले किराए के मकानों की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि इसके अलावा, अधिक उपलब्धता के साथ दक्ष और पारदर्शी किराए के आवास बाजारों के लिए समर्थकारी नीतियां तथा विनियम भी बनाए जाएंगे।

विकास केंद्रों के रूप में शहर

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार राज्यों के साथ मिलकर “विकास केंद्रों के रूप में शहरों” को विकसित करने की सुविधा पर काम करेगी। उन्‍होंने कहा कि आर्थिक और आवागमन संबंधी नीतियों तथा नगर आयोजना स्कीमों का उपयोग करके शहरों के आस-पास के क्षेत्रों को सुव्यवस्थित तरीके से विकसित किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।

जल आपूर्ति और स्वच्छता

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने जल आपूर्ति और स्‍वच्‍छता के बारे में बात करते हुए कहा कि केन्‍द्र सरकार, राज्य सरकारों तथा बहुपक्षीय विकास बैंकों की साझेदारी में भरोसेमंद परियोजनाओं के माध्यम से 100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा वित्तीय रूप से व्यवहार्य परियोजनाओं को बढ़ावा देगी। इन परियोजनाओं के माध्‍यम से मिलने वाले जल का इस्‍तेमाल सिंचाई तथा आस-पास के क्षेत्रों में तालाबों को भरने की भी परिकल्पना की जा रही है।

साप्‍ताहिक बाजार

वित्‍त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सडक पर रेहड़़ी-पटरी लगाने वाले दैनिक विक्रेताओं के जीवन में बदलाव लाने के उद्देश्‍य से पीएम स्वनिधि की सफलता के आधार पर, अगले पांच साल में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘बाजार’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए एक योजना की परिकल्पना की है।

स्टाम्प शुल्क

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार सभी के लिए स्‍टाम्‍प शुल्‍क की दरों को कम करने तथा महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए शुल्कों को और कम करने पर भी विचार करने हेतु उन राज्यों को प्रोत्साहित करेंगे, जिन्होंने अधिक स्टाम्प शुल्क लगाना जारी रखा है। उन्‍होंने कहा कि इस सुधार को शहरी विकास योजनाओं का अनिवार्य घटक बनाया जाएगा।

बजट 2024-25 में पूंजीगत व्यय के लिए `11,11,111 करोड़ का प्रावधान किया

राज्य सरकार द्वारा अवसंरचना निवेश को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 1.5 लाख करोड़ के दीर्घावधि ब्याज रहित ऋण का प्रावधान

25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विगत वर्षों में अवसंरचना का निर्माण करने तथा इसे बेहतर बनाने के लिए किए गए पर्याप्त निवेश का अर्थव्यवस्था पर अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हम अन्य प्राथमिकताओं और राजकोषीय समेकन की आवश्यकताओं के अनुरूप, अगले 5 वर्षों में अवसंरचना के लिए सुदृढ़ राजकोषीय सहायता बनाए रखने का प्रयास करेंगे। इस वर्ष, मैंने पूंजीगत व्यय के लिए 11,11,111 करोड़ का प्रावधान किया है। यह हमारी जीडीपी का 3.4 प्रतिशत होगा।

इसी तरह बुनियादी ढांचे के लिए मदद प्रदान करने को लेकर राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा कि हम राज्यों को उनकी विकास प्राथमिकताओं के अध्यधीन, अवसंरचना के लिए उसी पैमाने की सहायता उपलब्ध कराने हेतु प्रोत्साहित करेंगे। राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ के दीर्घावधि ब्याज रहित ऋण का प्रावधान किया गया है।

अवसंरचना में निजी निवेश को बढ़ावा देने के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि समर्थकारी नीतियों और विनियमनों के माध्यम से अवसंरचना में निजी क्षेत्र द्वारा निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए एक बाजार आधारित वित्तपोषण फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।

जनसंख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पीएमजीएसवाई के लिए पात्र बने 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा।

श्रीमती सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सिंचाई और बाढ़ से निपटने के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार ने अक्सर बाढ़ को झेला है, उनमें से बहुतों की उत्पत्ति देश से बाहर होती है। नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजनाओं पर प्रगति होनी बाकी है। हमारी सरकार, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के माध्यम से, `11,500 करोड़ की अनुमानित लागत से कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और बैराजों, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं सहित 20 अन्य चालू और नई स्कीमों जैसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा, कोसी से संबंधित बाढ़ उपशमन और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और अन्वेषण भी किया जाएगा।

सीतारमण ने असम में निरंतर आने वाली बाढ़ की समस्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि असम प्रतिवर्ष भारत के बाहर उद्गम होने वाली ब्रह्मपुत्र नदी और इसकी सहायक नदियों द्वारा बाढ़ की विभीषिका का सामना करता है। हम असम को बाढ़ प्रबंधन और उससे संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान करेंगे।

वित्त मंत्री ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले वर्ष बाढ़ के कारण हुई व्यापक हानि की चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बहुपक्षीय विकास सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए राज्य को सहायता उपलब्ध कराएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री सिक्किम को भी बाढ़ से हुए नुकसान से निपटने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करने की घोषणा की।

वित्‍त वर्ष 2023-24 में भारत की वास्‍तविक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत और नॉमिनल वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत रही है

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्‍त वर्ष 2024-25 में विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्‍यक्‍त किया है

औसत खुदरा मुद्रास्‍फीति 2022-23 में 6.7 प्रतिशत की तुलना में वित्‍त वर्ष 2023-24 में 5.4 प्रतिशत पर आई

वित्‍त वर्ष 2024-25 में बजटीय अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्‍पाद का 4.9 प्रतिशत होने की संभावना

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा ”हमारा लक्ष्‍य घाटे को अगले वर्ष 4.5 प्रतिशत से नीचे लेकर आना है

वर्ष 2024-25 के दौरान सकल और निवल बाजार उधारियां क्रमशः 14.01 लाख करोड़ और 11.63 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है

एससीबी का सकल गैर निष्‍पादित संपत्ति (जीएनपीए) अनुपात वित्‍त वर्ष 2017-18 में अपने सर्वोच्‍च स्‍तर 11.2 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2024 में घटकर 2.8 प्रतिशत पर आया है

सकल कर राजस्‍व (जीटीआर) 2023-24 के राजस्‍व अनुमान से 11.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान, पीए 2023-24 में 38.40 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 11.8 प्रतिशत)

प्रमुख सब्सिडियों में जीडीपी के 1.4 प्रतिशत की कमी का अनुमान, आरई 2023-24 से बीई 2024-25 में जीडीपी के 1.2 प्रतिशत

वस्‍तु और सेवा कर में 11 प्रतिशत बढोत्‍तरी दर्ज होने की संभावना, वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए आरई और पीई से अधिक, जो बीई 2024-25 में 10.62 लाख करोड़ रुपये

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि मेक्रो इकनामिक फ्रेमवर्क स्‍टेटमेंट और मीडियम टर्म फिस्‍कल पॉलिसी कम फिस्‍कल पॉलिसी स्‍ट्रेटजी स्‍टेटमेंट भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के मुख्‍य वित्‍तीय सूचकों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। यह अनिश्चित वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था के संबंध में प्रमुख बिन्‍दुओं के रूप में देखा जा रहा है। सरकार राजकोषीय घाटे को वित्‍त वर्ष 2025-26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक लाने में सफलता प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से निरंतर कार्य करेगी। इसके अलावा सरकार सतत विकास के साथ ही लोगों के कल्‍याण और आर्थिक वृद्धि में ऋण तथा सकल घरेलू उत्‍पाद के बीच समन्‍वय बनाने का प्रयास करते हुए लक्ष्‍य प्राप्‍त करने में ध्‍यान केन्द्रित करेगी।

वित्‍त वर्ष 2023-24 में भारत की वास्‍तविक दर 8.2 प्रतिशत और नॉमिनल वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत रही। वित्‍त 2023-24 में प्राईवेट कंजम्‍प्‍शन एक्‍सपेंडीचर में 4.0 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। ऐसा शहरी और ग्रामीण मांग में परिवर्तित हुई विभिन्‍न लाभप्रद स्थितियों के कारण संभव हुआ है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्‍त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि दर के 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्‍यक्‍त किया है। इसके साथ ही सामान्‍य दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से कृषि क्षेत्र में सकारात्‍मक माहौल देखा गया है, जिसका आर्थिक असर नजर आ रहा है। बैंकों की बैलेंस शीट, कार्पोरेट क्षेत्र का सशक्तिकरण और सरकार द्वारा लगातार अर्थव्‍यवस्‍था पर ध्‍यान दिये जाने से सतत विकास, उच्‍च क्षमता उपभोग तथा व्‍यवसायिक अवसर भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत बनाते हैं।

औसत खुदरा मुद्रास्‍फीति वित्‍त वर्ष 2022-23 में 6.7 प्रतिशत की तुलना में वित्‍त वर्ष 2023-24 में 5.4 प्रतिशत पर आ गई है। शीर्ष पर महंगाई जून 2024 में 5.1 प्रतिशत थी, जो कोर मुद्रास्‍फीति की दर से 3.1 प्रतिशत नीचे है। सर्वांगीण रूप से मुद्रास्‍फीति भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में देखी गई है।

वर्ष 2024-25 के लिए, उधारियों को छोड़कर कुल प्राप्तियां तथा कुल व्यय क्रमशः 32.07 लाख करोड़ रुपए और 48.21 लाख करोड़ रुपए अनुमानित हैं। सकल कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपए अनुमानित हैं। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पूंजीगत व्यय सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत यानि 11,11,111 करोड़ रुपए रहा। इसमें राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए 1,50,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता शामिल है। बजटीय पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2019-20 के पूंजीगत व्यय का 3.3 गुणा है और 2024-25 के बजटीय अनुमान में कुल परिव्यय का 23 प्रतिशत है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “वर्ष 2021 में, मेरे द्वारा घोषित राजकोषीय समेकन उपाय से हमारी अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है और हमारा लक्ष्य अगले वर्ष घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है।”उन्होंने कहा कि सरकार इस राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। श्रीमती सीतारमण ने कहा, “वर्ष 2026-27 से, हमारा प्रयास प्रति वर्ष राजकोषीय घाटे को इस प्रकार रखना है कि केंद्र सरकार का ऋण सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में लगातार कम होता रहे।”

लेखा महा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा प्रकाशित 3 अस्थाई वास्तविक (पीए) के अनुसार केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.6 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा वर्ष 2023-24 में राजस्व घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 2.6 प्रतिशत कम हुआ है।

सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 के बजटीय अनुमान (बीई) के अनुसार केंद्र सरकार के प्रमुख राजकोषीय सूचकांक नीचे सूची में दिए गए हैं:

राजकोषीय सूचकांकबजटीय अनुमान 2024-25 (प्रतिशत में)
  1. राजकोषीय घाटा
4.9
  1. राजस्व घाटा
1.8
  1. प्राथमिक  घाटा
1.4
  1. कर राजस्व (सकल)
11.8
  1. गैर कर राजस्व
1.7
  1. केंद्र सरकार के ऋण
56.8

वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से सकल और निवल बाजार उधारियां क्रमशः 14.01 लाख करोड़ रुपए और 11.63 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। दोनों ही वर्ष 2023-24 की तुलना में कम होंगे।

मार्च 2024 के अंत तक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियों का औसत घटकर 2.8 प्रतिशत पर आ गया। वर्ष 2017-18 में यह 11.2 प्रतिशत के उच्चस्तर पर था। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने मार्च 2024 में अपनी पूंजी को पूंजीगत भंडार में उच्च लाभ और नई पूंजी जोड़ कर सीआरएआर को 16.8 प्रतिशत कर लिया।

2024-25 के बजटीय अनुमान में सकल कर राजस्व (जीटीआर) के 11.7 प्रतिशत से बढ़ने का अनुमान किया गया है। सकल कर राजस्व का 38.40 लाख करोड़ रुपए (जीडीपी का 11.8 प्रतिशत) होने का अनुमान है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों का सकल कल राजस्व का क्रमश: 57.5 प्रतिशत और 42.5 प्रतिशत का योगदान देने का अनुमान है। कर राजस्व के  5.46 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

वर्ष 2023-24 के राजस्व अनुमान में प्रमुख सब्सिडी के 1.4 प्रतिशत से 2024-25 के बजटीय अनुमान का 1.2 प्रतिशत होने की संभावना है। 2024-25 के बजट अनुमान में राजस्व व्यय 10.3 प्रतिशत यानि 3.81 लाख करोड़ रुपए की प्रमुख सब्सिडी रहेगी।

राजस्व प्राप्ति और राजस्व व्यय में संतुलन बनाने के लिए बजट अनुमान 2024-25 में केंद्र सरकार की राजस्व प्राप्ति और राजस्व व्यय के क्रमश: 31.29 लाख करोड़ रुपए और 37.09 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

बजट अनुमान 2024-25 में वस्तु और सेवाकर प्राप्ति के 10.62 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी संग्रह ने प्रमुख उपलब्धि हासिल की और सकल जीएसटी संग्रह 20.18 लाख करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में इसमें 11.7 प्रतिशत वृद्धि हुई।

सकल कर राजस्व में 13.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और केंद्र का कुल कर 10.9 प्रतिशत एकत्र हुआ। केंद्र सरकार का वित्त वर्ष 2023-24 में सकल परिव्यय में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।