वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने तेजी से दावा निस्तारण के लिए बीमा कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की
वित्त मंत्री ने दावों के शीघ्र निस्तारण को संभव बनाने के लिए योजनाओं के तहत प्रक्रिया और दस्तावेज संबंधी जरूरतों को सरल बनाने पर जोर दिया
पीएमजेजेबीवाई के तहत 1 अप्रैल, 2020 से अभी तक 99 प्रतिशत की निस्तारण दर के साथ 2,403 करोड़ रुपये के 1.2 लाख दावों का भुगतान किया गया
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत कोविड-19 से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए शुरू की गई बीमा योजना की प्रगति की समीक्षा और महामारी के दौरान प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत लंबित दावों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बीमा कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की। उन्होंने योजनाओं के अंतर्गत प्रक्रिया और दस्तावेजों की जरूरत को सुगम बनाने के महत्व पर जोर दिया, जिससे दावों का तेजी से निस्तारण किया जा सके।
समीक्षा के दौरान, वित्त मंत्री ने पाया कि पीएमजीकेपी योजना के अंतर्गत अभी तक कुल 419 दावों का भुगतान किया गया और उनके नामांकित लोगों के खातों में 209.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। राज्यों के बाहर दस्तावेज भेजने के कारण होने वाली देरी के मुद्दे के समाधान के लिए, वित्त मंत्री ने कहा कि एक नई व्यवस्था लागू की गई है जहां जिलाधिकारी (डीएम) से जारी एक सरल प्रमाण पत्र और नोडल राज्य स्वास्थ्य अधिकारी का अनुमोदन इन दावों को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त होगा। उन्होंने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी के प्रयासों की सराहना की, जिसे योजना के प्रबंधन का काम सौंपा गया है और उन्होंने लद्दाख का उदाहरण दिया जिसमें डीएम का प्रमाण पत्र मिलने के 4 घंटों के भीतर एक दावे को निस्तारित कर दिया गया। उन्होंने भविष्य में इसी तरह के दृष्टिकोण को बनाए रखने का अनुरोध किया। वित्त मंत्री ने राज्यों को स्वास्थ्य कर्मचारियों के कोविड दावों को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाने और इस सरल व्यवस्था का अधिकतम उपयोग करने के भी निर्देश दिए, जिसे लागू किया गया है।
वित्त मंत्री ने पाया कि पीएमजेजेबीवाई के तहत, 9,307 करोड़ रुपये मूल्य के कुल कुल 4.65 लाख दावों का भुगतान किया गया है और महामारी की शुरुआत से यानी 1 अप्रैल, 2020 से अभी तक 99 प्रतिशत निस्तारण दर से 2,403 करोड़ रुपये की धनराशि के 1.2 लाख दावों का भुगतान कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि बीमा कंपनी के अधिकारियों को विशेषकर महामारी के दौरान बीमार पॉलिसी धारकों के नामांकितों को सेवाएं उपलब्ध कराते समय सहानुभूतिपूर्ण बने रहना चाहिए।
समीक्षा के दौरान, वित्त मंत्री ने पीएमएसबीवाई के तहत किए गए दावों के निस्तारण का जायजा भी लिया और कहा कि 31 मई, 2021 तक 1,629 करोड़ रुपये के कुल 82,660 दावों का भुगतान किया जा चुका है।
उन्होंने महामारी के दौरान पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत दावों के सरल निस्तारण के लिए हाल में उठाए गए निम्नलिखित कदमों की भी सराहना की :
- बीमा कंपनियों द्वारा 30 दिन की बजाय 7 दिनों के भीतर दावों की प्रोसेसिंग पूरी करना।
- बैंकों और बीमा कंपनियों के बीच दावा निस्तारण प्रक्रिया का पूरी तरह डिजिटलीकरण।
- कागज भेजने में होने वाली देरी को खत्म करने के लिए ईमेल/ ऐप के माध्यम से दावे के दस्तावेज भेजना।
- सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियां जून, 2021 तक दावे सौंपने के लिए एपीआई-आधारित ऐप की व्यवस्था को लागू करना।
- मृत्यु प्रमाण पत्र के बदले में इलाज करने वाले डॉक्टर का प्रमाण पत्र और डीएम/ अधिकृत अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र पर विचार किया जाना।
- जल्द ही प्रपत्रों को युक्तिसंगत और दावों की प्रक्रिया को सरलीकृत किया जा रहा है।
इन दावों से अपने नजदीकियों और प्रियजनों को खोने वाले नामांकितों को जरूरी वित्तीय राहत मिली है, और सरकार के कदमों से यह प्रक्रिया ज्यादा सरहल होगी और इसमें तेजी आएगी।
योजना की विशेषताएं :
पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई को अपने बैंकों के माध्यम से क्रमशः सिर्फ 330 रुपये और 12 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर योजनाओं के अंतर्गत नामांकित सभी लाभार्थियों को 2 लाख रुपये (प्रत्येक को) के क्रमशः जीवन और दुर्घटना बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए 2015 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि असंगठित क्षेत्र में काम रहे ज्यादा से ज्यादा लोगों को महज 1 रुपये प्रति दिन से कम प्रीमियम पर पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत पंजीकरण के द्वारा 4 लाख रुपये की वित्तीय सुरक्षा दी जाए।
सरकार के वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के माध्यम से, प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत 42 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खोलते समय पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के अंतर्गत क्रमशः 10 करोड़ और 23 करोड़ लोगों का नामांकन किया गया था। जन धन- आधार-मोबाइल को लिंक करके, विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को सीधे अपने बैंक खातों में सरकारी सहयोग प्राप्त हो रहा है।