आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय कल एक वर्चुअल कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत और पीएमएवाई-यू की छठी वर्षगांठ मनाएगा
आयोजन के दौरान इंडिया स्मार्ट सिटीज पुरस्कार प्रतियोगिता (आईएसएसी) 2020 और क्लाइमेट स्मार्ट सिटीज असेसमेंट फ्रेमवर्क (सीएससीएएफ) के परिणाम घोषित किए जाएंगे
पीएमएवाई पर एक लघु फिल्म प्रतियोगिता छात्रों, युवाओं, गैर-सरकारी संगठनों, संस्थानों, और व्यक्तियों/समूहों के लिए प्रारंभ करने की घोषणा की जाएगी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 जून, 2015 को लॉन्च किए गए तीन परिवर्तनकारी शहरी मिशनों- स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम), अमृत तथा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी की 6ठी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय 25 जून, 2021 को एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है। ये तीनों योजनाएं शहरी कायाकल्प के लिए एक दूरदर्शी कार्यक्रम का हिस्सा थीं और शहरों में रहने वाली भारत की 40 प्रतिशत जनसंख्या की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक बहु-परत रणनीति के हिस्से के रूप में तैयार की गई थीं।
पिछले 6 वर्षों के दौरान शहरी क्षेत्र पर फोकस का अनुमान 12 लाख करोड़ रुपये के समग्र निवेश से लगाया जा सकता है, जबकि 2004-2014 के बीच की अवधि में यह निवेश 1.5 लाख करोड़ रुपये था। इन तीन मिशनों के तहत लागू की गई परियोजनाओं ने भारत के शहरी निवासियों के जीवन में स्पष्ट परिवर्तन लाना प्रारंभ कर दिया है। इन मिशनों ने न केवल शहरी आधारभूत संरचना का विकास किया है, चाहे वह बेहतर जल आपूर्ति हो, स्वच्छता हो, सभी के लिए आवास हो, बल्कि हमारे शहरों की योजना और प्रबंधन में डाटा, प्रौद्योगिकी और नवाचार के उपयोग का भी प्रवर्तक बने हैं। इन मिशनों ने कोविड-19 महामारी के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे महामारी की अनिश्चितताओं का सामना कर रहे लोगों के जीवन में राहत आई।
वर्षगांठ समारोह में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा लागू की जा रही कुछ महत्वपूर्ण पहलों पर प्रकाश डाला जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप एस पुरी करेंगे। आवास एवं शहरी कार्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने केंद्र तथा राज्य सरकारों के सभी प्रमुख शहरी हितधारकों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। इसमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिव, नगरों के पालिका आयुक्त, स्मार्ट सिटीज के एमडी और सीईओ, राज्य स्तरीय नोडल एजेंसियों/मिशन निदेशालयों अधिकारियों और उनके दल के सदस्यों के साथ-साथ पेशेवर लोगों, उद्योग प्रतिनिधियों, मीडिया और शिक्षा जगत के सदस्य शामिल हैं।
45 वर्ष पहले 25 जून को ही शहरीकरण से संबंधित विषयों मुद्दों पर अनुसंधान और व्यवहार के बीच की खाई को पाटने का काम करने वाली आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की स्वायत्त संस्था राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान की स्थापना की गई थी।
प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी
‘हाउसिंग फॉर ऑल’ के तत्वावधान में पीएमएवाई-शहरी वर्ष 2022 तक यानी देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर सभी पात्र शहरी परिवारों को ‘पक्का’ घर सुनिश्चित करके झुग्गी निवासियों सहित ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी श्रेणियों के बीच शहरी आवास की कमी का समाधान करता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कुल 1.12 करोड़ आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 82.5 लाख घरों के निर्माण के लिए आधार तैयार किए जा चुके हैं और लगभग 48 लाख का काम पूरा हो चुका है।
वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) पर एक लघु फिल्म प्रतियोगिता छात्रों, युवाओं, गैर-सरकारी संगठनों, संस्थानों और व्यक्तियों /समूहों के लिए खुली घोषित की जाएगी। यह स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के पहले की जा रही है। 75 शहरों में स्कूलों/कॉलेजों/संस्थानों के लिए आवास पर संवाद (टाउनहॉल) पर पखवाड़े भर की कार्यशालाएं शुरू करने की योजना है।
अमृत मिशन
कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) जल आपूर्ति, सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन, बाढ़ को कम करने के लिए स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज, गैर-मोटरीकृत शहरी परिवहन और 1 लाख से अधिक आबादी वाले 500 शहरों में हरित स्थान/पार्क बनाने के मुद्दों के समाधान के लिए शुरू किया गया था। मिशन की उपलब्धियां निम्नलिखित हैः
- कुल नल कनेक्शन : 139 लाख लक्ष्य में से 105 लाख + नल कनेक्शन
- सीवरेज तथा सेप्टेज कनेक्शन : 145 लाख के लक्ष्य में 78 लाख+
- शोधन क्षमता विकसित : 1240 एमएलडी तथा एसटीपी की 4960 एमएलडी क्षमता प्रगति पर
- 1,840 जल जमाव के स्थान समाप्त किए गए
- हरित स्थान और पार्कः 1850 पार्क तथा हरित क्षेत्र का 3770 एकड़ विकसित
- म्युनिसिपल बॉन्ड्स: 10 शहरों ने 3,840 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉन्ड की वसूली की
- 2,465 कस्बों में ऑनलाइन भवन अनुमति प्रणाली लागू की गई
- स्ट्रीटलाइट्स: 88 लाख स्ट्रीटलाइट्स बदली गईं जिसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 192 करोड़ यूनिट ऊर्जा बचत हुई और कार्बन उत्सर्जन में 15 लाख टन की कटौती हुई
स्मार्ट सिटी मिशन
स्मार्ट सिटी मिशन एक परिवर्तनकारी मिशन है जिसका उद्देश्य देश में शहरी विकास के व्यवहार में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है। एससीएम के तहत कुल प्रस्तावित परियोजनाओं में से 1,78,500 करोड़ रुपये (मूल्य की दृष्टि से 87 प्रतिशत) मूल्य की 5,890 परियोजनाओं (संख्या में 114 प्रतिशत) के लिए अब तक निविदा जारी की गई है, 5,195 परियोजनाओं (संख्या में 101 प्रतिशत) के लिए वर्क ऑर्डर जारी किए गए हैं, जिनकी कीमत 1,45,600 करोड़ रुपये (मूल्य से 71 प्रतिशत) है। 45,000 करोड़ रुपये (मूल्य के अनुसार 22 प्रतिशत) मूल्य की 2,655 परियोजनाएं (संख्या में 51 प्रतिशत) भी पूरी हो चुकी हैं और चालू हैं।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित परियोजनाएं बहु-क्षेत्रीय हैं और स्थानीय आबादी की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती हैं। देश में अब तक 69 स्मार्ट शहरों ने अपने एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) का विकास और संचालन कर दिया है। चालू की गई इन आईसीसीसी ने कोविड प्रबंधन के लिए वार-रूम के रूप में कार्य किया और मिशन के तहत विकसित अन्य स्मार्ट आधारभूत संरचना के साथ सूचना प्रसार, संचार में सुधार, पूर्वानुमान विश्लेषण और प्रभावी प्रबंधन के समर्थन से महामारी से लड़ने में शहरों की मदद की।
छठी वर्षगांठ कार्यक्रम में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय इंडिया स्मार्ट सिटीज पुरस्कार प्रतियोगिता (आईएसएसी) 2020 के परिणामों की घोषणा करेगा। इस कार्यक्रम के दौरान डेटा मैच्योरिटी असेसमेंट फ्रेमवर्क (डीएमएएफ) और क्लाइमेट स्मार्ट सिटीज असेसमेंट फ्रेमवर्क (सीएससीएएफ) के अंतर्गत बहुप्रतीक्षित परिणाम भी जारी किए जाएंगे। इस कार्यक्रम में इंडिया स्मार्ट सिटीज फैलोशिप रिपोर्ट, ट्यूलिप वार्षिक रिपोर्ट और राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए) द्वारा विकसित ज्ञान उत्पादों को जारी किया जाएगा।