सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की ओर से अति पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण में वनियाकुल क्षत्रिय को साढ़े दस फीसदी आरक्षण देने के फैसले को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर वकील एस नागामुथु से कहा कि आप मद्रास हाईकोर्ट क्यों नहीं जा रहे हैं, वहां मामला पहले से लंबित है। हमें वहां के फैसले का लाभ मिलेगा। तब नागामुथु ने कहा कि इस मामले में नोटिस जारी किया जाए और ऐसी ही लंबित याचिकाओं के साथ टैग कर दिया जाए।
याचिका में कहा गया है कि तमिलनाडु सरकार की ओर से लाया गया यह कानून असंवैधानिक है और संविधान की धारा 340 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि संविधान में आरक्षण केवल वर्ग के आधार पर दिया जा सकता है, किसी विशेष जाति के आधार पर नहीं। यह कानून वनियाकुल क्षत्रिय जाति की मांग को पूरा करने के लिए लाया गया है।