संसद के मानसून सत्र 2021 की शुरुआत में प्रधानमंत्री के संबोधन

संसद के मानसून सत्र 2021 की शुरुआत में प्रधानमंत्री के संबोधन

अब तक 40 करोड़ से ज्‍यादा लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बाहुबली बन चुके हैं: प्रधानमंत्री

हम चाहते हैं कि संसद में भी इस महामारी के संबंध में सार्थक चर्चा हो, सबसे प्राथमिकता देते हुए इसकी चर्चा हो

राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि वो तीखे से तीखे सवाल पूछें, धारदार सवाल पूछें लेकिन शांत वातावरण में सरकार को जवाब का मौका भी दें: प्रधानमंत्री

साथियों, सबका स्‍वागत है और मैं आशा करता हूं कि आप सबका वैक्‍सीन का कम से कम एक डोज लग गया होगा। लेकिन उसके बावजूद भी मेरी आप सब मित्रों से प्रार्थना भी है, सदन में भी सभी साथियों से प्रार्थना है कि हम सब कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने में सहयोग दें। अब ये वैक्‍सीन जो है बाहु पर लगती है, और जब वैक्‍सीन बाहु पर लगती है तो सब बाहुबली बन जाते हैं। और कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए बाहुबली बनने के लिए एक ही उपाय है कि आपके बाहु पर वैक्‍सीन लगवा दीजिए।

अब तक 40 करोड़ से ज्‍यादा लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बाहुबली बन चुके हैं। आगे भी बहुत तेज गति से इस काम को आगे बढ़ाया जा रहा है। ये Pandemic ऐसी महामारी है जिसने पूरे विश्‍व को  अपनी चपेट में लिया हुआ है, पूरी मानव जाति को अपनी चपेट में लिया हुआ है। और इसलिए हम चाहते हैं कि संसद में भी इस Pandemic के संबंध में सार्थक चर्चा हो, सबसे प्राथमिकता देते हुए इसकी चर्चा हो और सारे व्‍यवहारू सुझाव सभी माननीय सांसदों से मिलें ताकि Pandemic के खिलाफ लड़ाई में बहुत नयापन भी आ सकता है, कुछ कमियां रह गई  हों तो उनको भी ठीक किया जा सकता है और इस लड़ाई में सब साथ‍ मिल करके आगे बढ़ सकते हैं।

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मैंने सभी फ्लोर लीडर्स से भी आग्रह किया है कि अगर कल शाम को वे समय निकालें तो Pandemic के संबंध में सारी विस्‍तृत जानकारी उनको भी मैं देना चाहता हूं। हम सदन में भी चर्चा चाहते हैं और सदन के बाहर भी सभी फ्लोर लीडर्स से, क्‍योंकि लगातार मैं मुख्‍यमंत्रियों से मिल रहा हूं। अलग-अलग forum में सब प्रकार की चर्चा हो रही है। तो फ्लोर लीडर्स से भी मैं चाहता हूं कि सदन चल रहा है तो एक सुविधाजनक होगा, रूबरू मिलकर उसकी बात होगी।

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साथियों, ये सदन परिणामकारी हो, सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो, देश की जनता जो जवाब चाहती है वो जवाब सरकार को देने की पूरी तैयारी है। मैं सभी माननीय सांसदों  से, सभी राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि वो तीखे से तीखे सवाल पूछें, धारदार सवाल पूछें लेकिन शांत वातावरण में सरकार को जवाब का मौका भी दें। ताकि जनता-जनार्दन के पास सत्‍य पहुंचाने से लोकतंत्र को भी ताकत मिलती है, जनता का भी विश्‍वास बढ़ता है और देश की गति भी तेज होती है प्रगति की।

साथियों, ये सत्र अंदर की व्‍यवस्‍था पहले की तरह नहीं है, सब साथ बैठकर काम करने वाले हैं क्‍योंकि करीब-करीब सबका वैक्‍सीनेशन हो चुका है। मैं फिर एक बार आप सभी साथियों का बहुत-बहुत धन्‍यवाद करता हूं और आपसे भी आग्रह करता हूं आप खुद को संभालिए। और हम सब मिल करके देश की आशा-आकांक्षाओं को पार करने के लिए साथ मिल करके प्रयास करें।