मुख्य बिंदु:
‘खेल’ राज्य का विषय होने के कारण, खेल को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए नीति तैयार करने सहित खेल के विकास की जिम्मेदारी राज्यों/ केंद्र शासित क्षेत्रों के सरकारों की है। केंद्र सरकार उनके प्रयासों में मदद करती है। युवा मामले और खेल मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों सहित देश में खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए निम्नलिखित योजनाएं तैयार की हैं: –
(i) खेलो इंडिया योजना
(ii) राष्ट्रीय खेल संघों को सहायता
(iii) अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के विजेताओं और उनके प्रशिक्षकों को विशेष पुरस्कार
(iv) राष्ट्रीय खेल पुरस्कार, प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पेंशन
(v) पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय खेल कल्याण कोष
(vi) राष्ट्रीय खेल विकास कोष
(vii) भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से खेल प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन।
उपरोक्त योजनाओं का विवरण युवा और खेल मामलों के मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण की वेबसाइटों पर उपलब्ध है जिन्हें कोई भी देख सकता है।
केंद्र सरकार को समय-समय पर विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों की सरकारों से प्रस्ताव मिलते रहते रहते हैं। प्रस्तावों की पूर्णता, तकनीकी व्यवहार्यता और योजनाओं के तहत धन की उपलब्धता के आधार पर संबंधित योजनाओं के मानकों के अनुसार प्रस्तावों को मंजूरी दी जाती है। पिछले तीन वर्षों के दौरान,मंत्रालय ने महाराष्ट्र सहित पूरे देश में खेलों के प्रोत्साहन और विकास के लिए 189 खेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, 360 खेलो इंडिया केंद्रों, 24 खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्रों और 160 खेलो इंडिया अकादमियों को मंजूरी दी है।
युवा मामले और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
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