‘आज़ादी का अमृत महोत्सव- भारत @75’ मनाने के लिए उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के विभाग के तहत राष्ट्रीय परीक्षण शाला (एनटीएच) ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में हाल के उभरते क्षेत्रों पर दो दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया।
उपभोक्ता मामलों की सचिव श्रीमती लीना नंदन ने आज वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। जिसमें देश भर के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।
यहां यह उल्लेख करना उचित है कि संस्थान, कई दिग्गज वैज्ञानिकों के उल्लेखनीय कार्यों का गवाह रहा है। एनटीएच के वैज्ञानिक डॉ.एस.वेंकटेश्वरन और डॉ. कृष्णन., सर सी.वी. रमन के रिसर्च एसोसिएट्स रहे हैं और एनटीएच प्रयोगशालाओं में ग्लीसरीन के “कमजोर फ्लोरोसींस” विषय पर परीक्षण और खोज की है और उसका “रमन प्रभाव” की खोज में अहम योगदान रहा है। सर सी.वी. रमन को वर्ष 1930 में “रमन प्रभाव” की खोज के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सर सी.वी. रमन ने 1930 में स्वीडिश अकादमी में नोबेल पुरस्कार विजेता के अपने भाषण में “रमन प्रभाव” की खोज के लिए जीटीएच (अब एनटीएच) के वैज्ञानिक डॉ. एस. वेंटेकेश्वरन के योगदान को स्वीकार भी किया था।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सचिव ने बताया कि कैसे एनटीएच के योगदान ने देश के लोगों के लिए जीवन को आसान बना दिया है। उन्होंने प्रेशर कुकर का उदाहरण देते हुए कहा, “एनटीएच आज उन बड़ी और छोटी खोजों से जुड़ा है जिसने हमारे जीवन को आसान बना दिया है। प्रेशर कुकर जो आज सभी घरों का एक अभिन्न अंग बन चुका है। उसे भी एनटीएच के वैज्ञानिकों के योगदान से ही विकसित किया गया था,” इसके अलावा संस्थान ने नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में भी कई अहम विकास किए हैं।
उन्होंने बताया कि गवर्नमेंट टेस्ट हाउस (जिसे बाद में नेशनल टेस्ट हाउस के नाम से जाना जाता है) दक्षिण कोलकाता के अलीपुर में वर्ष 1912 में स्थापित किया गया था और इसने वैज्ञानिक सिद्धांत, खोजों और व्यावहारिक उत्पादों के विकास में बहुत योगदान दिया है। एनटीएच देश में उत्पादित और बेचे जाने वाले उत्पादों के वाणिज्यिक, औद्योगिक परीक्षण और उनकी गुणवत्ता का भरोसा देता है।
सचिव ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा विकसित पोर्टल “परख” के बारे में बताया और कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और अहम कदम है।
“पोर्टल ने सभी प्रयोगशालाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक छत के नीचे लाने पर फोकस किया है। ताकि उद्योगों को पता चल सके कि प्रयोगशालाओं की परीक्षण सुविधाएं कहां उपलब्ध हैं, प्रयोगशाला की खासियत क्या है और उनके उत्पाद का परीक्षण करने में उसे कितना समय लगेगा। बीआईएस और एनटीएच प्रयोगशालाओं के ‘परख’ पोर्टल पर आने के साथ, अब वह समय आ गया है जब हम देश में वैज्ञानिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, अपने करोड़ों भारतीयों की जरूरतों को पूरा करें और सही मायने में आत्मनिर्भर बनने के लिए अपनी ताकत का एकजुट होकर उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि साथ ही भारत हर तरह से दुनिया को अपने विकास को दिखा सके और बता सके कि भारत अपने देश के सबसे अच्छे वैज्ञानिक प्रतिभाओं का उपयोग करने में वह पूरी तरह सक्षम है।”
उन्होंने एनटीएच को वर्ष 2022 से नैनो सामग्री, पैकेज्ड पेयजल और मैटेरियल वेल्डिंग प्रौद्योगिकी की टेस्टिंग पर इंजीनियरिंग और विज्ञान के मेधावी छात्रों को वार्षिक प्रोजेक्ट और छात्रवृत्ति की पेशकश करने की पहल के लिए बधाई दी। इसके तहत देश भर के इंजीनियरिंग के तीसरे या चौथे वर्ष/ विश्वविद्यालयों / कॉलेजों के विज्ञान विभाग के छात्रों का चयन किया जाएगा । इस संबंध में उन्होंने कहा, “हमें यह याद रखना चाहिए कि जिज्ञासु दिमाग और जिज्ञासु सोच के बिना कुछ भी संभव नहीं है और यह एक ऐसी चीज है जिससे हमारे देश के युवा सबसे अच्छी तरह जुड़ते हैं।”
इस मौके पर एनटीएच के महानिदेशक डॉ. पी कांजीलाल ने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में संस्थान के वैज्ञानिक विकास, खोजों और उसके योगदान के बारे में बताया।
एनटीएच उपभोक्ताओं, उद्योगों (भारी, छोटे उद्योगों), केंद्र और राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, रासायनिक, सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, नॉन डिस्ट्रक्टिव टेस्ट (एनडीटी), रबर-पेपर- प्लास्टिक और टेक्सटाइल (आरपीपीटी) में कार्यरत मैन्यूफैक्चरिंग और निर्माण एजेंसियों को सेवाएं प्रदान करता है।
पिछले पचहत्तर (75) वर्षों में, एनटीएच ने राष्ट्र निर्माण की विभिन्न परियोजनाओं के लिए अपनी सेवाएं दी हैं और विभिन्न पुलों, सड़क और राजमार्गों, हवाई अड्डों, इस्पात संयंत्रों, रिफाइनरियों, बिजली संयंत्रों आदि का वैज्ञानिक परीक्षण और गुणवत्ता मूल्यांकन किया है।
निरंतर विकास की प्रक्रिया में और उपभोक्ता और उद्योग की नई आवश्यकताओं के साथ तालमेल रखने के लिए, एनटीएच ने निम्नलिखित परीक्षण सुविधाएं शुरू की हैं:
इंफोग्राफिक्स
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एमजी/एएम/पीएस/डीए