जयपुर में विधायकों के 54 आवासों की भूमि पर अब 160 फ्लैट बनेगे। चार बेडरूम वाले फ्लैटों में सभी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया तक ने हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त पवन अरोड़ा की प्रशंसा की। बोर्ड ने पिछले डेढ़ वर्ष में तीन हजार करोड़ का राजस्व अर्जित किया है।
अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए भी बन रहे हैं 160 फ्लैट।
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जयपुर में विधानसभा के सामने ज्योति नगर में जिस जमीन पर विधायकों के 54 आवास बने हुए थे, उन्हें तोड़कर अब विधायकों के लिए 160 फ्लैट बनाए जा रहे हैं। 266 करोड़ रुपए की लागत वाले इन फ्लैटों के निर्माण कार्य का शिलान्यास 11 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया। फ्लैट बनाने की जिम्मेदारी राजस्थान हाउसिंग बोर्ड को दी गई है। शिलान्यास समारोह के शुभारंभ पर बोर्ड के आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि 24 हजार 160 वर्ग मीटर भूमि का कब्जा चार माह पहले ही लिया गया था। लेकिन चार माह में पुराने आवासों को तोड़कर भूमि को समतल किया गया और अब नवंबर 2023 तक बहुमंजिला इमारतों में 160 फ्लैट विधायकों के लिए बना दिए जाएंगे। चार बेडरूम वाले फ्लैट में सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी ताकि विधायकगण अपने परिवार के साथ सुविधाजनक तरीके से रह सके। विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र से आने वाले लोगों के रात्रि विश्राम के लिए भी 80 कमरों वाला गेस्ट हाउस बनाया जा रहा है। एक विधायक को 3200 वर्ग फिट का फ्लैट उपलब्ध होगा। इन फ्लैटों में गैस पाइप लाइन से लेकर सौर ऊर्जा तक की व्यवस्था की गई है। अरोड़ा ने बताया कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को भी जयपुर में प्रताप नगर में 180 फ्लैट दिए जाएंगे। एक फ्लैट की कीमत 92 लाख रुपए की होगी। अरोड़ा ने बताया कि कोरोना काल में लॉकडाउन की स्थिति होने के बाद भी पिछले डेढ़ वर्ष में हाउसिंग बोर्ड ने 3 हजार 103 करोड़ रुपए राजस्व अर्जित किया है। 9 हजार 150 मकान बेचकर 1 हजार 525 करोड़ रुपए की आय अर्जित की गई। अन्य संपत्तियों से 950 करोड़ रुपए प्राप्त किए गए। करीब 500 करोड़ रुपए के मूल्य की जमीन अतिक्रमणकारियों से मुक्त करवाई गई। हाउसिंग बोर्ड के इस विकास में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल का मार्ग दर्शन है। धारीवाल के विजन की वजह से ही जयपुर और प्रदेश के अन्य शहरों में मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत रियायती दरों वाले मकान बनाए जा रहे हैं। समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल आदि ने हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त पवन अरोड़ा की जमकर प्रशंसा की। सभी ने कहा कि अरोड़ा ने जिस उत्साह के साथ काम किया, उसी का परिणाम है कि हाउसिंग बोर्ड आज फिर से जीवंत हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गत भाजपा शासन में बोर्ड को बंद करने की नौबत आ गई थी, लेकिन नगरीय विकास मंत्री धारीवाल और ऊर्जावान आयुक्त पवन अरोड़ा की वजह से ही बोर्ड सुचारू ढंग से काम करने लगा है। अब जब हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाए जाने वाले फ्लैट आईएएस खरीद रहे हैं तो इससे बोर्ड की ख्याति का अंदाजा लगाया जा सकता है। समारोह में सीपी जोशी, कटारिया, डोटासरा आदि ने बताया कि जब वे पहली बार विधायक बनकर जयपुर आए तब उन्हें कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब 160 फ्लैट एक ही स्थान पर बनने से विधायकों को आसानी होगी। जोशी ने कहा कि अब आवासों की श्रेणी की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। विधायक आवास में सभी सुविधाएं समान रूप से है। धारीवाल ने कहा कि विधानसभा के सामने ज्योति नगर में विधायकों के फ्लैट बनाने को लेकर अनेक चुनौतियां थी, लेकिन पक्ष विपक्ष के विधायकों ने मिलकर चुनौतियों से मुकाबला किया और अब फ्लैटों का निर्माण शुरू हो रहा है। प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हमें आलोचना से डरने की जरुरत नहीं है। विधायक भी इसी समाज के अंग हैं। विधायकों को भी सुविधाजनक तरीके से रहने का अधिकार है। यदि विधायक अपने परिवार के साथ सुगमता से रहेगा, तो वह अपने क्षेत्र के मतदाताओं की सेवा अच्छी तरह कर सकेगा। कटारिया और शिक्षा मंत्री डोटासरा ने समारोह में धारीवाल की भी प्रशंसा की। दोनों ने कहा कि धारीवाल जो ठान लेते हैं उसे पूरा करते हैं। धारीवाल की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही 200 में से 160 विधायकों के फ्लैट एक ही स्थान पर बनने जा रहे हैं। समारोह में मंत्री रघु शर्मा, टीकाराम जुली, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा, विभाग के सलाहकार जीएस संधु, जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गौरव गोयल आदि भी उपस्थित रहे।
वेतन से ज्यादा पेंशन ले रहे हैं अधिकारी:
समारोह में सीएम गहलोत ने मजाकिया अंदाज में कहा कि जब सांसद और विधायक अपने वेतन भत्ते बढ़ाते हैं तो आलोचना होती है। लेकिन अधिकारियों का वेतन तो अपने आप बढ़ जाता है। ऐसे कई अधिकारी हैं जो अब वेतन की राशि से ज्यादा की पेंशन ले रहे हैं।