केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस ने आज कहा कि देश में 19 मेगा फूड पार्कों को जल्द पूरा किये जाने के प्रयास जारी हैं, जो कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य खेत से बाजार तक मूल्य श्रृंखला के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। मंत्री ने देश में 38 मेगा फूड पार्कों को अंतिम अनुमोदन तथा 3 मेगा फूड पार्कों को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। इनमें से 22 मेगा फूड पार्क परियोजनाओं को परिचालनगत बनाया जा चुका है। वह मंत्रालय के व्यापक दौरे तथा वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ परस्पर बातचीत करने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव सुश्री पुष्पा सुब्रह्मण्यम औपचारिक दौरे तथा परस्पर बातचीत के दौरान मंत्री उपस्थित थीं।
मंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए मंत्रालय द्वारा चिन्हित आम, केला, सेब, अननास, फूलगोभी, बीन्स आदि 22 शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के प्रयास जारी हैं। सरकार ने 2021-22 के लिए बजट भाषण में ‘ऑपरेशन ग्रीन्स स्कीम’ के दायरे को टमाटर, प्याज एवं आलू (टीओपी) से बढ़ाकर 22 शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं तक बढ़ाने की घोषणा की है। श्री पारस ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा उत्तर बिहार में मिनी फूड पार्कों की विशाल संभावना है।
श्री पारस ने कहा कि वह इस महीने की 20 तारीख को बिहार का दौरा करेंगे और बिहार के खगडि़या जिले के मानसी में मेगा फूड पार्क का मौके पर आकलन करेंगे, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि वह 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है। श्री पारस, इस वर्ष अप्रैल में केन्द्र द्वारा अनुमोदित मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर प्रखंड में मेगा फूड पार्क की प्रगति का आकलन करने के लिए बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि फूड पार्क क्षेत्र के किसानों की बड़ी मात्रा में लीची, मखाना, केला, आलू और मक्का उगाने में सहायता करेंगे तथा क्षेत्र की महिलाओं और युवाओं को नये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे।
श्री पारस ने बताया कि हाल ही में सम्पन्न सत्र में संसद द्वारा पारित होने के बाद राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान विधेयक, 2021 अधिसूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसी के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (एनआईएफटीईएम), कुंडली (हरियाणा) तथा भारतीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएफपीटी), तंजावुर (तमिलनाडु) राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) बन गए हैं।
श्री पारस ने इस ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति कृतज्ञता जताई। इससे इन संस्थानों को अधिक स्वायत्ता मिलेगी, जिससे कि वे नये और नवोन्मेषी पाठ्यक्रम आरंभ कर सकेंगे तथा उत्कृष्ट फैकल्टी और छात्रों को आकर्षित करने में उनकी मदद भी हो सकेगी।
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