मुख्य बिंदु:
15 अगस्त को भारत ने अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया और व्रोक्लॉ (पोलैंड) में 9 से 15 अगस्त, 2021 तक हुई युवा विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप के समापन दिवस पर जूनियर और कैडेट तीरंदाजों ने अपनी शानदार उपलब्धियों के साथ लाखों लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी।
युवाओं के सबसे बड़े आयोजन में जूनियर और कैडेट टीम का अभियान 15 पदकों (8 स्वर्ण, 2 रजत और 5 कांस्य पदक) की जीत के साथ समाप्त हुआ, जो युवा विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। कुल 520 तीरंदाजों की उपस्थिति में कम्पाउंड तीरंदाजों ने 3 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कांस्य पदक हासिल किए, वहीं रिकर्व तीरंदाजों ने 5 स्वर्ण और 3 कांस्य जीते। व्रोक्लॉ से पहले, भारतीय तीरंदाजों ने युवा विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप/ जूनियर विश्व (पुराना नाम) में कुल 26 पदक (6 स्वर्ण, 9 रजत और 11 कांस्य) हासिल किए थे और व्रोक्लॉ में दुनिया के 500 से ज्यादा तीरंदाजों की उपस्थिति में 15 पदकों की जीत हमारे तीरंदाजों की सफलता की कहानी कहती है।
यह प्रतिस्पर्धा इसलिए भी अहम थी, क्योंकि 24 तीरंदाजों में से 14 तीरंदाज पहली बार किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में खेलने गए थे। इतना ही नहीं, पदक जीतने वाले पांच युवा तीरंदाजों को वरिष्ठ खिलाड़ियों की टीम के लिए चुना गया है जो सितंबर, 2021 में होने वाली यूएसए- विश्व चैम्पियनशिप में भाग लेने जा रही है। एथलीट्स ने कई विश्व रिकॉर्ड भी बनाए। भारतीय कम्पाउंड कैडेट लड़कियों- प्रिया गुर्जर, परणीत कौर और रिद्धु वर्षिनी सेंथी कुमार ने 2160 अंकों में 2067 अंक हासिल करके कैडेट कम्पाउंड टीम विश्व रिकॉर्ड बनाया। पिछला विश्व रिकॉर्ड 2045 अंकों के साथ अमेरिका के नाम था। कम्पाउंड कैडेट मिश्रित युगल- प्रिया गुर्जर और कुशल दलाल ने 1440 संभावित अंकों में 1401 अंक हासिल करके नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। पिछला रिकॉर्ड 1387 अंकों का था।
पोलैंड में जूनियर रिकर्व में स्वर्ण पदक पर निशाना साधने के बाद, कोमलिका बारी, दीपिका कुमारी के बाद कैडेट और जूनियर रिकर्व महिला विश्व चैम्पियन खिताब दोनों जीतने वाली दूसरी भारतीय बन गई हैं।
भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने चैंपियनशिप के पदक विजेताओं और अन्य प्रतिभागियों के भारत आगमन पर उन्हें सम्मानित किया। जूनियर और कैडेट टीम को बधाई देते हुए, श्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “शानदार जीत पर आप सभी को बधाई! हमें आप सभी पर गर्व है। दल के सभी सदस्यों द्वारा किए गए प्रयास उत्कृष्ट थे। आप सभी की कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और बलिदान के चलते ही पोलैंड में आपको शानदार जीत हासिल हुई। इस विशेष दिन के आप असली सितारे हैं। आज की सफलता भविष्य की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धाओं में कल की महान उपलब्धियों की शुरुआत होगी।”
श्री अर्जुन मुंडा ने तीरंदाजों और भारतीय तीरंदाजी संघ की गतिविधियों के लिए बहुमूल्य समर्थन और सहयोग देने के लिए युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण और एनटीपीसी को धन्यवाद कहा।
उपलब्धियों की मुख्य बातें
टीम प्रदर्शन –
कैडेट कम्पाउंड तीरंदाजों ने सभी तीन संभावित टीम स्वर्ण पदक (लड़कों की टीम, लड़कियों की टीम, मिश्रित टीम) हासिल किए।
कैडेट रिकर्व और कैडेट कम्पाउंड तीरंदाजों ने पहली बार सभी 6 पदक (5 स्वर्ण और 1 कांस्य) हासिल किए।
व्यक्तिगत प्रदर्शन –
कोमलिका बारी (यू-21 जूनियर रिकर्व) ने स्वर्ण पदक हासिल किया और वह दीपिका कुमारी के बाद कैडेट और जूनियर रिकर्व महिला विश्व चैम्पियनशिप दोनों खिताब हासिल करने वाली दूसरी भारतीय बन गईं।
प्रिया गुर्जर (यू-18 कैडेट कम्पाउंड) कुल तीन पदकों (2 स्वर्ण और 1 रजत) के साथ किसी भी युवा विश्व चैम्पियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय तीरंदाज बन गई हैं। वह उन दोनों टीमों में शामिल थीं, जिन्होंने विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं।
बिशाल चांगमई (यू-18 कैडेट रिकर्व) किसी युवा विश्व चैम्पियनशिप में एक कांस्य सहित कुल तीन पदक के साथ दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बन गए हैं।
साक्षी चौधरी (यू-21 जूनियर कम्पाउंड) पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में अपनी श्रेणी में फाइनल में पहुंचने वाली और व्यक्तिगत रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला जूनियर कम्पाउंड तीरंदाज बन गई।
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