पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) संरचना और इसके पेरिस समझौते को लेकर भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, कॉप (काफ्रेंस ऑफ दि पार्टीज) 26 में सफल और संतुलित परिणाम के लिए रचनात्मक रूप से काम करने पर जोर देते हुए इस साल नवंबर में ग्लासगो में होने वाले कॉप26 के लिए ब्रिटेन को भारत का पूरा समर्थन देने की घोषणा की।
पर्यावरण मंत्री ने आज नई दिल्ली में, ब्रिटेन में होने वाले सीओपी26 के नामित अध्यक्ष श्री आलोक शर्मा के साथ एक विस्तृत बैठक की, जिसमें उन्होंने जलवायु परिवर्तन, कॉप26, भारत-ब्रिटेन 2030 रोडमैप और अन्य संबंधित विषयों पर चर्चा की।
श्री यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जलवायु परिवर्तन से लड़ते हुए जलवायु न्याय पर ध्यान देने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा,“भारत का मानना है कि जलवायु संबंधी कार्रवाइयों को राष्ट्रीय रूप से निर्धारित किया जाना चाहिए और भारत दृढ़ता से वकालत करता है कि यूएनएफसीसीसी और पेरिस समझौते में विकासशील देशों के लिए प्रदान किए गए लचीलेपन के विशिष्टीकरण और संचालन के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए।”
Had an engaging & fruitful discussion with @COP26 President @AlokSharma_RDG and assured India’s full support to the UK for a successful COP26. pic.twitter.com/tKNvJlG6DC
पर्यावरण मंत्री ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा शुरू की गई वैश्विक पहलों का भी उल्लेख किया जिनमें लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन (लीडआईटी), गठबंधन ऑन कोएलिशन डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) और इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) सहित अन्य शामिल हैं।
कॉप26, ब्रिटेन के नामित अध्यक्ष श्री आलोक शर्मा ने ब्रिटेन द्वारा शुरू की गई कॉप26 पहल और ग्लासगो में एक सफल कॉप बैठक के लिए भारत का समर्थन मांगा तथा भारत की अग्रणी भूमिका को स्वीकार किया। दोनों नेताओं ने ग्लासगो में होने वाले आगामी कॉप26 में विचार-विमर्श के लिए महत्वपूर्ण जलवायु वार्ता एजेंडा के विषयों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
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