भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की साझेदारी में अगस्त 2020 से कोविशिल्ड के चरण II/III ब्रिजिंग अध्ययन का आयोजन किया था। वहीं नवंबर 2020 से कोवैक्सीन के लिए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने चरण III प्रभावकारिता नैदानिक परीक्षण आयोजित किए गए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को-विन के माध्यम से डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्र के लिए परीक्षण प्रतिभागियों से कई अनुरोध प्राप्त हुए थे।
यह निर्णय किया गया कि परीक्षणों/अध्ययनों को सार्वजनिक किए जाने के बाद परीक्षण या अध्ययन के दौरान जिन प्रतिभागियों को टीके लगाए गए थे, उन्हें प्रमाणपत्र जारी किए जा सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसे प्रतिभागियों के टीकाकरण डेटा के संग्रह के लिए आईसीएमआर को नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया था। आईसीएमआर ने ऐसे 11,349 व्यक्तियों के लिए मंत्रालय को डेटा प्रदान किया था। ऐसे व्यक्तियों को, जिन्होंने कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के इन अध्ययनों/परीक्षणों में हिस्सा लिया था, उन्हें अब को-विन के माध्यम से डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।
ये प्रतिभागी अपने व्यक्तिगत प्रमाणपत्र को-विन पोर्टल, आरोग्य सेतु, डिजिलॉकर या उमंग एप्लिकेशन के माध्यम से डाउनलोड कर सकेंगे।
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एमजी/एएम/एचकेपी/सीएस