केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज मुंबई में अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन की समीक्षा की। समीक्षा में कहा गया है कि 2014 में वर्तमान स्थिति की प्रतिक्रिया के रूप में मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार से जुड़ी सरकार की 4आर रणनीति के परिणामस्वरूप 2020-21 में पीएसबी में लाभप्रदता, पूंजी पर्याप्तता, एनपीए में कमी, धोखाधड़ी के मामलों की जांच और बाजार से धन जुटाने जैसे विभिन्न मानकों के संदर्भ में महत्वपूर्ण रूप से सुधार किया गया है।
4आर दृष्टिकोण का प्रभाव- 2020-21 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन
पीएसबी के प्रबंध निदेशकों के साथ वार्तालाप करते हुए, वित्त मंत्री ने ग्राहक सेवा, एमएसएमई और कम सेवा वाले क्षेत्रों का समर्थन करने के लिए ऋण वृद्धि से साथ-साथ बुनियादी ढांचे, पीएलआई योजना और निर्यात हेतु राष्ट्रीय पहल के लिए ऋण पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर बल डाला। श्रीमती सीतारमण ने विशेष रूप से एमएसएमई और खुदरा क्षेत्र के लिए किफायती ऋण की पहुंच बढ़ाने के लिए सह-ऋण कार्य करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसके साथ-साथ, उन्होंने पुनर्प्राप्ति और प्रौद्योगिकी में विशेष रूप से डिजिटल ऋण और नवाचार में निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर भी ध्यान देने को कहा। वित्तीय समावेशन की ओर बढ़ने से पर्याप्त लाभ हुआ है, लेकिन इन प्रयासों को विशेष रूप से प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के संदर्भ में जारी रखने की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास करने का आह्वान किया कि सभी सरकारी घोषणाएं सही तरीके से अंतिम छोर तक प्रत्येक पुरूष और महिला को लाभान्वित करें।
श्रीमती सीतारमण ने बैंकों को निर्यात प्रोत्साहन एजेंसियों के साथ-साथ उद्योग और वाणिज्य निकायों के साथ समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया ताकि निर्यातकों की आवश्यकताओं को समय पर पूरा किया जा सके। बैंकों को फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) के साथ नियमित रूप से संपर्क बनाए रखने का निर्देश दिया गया था ताकि निर्यातकों को विभिन्न बैंकरों के बीच के आपसी सामंजस्य न होने का सामना न करना पड़े।
वित्त मंत्री ने इस बात का भी उल्लेख किया कि वर्तमान बदलते समय के साथ, उद्योगों के पास अब बैंकिंग क्षेत्र के बाहर से भी धन जुटाने का विकल्प है। बैंक स्वयं विभिन्न माध्यमों से धन जुटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां जरूरत है वहां क्रेडिट को लक्षित करने के लिए इन नए पहलुओं का अध्ययन करने की जरूरत है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि बैंक एक विशेष क्षेत्र के उद्योगों को एक निर्यातक बनने में सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और इस तरह एक जिला एक उत्पाद योजना की सहायता करने में भी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा सकते हैं।
श्रीमती सीतारमण ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सुझाव का उल्लेख करते हुए कहा कि बैंकों को पूर्वोत्तर के जैविक फल क्षेत्र की मांगों को पूरा करने की आवश्यकता है।
विशेष रूप से देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की रसद और निर्यात जरूरतों को व्यक्तिगत रूप से पूरा करने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने कहा कि सीएएसए डिपोजिट पूर्वी राज्यों में जमा हो रहा है और बैंकों को इस क्षेत्र में अधिक से अधिक ऋण विस्तार की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
श्रीमती सीतारमण ने बैंकों से कहा कि वे राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कर्ज जरूरतमंदों तक पहुंचे। ऋण की पहुँच पर चर्चा करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि अक्टूबर 2019 और मार्च 2021 के बीच, बैंकों ने एक पहुँच कार्यक्रम आयोजित किया था और इसके तहत 4.94 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए थे। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इस वर्ष भी इसी तरह की कवायद करने का आह्वान किया।
पीएसबी का बेहतर प्रदर्शन अप्रैल-जून तिमाही 2021 में भी जारी रहा है। इस तिमाही में कुल लाभ 14,012 करोड़ रुपये रहा है और परिचालन लाभ, शुल्क आय के साथ-साथ ट्रेजरी आय में भी मजबूत वृद्धि देखी गई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का यह प्रदर्शन कोविड-19 महामारी के व्यापक प्रसार से उत्पन्न हुए अवरोधों के बावजूद है। पीएसबी में बाजारों का विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है। पिछले वर्ष के कुल 10,543 करोड़ रूपए की तुलना में इस वर्ष के पहले पांच महीनों में ही इक्विटी के रूप में 7,800 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। बेहतर कुशलता, अधिक दक्षता, अधिक व्यावसायिकता, कम लागत और मजबूत पूंजी बाजार के साथ लाभ के रूप में सामने आ रहा हैं।
पीएसबी अपनी ग्राहक सेवा में सुधार और डिजिटल बैंकिंग पहुंच के साथ-साथ डिजिटल उधार, मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग से ग्राहक-अनुकूल सुविधाओं को और अधिक सुविधाजनक बनाने और क्षेत्रीय भाषा ग्राहक-इंटरफ़ेस को अपनाने में सक्षम हुए हैं। डिजिटल चैनलों के माध्यम से ऋण अनुरोधों से खुदरा संवितरण और डिजिटल खुदरा ऋण अनुरोध की सुविधा को वित्त वर्ष 2020-21 में शुरू करते हुए बड़े पीएसबी में इसे सक्षम बनाया गया है, जिसकी धनराशि 40,819 करोड़ है। ग्राहक-आवश्यकता-चालित, एनालिटिक्स-आधारित क्रेडिट ऑफ़र को प्रोत्साहन दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष 2020-21 में सात बड़े पीएसबी द्वारा 49,777 करोड़ रूपए का वर्तमान में खुदरा ऋण संवितरण किया गया है। परिणामस्वरूप, पीएसबी के लगभग 72% वित्तीय लेनदेन अब डिजिटल चैनलों के माध्यम से किए जाते हैं, डिजिटल चैनलों पर सक्रिय ग्राहकों की संख्या वित्त वर्ष 2019-20 में 3.4 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 7.6 करोड़ हो गई है।
महामारी के दौरान, पीएसबी, निजी बैंकों और एनबीएफसी ने एकमात्र रूप से आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के माध्यम से 1.16 करोड़ से अधिक उधारकर्ताओं की मदद की गई। ईसीएलजीएस की सफलता के कारण सरकार ने 28 जून, 2021 को की गई घोषणाओं के एक अंग के रूप में ईसीएलजीएस की सीमा को बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रूपए कर दिया। साथ ही, एमएफआई के लिए गारंटी योजना और स्वास्थ्य क्षेत्र में पूंजीगत व्यय (सीएपीईएक्स) जैसी अन्य पहलें की गई हैं। उदाहरण के लिए, एमएफआई योजना के लिए पहले ही हफ्ते लगभग 1,000 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जा चुकी है। निर्यात में हमारे नए चैंपियन के रूप में संभावित मध्यम आकार और छोटी कंपनियों की पहचान करने के लिए “उभरते सितारे योजना” का शुभारंभ किया गया था।
सभी पीएसबी की समीक्षा में, वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए व्यापक पहुँच और शानदार सेवा (ईएएसई) 4.0 सुधार एजेंडे का भी शुभारंभ किया और ईएएसई 3.0 (वित्तीय वर्ष 2020-21) के लिए वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की।
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