मंत्री धारीवाल के ब्राह्मण विरोधी बयान पर मुख्य संचेतक महेश जोशी की प्रतिक्रिया स्वागत योग्य।

मंत्री धारीवाल के ब्राह्मण विरोधी बयान पर मुख्य संचेतक महेश जोशी की प्रतिक्रिया स्वागत योग्य।
वाकई विरोध करने के बजाय ब्राह्मण समाज के संगठन अपने युवाओं को आईएएस, आईपीएस, डाक्टर, इंजीनियर आदि बनवाने की तरकीब लगाएं।
धारीवाल ने माफी भी मांगी।
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ब्राह्मणों की बुद्धिमता को लेकर राजस्थान के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने जो बयान दिया, उस पर सरकार के मुख्य सचेतक महेेश जोशी ने स्वागत योग्य प्रतिक्रिया दी है। मालूम हो कि धारीवाल ने ब्राह्मण समाज के एक शिष्टमंडल से कहा था कि ब्राह्मणों ने बुद्धि का ठेका नहीं ले रखा है। कोटा के कोचिंग इंस्टीट्यूट ये पढकर वैश्य समाज के युवा आईएएस, इंजीनियर जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होते है। धारीवाल के इस कथन को ब्राह्मण समाज के संगठनों ने ब्राह्मण विरोधी मान कर आंदोलन की धमकी दी। इसी दौरान 30 अगस्त को सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि ब्राह्मणों को विरोध करने के बजाए धारीवाल के कथन को चुनौती के तौर पर स्वीकार करना चाहिए। जब राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षा में वैश्य समाज के युवा ज्यादा सफल हो सकते है तो ब्राह्मण समाज के क्यों नहीं? जोशी जी ने कहा की ब्राह्मण समाज के विभिन्न संगठन ऐसे प्रयास करें, ताकि धारीवाल के कोटा के कोचिंग इंस्टीट्यटों से पढकर ब्राह्मण समाज के युवा ज्यादा सफल हो। प्रत्येक संगठन को 10-10 प्रतियोगियों को सफल करवानें की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। महेश जोशी की यह प्रतिक्रिया वाकई स्वागत योग्य है धारीवाल के खिलाफ आंदोलन से कुछ भी हासिल नहीं होगा। लेकिन ब्राह्मण संगठनों ने चुनौती स्वीकार की तो ब्राह्मण समाज के अनेक युवा आईएएस, आईपीएस, इंजीनियर, डाक्टर आदि बन जाऐगें। सब जानते है कि सामान्य वर्गों के युवाओं को आरक्षण की वजह से वैसे ही कडी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पडता है। यह माना जाता है कि वैश्य ब्राह्मण, राजपूत आदि सामान्य वर्गाे के युवा तो पैदायशी ही समर्थ होते है, लेकिन हकीकत यह कि सामान्य वर्ग के इन सामाजो के अनेक परिवार आर्थिक दृष्टि से समर्थ नही होते। इसीलिए शांति धारीवाल के गृह जिले कोटा के महंगे कोचिंग इंस्टीट्यूटों में पढाई नही कर सकते है। यदि ब्राह्मण संगठन 10-10 युवाओं को कोटा के इंस्टीट्यूटों में पढानें की जिम्मेदारी ले तो धारीवाल को भी सटीक जवाब दिया जा सकता है। वैसे भी इस मामले में अब धारीवाल ने माफी मांग ली है यह मामले के तूल पकडनें और ब्राह्मणों के जबरदस्त विरोध के बाद धारीवाल का कहना है कि वे ब्राह्मणों का अपमान नहीें कर सकते है। ब्राह्मण तो अनके मार्ग दर्शक है फिर भी यदि उनके कथन से किसी की भावनाए आहत हुई है तो वे माफी मांगते है। असल में कई बार शांति धारीवाल अति उत्साह में बे धडक बोल देते है। धारीवाल को अनेक बार अपने कथन से पीछे हटना पडा है। कांग्रेस सरकार में धारीवाल की हैसीयत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद दूसरे नम्बर की है। धारीवाल सीएम गहलोत के भरोसेमन्द मंत्री है।