केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री तोमर के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया विश्‍व नारियल दिवस

एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग के तत्‍वावधान में स्थापित, नारियल उत्पादक देशों के अंतर शासकीय संगठन इंटरनेशनल कोकोनट कम्युनिटी के स्‍थापना दिवस के स्‍मरणोत्‍सव में आज विश्‍व नारियल दिवस मनाया गया। समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत ने नारियल के क्षेत्र में काफी प्रगति की है, भारत उत्पादन व उत्पादकता में सबसे आगे है व विश्व में तीसरे स्थान पर हैं। 2020-21 के दौरान देश में नारियल का उत्पादन 21207 मिलियन नट रहा, जो वैश्विक उत्‍पादन का 34 प्रतिशत है। उत्‍पादकता प्रति हेक्‍टेयर 9687 नट है, जो विश्व में सर्वाधिक है। नारियल के नए उत्‍पाद व उद्योग बढ़ रहे है, जिससे किसानों को रोज़गार मिल रहा हैं।

इस वर्ष 23वें विश्व नारियल दिवस समारोह के लिए विषय है- ‘कोविड-19 महामारी के बीच व उसके उपरांत सुरक्षित, समावेशी, सुदृढ़ और सुस्थिर नारियल समुदाय का विनिर्माण’। नारियल के महत्‍व के बारे में जागरूकता बढ़ाने व राष्‍ट्रीय-अंतर्राष्‍ट्रीय स्तर पर ध्‍यानाकर्षण के उद्देश्य से नारियल विकास बोर्ड द्वारा आयोजित विश्व नारियल दिवस पर केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था में नारियल का काफी मजबूत प्रभाव पड़ा है। उन्होंने किसानों व उद्यमियों से आग्रह किया कि वे नारियल क्षेत्र की क्षमताओं का भरपूर फायदा उठाएं, उनके प्रयासों में केंद्र सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हुई है। केंद्र द्वारा कृषि बजट काफी बढ़ाने के साथ एमएसपी का लाभ किसानों को दिया जा रहा है। कृषि प्रधान देश में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के प्रयास उल्लेखनीय है। प्रधानमंत्री जी की हमेशा से किसानों की आय बढ़ाने की सद्इच्छा रही है। कृषि उपज गुणवत्तापूर्ण व वैश्विक मानकों के अनुरूप होना चाहिए, जिससे निर्यात भी बढ़ेगा।

यह भी पढ़ें :   आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर ‘कथा क्रांतिवीरों की’ प्रदर्शनी का उद्घाटन आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में रवीन्द्र भवन, नई दिल्ली में आयोजित हुआ।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि हमारे किसान लघु व सीमांत श्रेणी के हैं, इसलिए देशीय नारियल उद्योग का भविष्य फार्म स्तर पर ही नारियल के उत्पादन का संचयन एवं एकत्रीकरण करने से तय होता है। किसानों को बेहतर आय प्राप्ति के लिए प्रसंस्करण व मूल्‍यवर्धन करने, उत्पाद विविधीकरण अपनाने पर ध्यान दिया जा रहा है।

यह भी पढ़ें :   भारत-श्रीलंका विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग से अपशिष्ट जल प्रौद्योगिकियों, जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक), दीर्घकालिक कृषि, बिग डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की आशा

राज्‍य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन अनुरूप किसानों की आय बढ़ाने के लिए नारियल उत्पादकों को भी सरकार लाभ पहुंचा रही है। केंद्र सरकार किसानों के लिए समर्पित है और कृषि क्षेत्र प्राथमिकता है, इसीलिए कृषि बजट भी काफी बढ़ाया गया है। कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से भी बड़ी संख्या में किसानों को सुविधाएं मिलेगी।

समारोह में कृषि एवं किसान कल्‍याण सचिव श्री संजय अग्रवाल ने भी संबोधित किया। संयुक्त सचिव व नारियल विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजबीर सिंह ने प्रेजेन्टेशन दिया। समारोह में मंत्रालय व बोर्ड के अन्य वरिष्‍ठ अधिकारी, विभिन्न राज्य बागवानी मिशनों के अधिकारी व अग्रणी किसानों ने भाग लिया। नारियल उत्पादक किसानों के लिए तकनीकी सत्र भी आयोजित किया गया।

****

APS/JK