सीवेज और कार्बनिकठोस अपशिष्ट, बायोगैस तथा जैव खादके सहवर्ती उत्पादन के एकीकृत उपचारके लिए एक नई उच्च दर बायो-मेथेनेशनप्रौद्योगिकी विकसित की गई है, जो भूजल और अपशिष्ट जल का शोधनकरके उसे पीने योग्य पानी में परिवर्तित कर सकती है। इसप्रौद्योगिकी का देश के विभिन्न हिस्सों में विकेन्द्रीकृत अनुप्रयोगों के साथ सीवेज और कार्बनिक ठोस अपशिष्ट शोधन के लिए उपयोगकिया जा सकता है।
ठोस और तरल अपशिष्ट बड़े शहरों के साथ-साथ तेजी से शहरीकरण हो रहे क्षेत्रों के लिए भी बड़ी चुनौती बन गएहैंजिनसे निपटने केलिए स्थायी प्रौद्योगिकियों की जरूरत है। देशमें कार्बनिक ठोस अपशिष्टके साथ-साथसीवेज का एकीकृत शोधनठोस औरतरल अपशिष्ट निपटान के मुद्दों को हाल करने के लिए स्थायी प्रौद्योगिकी को विकसित करने में सहायताकर सकता है।
सीएसआईआरके भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) के मुख्यवैज्ञानिक डॉ. ए. गंगाग्नि रावऔर वरिष्ठ प्रधानवैज्ञानिक डॉ. एस. श्रीधर ने संयुक्त रूप सेयहउच्च दर बायो-मेथेनेशन प्रौद्योगिकी विकसित की है और नैनोफिल्ट्रेशन (एनएफ) सेटअप के साथ जैविक ठोस अपशिष्ट औरकार्बनिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और बायोगैस तथा जैव खाद के सहवर्ती उत्पादन के उपचार के लिएएनारोबिक गैस लिफ्ट रिएक्टर (एजीआर) प्रौद्योगिकी पर आधारित है।
इस एकीकृत और टिकाऊ सीवेज एवं कार्बनिक ठोसअपशिष्ट शोधन प्रणाली का उपयोग भूजल और अपशिष्ट जल के उपचारके साथ-साथपीने योग्य तथापुन: उपयोग किए जाने वाले जल के उत्पादन के लिए किया जा सकता है। इन प्रौद्योगिकियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग(डीएसटी), सरकार के ‘अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकी’ कार्यक्रमद्वारा समर्थन प्राप्त है और इनके लिए व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त कियागयाहै।
इन एजीआर और एनएफ मैम्बरेन प्रौद्योगिकियोंका 9 प्रौद्योगिकी रेडिनेस स्तर पर परीक्षण किया गया है। डॉ. राव और डॉ. श्रीधर के अनुसार50,000 से 1,00,000 तक की आबादी वाले शहरी और स्थानीय निकाय और गेटेड समुदाय इस प्रौद्योगिकी से लाभान्वित हो सकते हैं।शहर में कार्बनिक ठोस अपशिष्ट और तरल अपशिष्ट को आम बड़ी सुविधाओं में भेजने के बजाय, इन अपशिष्टों का कचरे केस्रोत पर ही विकेन्द्रीकृत तरीके से शोधन किया जा सकता है।
बायोगैस,जैव खाद और पुन:उपयोग वालेपानीजैसे मूल्य संवर्धित उत्पादों के सृजन के लिए सीवेज (100 लीटर / दिन) और कार्बनिकठोस अपशिष्ट (250 किग्रा / दिन) के शोधन के लिए सीएसआईआर-आईआईसीटीहैदराबाद में एजीआर और एनएफ प्रौद्योगिकियों सेयुक्त एक एकीकृत मॉडल प्लांटस्थापित किया गया है। एकीकृत प्रौद्योगिकीका क्षेत्र में परीक्षण किया गया है और यह पिछले दो वर्षों से लगातार काम कर रही है।
सीवेज और कार्बनिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कीइस एकीकृत पहुंच का देशमें कहीं भी उपयोग किया जा सकता हैजहांआबादी 50,000 से 1,00,000 की आबादी वाली नगरपालिकाएं प्रतिदिन 2 से 4 मिलियन लीटर सीवेज और 5 से 10 मीट्रिक टन कार्बनिकठोस अपशिष्टकासृजन करती हों।
एजीआर पेटेंट संख्या: 307102 और एनएफ पेटेंट संख्या: 7314606
अधिक जानकारी के लिएकृपया डॉ. ए. गंगाग्नि राव, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईआईसीटी, हैदराबाद से संपर्क करें (agrao@csiriict.in or Gangagnirao@gmail.com, Mobile)
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