वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने फाइनेंशियल स्टैबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल की 24वीं बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज यहां फाइनेंशियल स्टैबिलिटी (एफएसडीसी) की 24वीं बैठक की अध्यक्षता की।

 

बैठक में एमओएस (वित्त) डॉ. भागवत किशनराव कराड; एमओएस (वित्त) श्री पंकज चौधरी; भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास; व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव व सचिव, डॉ. टी. वी. सोमनाथन; आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव श्री अजय सेठ; राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव श्री तरुण बजाज; वित्त सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव श्री देबाशिष पांडा; कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव श्री राजेश वर्मा; मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय डॉ. कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यन; भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के चेयरपर्सन श्री अजय त्यागी; पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के चेयरपर्सन श्री सुप्रतिम बंद्योपाध्याय; भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड के चेयरपर्सन डॉ. एम. एस. साहू; अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के चेयरमैन श्री इंजेती श्रीनिवास; भारती बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के सदस्य (गैर जीवन) सुश्री टी. एल. अलामेलु; और एफएसडीसी, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव आदि मौजूद रहे।

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बैठक में एफएसडीसी के विभिन्न क्षेत्रों वित्तीय स्थायित्व, वित्तीय क्षेत्र विकास, अंतर नियामकीय समन्वय, वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेशन और अर्थव्यवस्था के व्यापक विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण सहित बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज आदि पर विचार-विमर्श किया गया।

गौरतलब है कि सरकार और सभी नियामकों द्वारा वित्तीय स्थितियों पर लगातार नजर रखने की आवश्यकता है।

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परिषद ने संकट में फंसी संपदाओं के प्रबंधन, वित्तीय स्थायित्व विश्लेषण, वित्तीय समावेशन, वित्तीय संस्थानों के समाधान के लिए फ्रेमवर्क और आईबीसी प्रक्रियाओं से जुड़े मुद्दों, विभिन्न सेक्टरों और सरकार को बैंक का एक्सपोजर, सरकारी प्राधिकरणों का डाटा शेयरिंग मेकैनिज्म, भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण और पेंशन क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।

परिषद ने आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली एफएसडीसी उप समिति द्वारा कराई गई गतिविधियों और एफएसडीसी के पुराने फैसलों पर सदस्यों द्वारा उठाए गए कदम पर भी विचार किया गया।

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एमजी/एएम/एमपी/एसएस