केंद्रीय विद्युत सचिव ने अहम बैठक की

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री आलोक कुमार ने आज एक महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें उन्होंने निम्नलिखित चीजों की समीक्षा की:

 

1) ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले के भंडार की स्थिति और

 

2) कैप्टिव कोयला खदानों से कोयले का उत्पादन

 

यह बैठक केन्द्रीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह के द्वारा 3 सितम्बर को हुई समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशों के आधार पर की गई है। विद्युत सचिव द्वारा ली गई बैठक में तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

यह भी पढ़ें :   केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से राज्य में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन की समीक्षा की

 

1) कैप्टिव कोयला खदान कंपनियों को लक्ष्य का 85 फीसदी से अधिक उत्पादन एक सप्ताह के अंदर करना होगा। यदि वे विफल होते हैं, तो ऐसे राज्यों/उत्पादन कंपनियां के लिंकेज कोयले की आपूर्ति को विनियमित किया जाएगा।

2) जो राज्य/डिस्कॉम आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से बिजली खरीदते हैं, उन्हें इन बिजली संयंत्रों से बिजली की मांग को पूरा करने के लिए दो सप्ताह का नोटिस दिया गया है। अगर वह ऐसा नहीं कर पाती हैं तो घरेलू कोयले की आपूर्ति को विनियमित किया जाएगा।

यह भी पढ़ें :   मुझे भरोसा है, 130 करोड़ भारतीय अमृत महोत्सव के आयोजन के साथ भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे : प्रधानमंत्री

3) 10 दिनों से अधिक के कोयले के भंडार वाले बिजली संयंत्र, जिनका प्लांट लोड फैक्टर 40 फीसदी कम है। उनके कोयले की आपूर्ति 100 फीसदी तक विनियमित की जाएगी। 18 दिनों से अधिक के कोयला स्टॉक वाले बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति को भी 100 फीसदी की सीमा तक विनियमित किया जाएगा। 11 दिनों से 18 दिनों तक के कोयला स्टॉक वाले और 40 फीसदी से अधिक पीएलएफ वाले बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति 50 फीसदी की सीमा तक विनियमित की जाएगी।

****

एमजी/एएम/पीएस/एसएस