डीएफपीडीएस 2021 के मुख्य बिंदु:
* वित्तीय शक्तियां क्षेत्रीय टुकड़ियों को हस्तांतरित; परिचालन तैयारियों पर विशेष ध्यान; व्यावसायिक गतिविधियों में आसानी व सेवाओं के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देने पर जोर
* सक्षम वित्तीय प्राधिकारियों के लिए दो गुना सामान्य वृद्धि; कुछ अनुसूचियों में क्षेत्रीय टुकड़ियों पर 5 से 10 गुना तक
* सेवाओं के उप प्रमुखों की प्रदत्त वित्तीय शक्तियों में 10% की बढ़ोतरी
* ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वदेशीकरण/अनुसंधान एवं विकास से संबंधित कार्यक्रमों में तीन गुना तक की वृद्धि
* तात्कालिक सैन्य आवश्यकताओं के संचालन के वास्ते आपातकालीन शक्तियों की अनुसूची में शामिल रक्षा सेवाओं हेतु कमांड स्तर से नीचे की क्षेत्रीय टुकड़ियों को आकस्मिक वित्तीय शक्तियों के प्रावधान के लिए सक्षम बनाना
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 07 सितंबर 2021 को नई दिल्ली में रक्षा सेवाओं (डीएफपीडीएस) 2021 को वित्तीय शक्तियों के इस्तेमाल से संबंधित आदेश जारी किया, जो सशस्त्र बलों को राजस्व अधिप्राप्ति शक्तियों के मामले में बढ़े हुए अधिकार प्रदान करता है। डीएफपीडीएस 2021 का उद्देश्य क्षेत्रीय टुकड़ियों को सशक्त बनाना; परिचालन तैयारियों पर विशेष ध्यान देना और व्यावसायिक गतिविधियों में आसानी व सेवाओं के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देना है।
सेवा मुख्यालयों और निचले कार्यालयों में अधिकारियों के लिए वित्तीय शक्तियों का दायरा बढ़ जाने से सभी स्तरों पर त्वरित निर्णय लेने में आसानी होगी, जिससे सेवाओं की बेहतर योजना और संचालन की तैयारी तेज समय सीमा में होगी तथा संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा।
वित्तीय शक्तियों के बढ़ाये हुए प्राधिकारों का प्राथमिक लक्ष्य फील्ड कमांडरों और उससे नीचे के स्तर पर तात्कालिक परिचालन आवश्यकताओं तथा जरूरी भरण-पोषण की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपकरण / वॉर लाइक स्टोर की खरीद हेतु सशक्त बनाना है। रक्षा सेवाओं के लिए सभी स्तरों पर इस तरह की अंतिम वृद्धि 2016 में की गई थी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने डीएफपीडीएस 2021 को देश के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे रक्षा सुधारों की श्रृंखला में एक और महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नीतियों को संशोधित करने की आवश्यकता पर बल दिया और विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि डीएफपीडीएस 2021 न केवल प्रक्रियात्मक अवरोधों को दूर करेगा, बल्कि अधिक विकेंद्रीकरण तथा परिचालन दक्षता भी लाएगा।
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर देश की सुरक्षा व्यवस्था को हर तरह से मजबूत और ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के सरकार के संकल्प को दोहराया। संसाधनों के अधिकतम उपयोग का आह्वान करते हुए उन्होंने सभी हितधारकों से सरकार के दृष्टिकोण को साकार बनाने में सहयोग करने का आग्रह किया।
वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवा) श्री संजीव मित्तल ने अपनी आरंभिक टिप्पणी में विश्वास व्यक्त किया कि डीएफपीडीएस 2021 से जमीनी स्तर तक व्यावसायिक गतिविधियों में अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और प्रत्यायोजित वित्तीय शक्तियों के संवर्धित हस्तांतरण के माध्यम से अधिक विकेंद्रीकरण की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे रक्षा सेवाओं की परिचालन तैयारियों को प्राप्त करने में अधिक दक्षता भी प्राप्त होगी। श्री मित्तल ने कहा कि डीएफपीडीएस 2021 सैन्य मामलों के विभाग और रक्षा विभाग के तत्वावधान में विभिन्न सर्विसेस द्वारा व्यापक विचार-विमर्श का ही परिणाम है।
डीएफपीडीएस 2021 में वित्तीय शक्तियों की निम्नलिखित अनुसूचियों से संबंधित दिशानिर्देश शामिल हैं:
* सेना अधिकार अनुसूचियां -2021 (एएसपी-2021)
* नौसेना अधिकार अनुसूचियां -2021 (एनएसपी-2021)
* वायु सेना अधिकार अनुसूचियां -2021 (एएफएसपी-2021)
* आईडीएस अधिकार अनुसूचियां -2021 (आईएसपी-2021)
सक्षम वित्तीय प्राधिकरणों (सीएफए) के लिए दो गुना तक की सामान्य वृद्धि को मंजूरी दी गई है। कुछ अनुसूचियों में, क्षेत्रीय टुकड़ियों में यह वृद्धि परिचालन आवश्यकताओं के कारण 5 से 10 गुना तक की सीमा में है। सेवाओं के उप-प्रमुखों को प्रदत्त वित्तीय शक्तियों में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कुल मिलाकर 500 करोड़ रुपये तक की सीमा के अधीन है। सीएफए के रूप में चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के अध्यक्ष के लिए एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख की वित्तीय शक्तियों को काफी हद तक बढ़ाया गया है तथा सेवाओं के उप-प्रमुखों के साथ गठबंधन किया गया है।
नए सीएफए भी जोड़े गए हैं अर्थात पुनर्गठन/नवीनीकरण/कार्यात्मक आवश्यकताओं के लिए सेवा मुख्यालयों और क्षेत्रीय टुकड़ियों में डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, मास्टर जनरल सस्टेनेंस, एडीजी (प्रोक्योरमेंट)/डीजी एयर ऑपरेशंस/डीजी नेवल ऑपरेशंस आदि होंगे।
रक्षा सेवाओं में कमांड स्तर से नीचे की क्षेत्रीय टुकड़ियों के लिए आपातकालीन वित्तीय शक्तियों का एक सक्षम प्रावधान अब आपातकालीन शक्तियों की अनुसूची में शामिल किया गया है, जो वर्तमान में उप-प्रमुखों और सी-इन-सी / समकक्ष को ही उपलब्ध था।
नौसेना और वायु सेना के लिए ‘सेना कमांडरों की विशेष वित्तीय शक्तियों’ पर मौजूदा सेना अनुसूची के अनुरूप सामरिक/संचालन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फील्ड कमांडरों को विशेष वित्तीय शक्तियों से संबंधित नई अनुसूचियां पेश की गई हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप मौजूदा सैन्य क्षमताओं के तीन गुना तक स्वदेशीकरण / अनुसंधान एवं विकास से संबंधित अनुसूचियों में पर्याप्त वृद्धि को मंजूरी दी गई है।
भारतीय वायु सेना के लिए विमान और संबंधित उपकरणों को किराए पर लेने का एक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसमें हवा से हवा में ही ईंधन भरने वाले विमानों को किराए पर लेना भी शामिल है। भारतीय नौसेना हेतु, प्राकृतिक आपदाओं/एचएडीआर संचालनों से जुड़ी तत्काल प्रतिक्रिया के वास्ते आपदा प्रबंधन सहायकों की पुनःपूर्ति के लिए कमान स्तर को अधिकार सौंपे गए हैं।
इन प्रावधानों के स्पष्टीकरण या व्याख्या को रक्षा मंत्रालय (डीओडी)/सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) के प्रतिनिधियों के साथ रक्षा मंत्रालय के एएस एंड एफए की अध्यक्षता वाली एक अधिकार प्राप्त समिति के द्वारा संबोधित किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय (वित्त) के परामर्श से डीओडी/डीएमए के प्रशासनिक विंग द्वारा निरीक्षण, प्रकटीकरण एवं आंतरिक लेखापरीक्षा तंत्र की एक प्रणाली स्थापित की जाएगी। गैर-खरीद शक्तियों के लिए पर्याप्त प्रत्यायोजन को भी मंजूरी दी गई है।
इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ असैन्य तथा सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।
एमजी/एएम/एनके/वाईबी