ड्रोन और ड्रोन सामग्री के लिए पीएलआई योजना के तहत अगले 3वर्षों में 120करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा: नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया

एक आत्मनिर्भर भारत के हमारे सामूहिक दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 15सितंबर 2021को ड्रोन और इससे जुड़े उत्पादों के लिए उत्पादन-संबंधी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पीएलआई योजना की महत्वपूर्ण विशेषताओं से मीडिया को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के तहत 120करोड़ रुपए अगले 3साल में दिए जाएंगे। यह राशि मेन्युफेक्चरिंग ड्रोन क्षेत्र के संयुक्त आकार का 1.5गुना है। तीन साल की अवधि में, मेन्युफेक्चरिंग क्षेत्र के ड्रोन के लिए 5,000करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश किया जाएगा, जो बदले में 900करोड़ रुपये का कारोबार लाएगाऔर 10,000रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने आगे कहा कि हमारा उद्देश्य 2030तक भारत को एक वैश्विक ड्रोन हब के रूप में स्थापित करना है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय उपरोक्त लक्ष्य को प्राप्त करने में उद्योग, सर्विस डिलिवरी और उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है।

ड्रोन के लिए पीएलआई योजना, 2021की 15विशेषताएं-

1. ड्रोन और ड्रोन संबंधी सामग्री के लिए पीएलआई योजना के तहत तीन वित्‍त वर्ष के लिए आवंटित कुल राशि 120करोड़ रुपये है। यह राशि वित्त वर्ष 2020-21में सभी घरेलू ड्रोन निर्माताओं के संयुक्त कारोबार का लगभग दोगुना है।

2. ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माता के लिए प्रोत्साहन उसके द्वारा किए गए मूल्यवर्धन के 20प्रतिशत जितना अधिक होगा।

3. मूल्यवर्धन की गणना ड्रोन और ड्रोन घटकों से वार्षिक बिक्री राजस्व (शुद्ध जीएसटी) घटाकर ड्रोन और ड्रोन घटकों की खरीद लागत (शुद्ध जीएसटी) के रूप में की जाएगी।

4. सरकार, सभी तीन वर्षों के लिए पीएलआई दर को 20प्रतिशत पर स्थिर रखने के लिए सहमत हो गई है, केवल ड्रोन उद्योग के लिए एक असाधारण छूट दी गई है। अन्य क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं में, पीएलआई दर हर साल कम हो जाती है।

5. पीएलआई योजना का प्रस्तावित कार्यकाल तीन साल का है जो वित्त वर्ष 2021-22में शुरू होने वाला है। उद्योग के परामर्श से इसके प्रभाव का अध्ययन करने के बाद पीएलआई योजना को बढ़ाया या फिर से तैयार किया जाएगा।

6. सरकार ड्रोन उद्योग को 50प्रतिशत के बजाय ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए शुद्ध बिक्री के 40प्रतिशत पर न्यूनतम मूल्यवर्धन मानदंड तय करने पर सहमत हुई है जो इस उद्योग के लिए एक और असाधारण छूट है। इससे लाभार्थियों की संख्या में इजाफा होगा।

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7. पीएलआई योजना में ड्रोन घटकों की एक विस्तृत विविधता शामिल है:

(i) एयरफ्रेम, प्रोपल्शन सिस्टम (इंजन और इलेक्ट्रिक), पावर सिस्टम, बैटरी और संबंधित घटक, लॉन्च और रिकवरी सिस्टम;

(ii) इनर्शियल मापन इकाई, इनर्शियल नेविगेशन प्रणाली, उड़ान नियंत्रण मॉड्यूल, भूमि नियंत्रण स्टेशन और संबंधित घटक;

(iii) संचार प्रणाली (रेडियो आवृत्ति, ट्रांसपोंडर, उपग्रह आधारित आदि)

(iv) कैमरा, सेंसर, छिड़काव प्रणाली और संबंधित पेलोड आदि;

(v) ‘डिटेक्ट एंड अवॉइड’ सिस्टम, इमरजेंसी रिकवरी सिस्टम, ट्रैकर्स आदि और सुरक्षा और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण अन्य घटक।

8. सरकार द्वारा समय-समय पर पात्र घटकों की सूची का विस्तार किया जा सकता है, क्योंकि ड्रोन तकनीक विकसित होती है।

9. सरकार ने ड्रोन से संबंधित आईटी उत्पादों के डेवलपर्स को भी शामिल करने के लिए प्रोत्साहन योजना के कवरेज को व्यापक बनाने पर सहमति व्यक्त की है।

10. सरकार ने वार्षिक बिक्री कारोबार के संदर्भ में एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए पात्रता मानदंड को नाममात्र के स्तर पर रखा है – 2करोड़ रुपए (ड्रोन के लिए) और 50लाख रुपए (ड्रोन घटकों के लिए)। इससे लाभार्थियों की संख्या में इजाफा होगा।

11. वार्षिक बिक्री कारोबार के मामले में गैर-एमएसएमई कंपनियों के लिए पात्रता मानदंड 4करोड़ रुपए (ड्रोन के लिए) और 1करोड़ रुपए (ड्रोन घटकों के लिए) रखा गया है।

12. ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माता को देय प्रोत्साहन उसके मूल्यवर्धन का केवल पांचवां हिस्सा होगा जैसा कि एक नमूना वर्ष के लिए नीचे दिखाया गया है (जैसे, वित्त वर्ष 2021-22):

 

सारणी: एक निर्माता के लिए पीएलआई गणना (नमूना वर्ष वित्तीय वर्ष 2021-22के लिए)

दावा वर्ष

बिक्री- शुद्ध जीएसटी (करोड़ रूपए में)

खरीद शुद्ध जीएसटी (करोड़ रूपए में)

 

मूल्य संबर्धन (करोड़ रुपए में)

पीएलआई दर (प्रतिशत)

पीएलआई देय (करोड़ रुपए में)

वित्त वर्ष 2021-22

100

60

100–60 = 40

20प्रतिशत

40 x 20प्रतिशत = 8

 

13. एक निर्माता के लिए पीएलआई कुल वार्षिक परिव्यय के 25प्रतिशत तक सीमित होगा। इससे लाभार्थियों की संख्या में इजाफा होगा।

14. यदि कोई निर्माता किसी विशेष वित्त वर्ष के लिए योग्य मूल्यवर्धन के लिए सीमा को पूरा करने में विफल रहता है, तो उसे बाद के वर्ष में खोए हुए प्रोत्साहन का दावा करने की अनुमति दी जाएगी यदि वह बाद के वर्ष में कमी को पूरा करती है।

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15. अनुमानित पेआउट शेड्यूल नीचे दिखाया गया है:

 

ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए पीएलआई का अनुमानित भुगतान कार्यक्रम

दावा वर्श

बिक्री- शुद्ध जीएसटी (करोड़ रूपए में)

खरीद शुद्ध जीएसटी (करोड़ रूपए में)

 

पात्र मूल्य संबर्धन

 (करोड़ रूपए में)

मूल्य संबर्धन के लिए पीएलआई दर (प्रतिशत)

लागू पीएलआई (करोड़ रुपए में)

भुगतान वर्ष

वित्त वर्ष 21-22

200

120

80

20प्रतिशत

16

वित्त वर्ष 22-23

वित्त वर्ष 22-23

400

240

160

20प्रतिशत

32

वित्त वर्ष 23-24

वित्त वर्ष 23-24

900

540

360

20प्रतिशत

72

वित्त वर्ष 24-25

कुल

1500

900

600

20प्रतिशत

120

 

 

ड्रोन अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में जबरदस्त लाभ प्रदान करते हैं। इनमें कृषि, खनन, बुनियादी ढांचा, निगरानी, ​​​​आपातकालीन प्रतिक्रिया, परिवहन, भू-स्थानिक मानचित्रण, रक्षा और कानून प्रवर्तन आदि क्षेत्र शामिल हैं। ड्रोन अपनी पहुंच, बहुमुखी प्रतिभा और उपयोग में आसानी के कारण विशेष रूप से भारत के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण निर्माता हो सकते हैं।

नवाचार, सूचना प्रौद्योगिकी, मितव्ययी इंजीनियरिंग और इसकी विशाल घरेलू मांग में अपनी पारंपरिक ताकत को देखते हुए, भारत में 2030तक वैश्विक ड्रोन हब बनने की क्षमता है।

पीएलआई योजना 25अगस्त 2021को केंद्र सरकार द्वारा जारी उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021के अनुवर्ती के रूप में आती है। पीएलआई योजना और नए ड्रोन नियमों का उद्देश्य आगामी ड्रोन क्षेत्र में सुपर-सामान्य विकास को उत्प्रेरित करना है।

हाल की ड्रोन पहलों का संभावित प्रभाव

नए नियमों और प्रोत्साहन योजना के चलते ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माण उद्योग में अगले तीन वर्षों में 5,000करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो सकता है। ड्रोन निर्माण उद्योग का वार्षिक बिक्री कारोबार 2020-21में 60करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24में 900करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। ड्रोन निर्माण उद्योग से अगले तीन वर्षों में 10,000से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

ड्रोन सेवा उद्योग (संचालन, रसद, डेटा प्रसंस्करण, यातायात प्रबंधन आदि) का दायरा विस्तृत है। अगले तीन वर्षों में इसके बढ़कर 30,000करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। ड्रोन सेवा उद्योग से तीन वर्षों में पांच लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

 

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