भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) ने आज वर्चुअल माध्यम से सरकार और उद्योग जगत के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों के बीच प्रो. एस.के. जोशी प्रयोगशाला उत्कृष्टता पुरस्कार का शुभारंभ किया। यह देश का अपनी तरह का पहला प्रयोगशाला उत्कृष्टता पुरस्कार है। यह पुरस्कार देश में प्रयोगशाला गुणवत्ता और प्रदर्शन में सुधार को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है। स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण सहित प्रचलित राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रणाली कानूनों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता परीक्षण और उसके अनुरुप सेवाएं प्रदान करने वाली प्रयोगशाला की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए इस पुरस्कार की शुरुआत की गई है।
इस पुरस्कार के लिए भारत में मौजूद परीक्षण करने वाली प्रयोगशाल, उससे जुड़ी सेवाएं देने और चिकित्सा से संबंधित परीक्षण सेवाएं और मेटेरियल का उत्पादन करने वाले उत्पादक भी आवेदन कर सकेंगे।
स्वर्गीय प्रो. एस.के. जोशी विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रो. जोशी ने आईएनएसए के अध्यक्ष, सीएसआईआर के डीजी, एनपीएल के निदेशक और एनएबीएल के अध्यक्ष के रूप में कार्य करके भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रो. जोशी को पद्म भूषण, पद्म श्री, इन्सा के सीवी रमन पदक और कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
इस अवसर पर बोलते हुए क्यूसीआई के अध्यक्ष आदिल जैनुलभाई ने कहा, “इस पुरस्कार का लक्ष्य भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रयोगशालाओं का पता लगाना और बाकी दुनिया को यह दिखाना है कि हमारी प्रयोगशालाओं में दुनिया के उच्चतम मानक मौजूद हैं।”
क्यूसीआई के एसजी डॉ. रवि पी. सिंह ने कहा, “हमने देश भर में प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में कई छोटे-छोटे कदम उठाए हैं, और क्यूसीआई ने देश में प्रयोगशाला इकोसिस्टम में उत्कृष्टता का जश्न मनाने के लिए प्रोफेसर एसके जोशी की यादों को सम्मानित करने का प्रयास किया है। ।”
एनएबीएल के अध्यक्ष . (डॉ.) आर. के. कोटनाला ने कहा“अपने बोर्डों के माध्यम से, क्यूसीआई गुणवत्ता और मानकों को बढ़ावा देकर आम निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करता है। जीवन के हर चरण में सर्वोत्तम गुणवत्ता प्रणाली को अपनाना भी महत्वपूर्ण है,” डीएसआईआर के सचिव डॉ. शेखर सी.मांडे, और सीएसआईआर के डीजी ने प्रो. एस.के जोशी के सम्मान में शुरू किए जा रहे इस पुरस्कार पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि भविष्य में और अधिक संगठन अपने गुणवत्ता के नियंत्रण और उसमें सुधार के लिए प्रेरित होंगे।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के निदेशक प्रो. (डॉ.) रंजना अग्रवाल ने प्रो. एस.के. जोशी को एक उत्कृष्ट विज्ञान कम्युनिकेटर और लीडर के रूप में याद किया।उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की एक नई पीढ़ी को भारत को विश्वव्यापी सफलता हासिल करने में मदद करने के लिए प्रेरित किया।
एनबीक्यूपी के अध्यक्ष श्री सुनील माथुर ने कहा, “यह पुरस्कार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने वाली सटीक परीक्षण और उससे जुड़ी सेवाएं प्रदान करके उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रयोगशाला की प्रतिबद्धता की सराहना करता है।”
इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्ति प्रो. निदेशक-एनपीएल के निदेशक (डॉ.) वेणु गोपाल अचंता ; एनएबीएच के अध्यक्ष डॉ. बी.के. राव और सीईओ और एमडी-टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड श्री गिरीश कृष्णमूर्ति मौजूद थे।
नकद पुरस्कार के अलावा प्रयोगशाला (परीक्षण, चिकित्सा और उससे जुड़ी सेवाएं) की प्रत्येक श्रेणी में तीन ट्राफियां (स्वर्ण, चांदी, कांस्य) भी दी जाएंगी । तकनीकी विशेषज्ञ समिति (टीईसी) द्वारा मूल्यांकन के 5 चरण है। जिसके तहत आवेदन, दस्तावेज़ मूल्यांकन, भौतिक/वर्चुअल प्रस्तुति, साइट मूल्यांकन/सत्यापन, संबंधित जांच और जूरी मूल्यांकन हैं।
इस पुरस्कार के लिए कोई आवेदन शुल्क नहीं है। आवेदन पत्र, पुरस्कार मानदंड और अन्य विवरण के लिए इस वेबसाइट पर जानकारी ली जा सकती है.www.labexcellenceaward.qcin.org
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