केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा ने आज नई दिल्ली में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के जेल प्रमुखों के दो दिवसीय सातवें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन भाषण में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया;
1.सम्मेलन में 25 राज्यों और 4 केंद्रशासित प्रदेशों से 75 वरिष्ठ जेल अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। यह मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और नीति तैयार करने का बेहतरीन मंच है जिसमें व्यापक परिप्रेक्ष्य और स्वीकार्यता होगी।
2.कैदियों को समाज की मुख्यधारा में फिर से शामिल करने में सबसे बड़ी चुनौती उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है।
3.जेल प्रणालियों में जेलों के अंदर रहने वाले लोगों के लिए प्रशिक्षण और कौशल विकास प्रदान करने और बाद में देखभाल के कार्यक्रमों के प्रावधान होने चाहिए।
4. ई-जेल की अवधारणा समय की बचत करती है और अदालतों के साथ जुड़ने की प्रक्रिया को आसान बनाती है। ई-जेल का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू ई-मुलाकात है, जिसने कैदियों के लिए अपने परिवारों से संपर्क करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है।
डीजी, बीपीआर एंड डी, श्री बालाजी श्रीवास्तव ने कहा कि सम्मेलन में विचार-विमर्श अल्पकालिक, मध्य-अवधि और दीर्घकालिक नीतियां तैयार करने के लिए उपयोगी होगा। उन्होंने जेलों/सुधारात्मक प्रशासन पर बीपीआर एंड डी की ओर से शुरू की गई विभिन्न पहलों के बारे में भी जानकारी दी, जैसे;
सम्मेलन के पहले दिन निम्नलिखित विषयों पर विचार-विमर्श किया गया-
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एसजी/एएम/एएस