प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के 28वें स्थापना दिवस समारोह को वीडियो क़ॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, केन्द्रीय गृह सचिव और राज्य मानव अधिकार आयोगों के अध्यक्ष एवं सदस्यों समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार गान प्रस्तुत किया गया और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग पर एक लघु वृत्त चित्र का प्रदर्शन भी किया गया।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में जब देश में परिवर्तन हुआ और एक लंबे समय के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक पूर्ण बहुमत की सरकार आई, तब से प्रधानमंत्री का ध्यान एक ऐसे क्षेत्र पर गया जिस पर पहले मानवाधिकार की बात करने वालों का ध्यान नहीं गया। उन्होने कहा कि देश के करोड़ो ग़रीबों को भी समानता का अधिकार है और सही मायनों में आज़ादी तभी मानी जाएगी जब वे करोड़ो ग़रीब अपनी बुनियादी सुविधाएं प्राप्त कर लेंगे। देश का संविधान इन करोड़ो ग़रीबों को भी बुनियादी सुवाधाएं प्राप्त करने का अधिकार देता है, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से पहले इस पर किसी की नज़र नहीं गई थी।
श्री अमित शाह ने कहा कि पिछले 7 साल की अल्पावधि में वो हुआ है, जो पिछले 60 सालों में नहीं हुआ था। इन सात सालों में 10 करोड़ लोगों को शौचालय देने, 4 करोड़ घरों में बिजली पहुंचाने और 13 करोड़ परिवारों की महिलाओं को स्वच्छ ईंधन यानी गैस सिलिंडर देने का काम करके नरेन्द्र मोदी सरकार ने उनके मानवाधिकारों को संरक्षण दिया है। मोदी सरकार ने देश के 2 करोड़ लोगों को घर दिया और 5 करोड़ और लोगों को घर देने की योजना बनी हुई है। देश के करोड़ो ग़रीबों के लिए पांच लाख रूपए तक का स्वास्थ्य का ख़र्चा सरकार उठाती है। करोड़ो परिवारों को बैंक खाते मिले और बिना बिचौलियों के अब प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे उनके खातों में पहुंचता है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा की इसके साथ ही दिव्यांग नाम देकर, पूरे देश में एक सम्मान का भाव पैदा करने का काम भी नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। आज देश में कोई ऐसी सुविधा नहीं है, चाहे राज्य सरकार हो, केन्द्र सरकार हो, जहां दिव्यांग की चिंता नहीं की गई है। देश के दिव्यांग, ट्रांसजेंडर और ना जाने कितने ही लोगों को पहली बार ऐसा लगा है कि उनके लिए भी कोई चिंता करता है और इससे कई लोगों में एक आत्मगौरव के भाव की जागृति हुई है। उन्होंने कहा कि देश में एक सबसे बड़ी समस्या थी कि फ़्लोराइड-युक्त पानी पीकर बच्चे समयपूर्व वृद्ध हो जाते थे। नरेन्द्र मोदी सरकार ने ऐसे सभी घरों में पांच साल में शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने का भागीरथ काम हाथ में लिया है और लगभग 2 करोड़ घरों में शुद्ध पीने का पानी पहुंचने वाला है। श्री अमित शाह ने कहा कि वर्तमान दृष्टिकोण के अंतर्गत बिना एक शब्द बोले करोड़ों लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 28 साल की अपनी यात्रा में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने 20 लाख से ज़्यादा मामलों का निस्तारण करने के साथ ही पीड़ितों को 205 करोड़ रूपए से ज़्यादा राशि का मुआवज़ा दिलाने का काम किया है। आयोग ने मानवाधिकार से संबंधित सभी क्षेत्रों में नई जागृति और चेतना जगाने का काम किया है। श्री अमित शाह ने कहा कि चाहे कस्टोडियल डेथ हो या सफ़ाईकर्मियों, आदिवासियों और दलितों के अधिकारों की बात हो, मानवाधिकार आयोग ने हर क्षेत्र में उनकी आवाज़ बनने का सफल प्रयास किया है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने उम्मीद जताई की ये यात्रा आगे भी जारी रहेगी।
*****
एनडब्ल्यू / आरके / एवाई / आरआर