केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने सीआईआई द्वारा आयोजित डिजिटल प्रौद्योगिकियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी- “फ्यूचर टेक 2021” के उद्घाटन सत्र में वर्चुअल तरीके से भाग लिया। यह सम्मेलन 19 से 27 अक्टूबर 2021 तक चलेगा। यह कार्यक्रम एक केंद्रित विषय “भविष्य के निर्माण के लिए प्रमुख वाहक तकनीक, हम सब भरोसा कर सकते हैं” के साथ 5 मुख्य विषयों: रणनीति, विकास, लचीलापन, समावेशिता, विश्वास पर आधारित है। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उद्यमियों, उद्योग जगत की हस्तियों और सरकारी अधिकारियों के बीच बातचीत होंगी और यह सम्मेलन डिजिटल प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग पर चर्चा के लिए मंच प्रदान करेगा।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने उद्घाटन भाषण देते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था पर कोविड महामारी के प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि “पिछले 6 वर्षों में हमने देश के भीतर अपनी अर्थव्यवस्था और सार्वजनिक सेवाओं को डिजिटल बनाने में जबरदस्त प्रगति की है। इसने भारत को कोविड महामारी के दौरान स्थिति को अनुकूल बनाने में मदद की है। हमने इस अवधि के दौरान कई यूनिकॉर्न बनाए हैं, तकनीकी क्षेत्र में 65 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित किया है और समग्र महत्वाकांक्षा बढ़ी है।“
आगे के रोड मैप पर बोलते हुए, श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि “कोविड के बाद का युग नए अवसरों को मुहैया कर रहा है। प्रौद्योगिकी में लोगों के लिए आज से ज्यादा रोमांचक समय कभी नहीं रहा। यह समय हमारी महत्वाकांक्षाओं को फिर से तय करने और पूर्व-कोविड युग से बहुत अलग तरीकों से भविष्य की फिर से कल्पना करने का है। कोविड युग के बाद भारत में कंपनियों के लिए ढेर सारे अवसर हैं जो आज का प्रचलित ढांचा प्रदान कर रहा है।”
श्री राजीव चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि भारत सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच घनिष्ठ साझेदारी को बढ़ावा देकर इस अवसर का लाभ उठाने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में हमारे उद्देश्य बहुत स्पष्ट हैं, हम निजी क्षेत्र के साथ उन क्षेत्रों में भागीदार बनने की उम्मीद करते हैं जो केवल व्यापार करने तक ही सीमित नहीं हो, बल्कि भविष्य के प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्रों में भी व्यवसाय का विकास करें, चाहे वह क्वांटम कंप्यूटिंग हो या रणनीतिक क्षेत्र जहां हम चाहते हैं कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, अर्धचालक इत्यादि जैसी क्षेत्रों में दक्षता हासिल करे।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने उद्योग प्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के बारे में भी बताया, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘‘माननीय प्रधानमंत्री ने कुछ अति महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षाएं निर्धारित की हैं और वह चाहते हैं कि भारत तकनीकी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भागीदार बने। जल्द ही हम एक पांच वर्षीय रणनीतिक परिप्रेक्ष्य वाली योजना तैयार करने जा रहे हैं, जिसमें इन महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के लिए आवश्यक योग्यता और क्षमताओं का विवरण दिया गया है।’’
उन्होंने आगे इस साल लाल किले के प्राचीर से दिए गए प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस के भाषण को उद्धृत करते हुए कहा- ‘‘यही समय है: यह समय उन अवसरों को उजागर करने का है जो प्रौद्योगिकी क्षेत्र भारतीय कंपनियों, स्टार्ट-अप और उद्यमियों को प्रदान करता है।’’
प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत के प्रतिस्पर्धियों के साथ तुलना किए जाने पर, श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि “मुझे नहीं लगता कि जिस ट्रेन की गति का हम मुकाबला करने की कोशिश कर रहे हैं, वह हमें परेशान करे। हम छलांग लगाने और किसी भी अन्य देश की तुलना में बहुत तेज गति से आगे बढ़ने की स्थिति में हैं।“ इसके लिए उन्होंने दुनिया का तेजी से डिजिटलीकरण, सेमी कंडक्टर क्षेत्र में हार्डवेयर संचालित प्रदर्शन से कंप्यूटिंग और संचार प्रदर्शन की अगली पीढ़ी के लिए नवाचार में डिजाइन की ओर बदलाव और सार्वजनिक तथा निजी दोनों क्षेत्रों में भारत की गहरी प्रौद्योगिकी क्षमता जैसे कारकों का हवाला दिया।
कार्यक्रम में अपने संबोधन का समापन करते हुए, श्री राजीव चंद्रशेखर ने सरकार के रुख की फिर से पुष्टि की, जिसके बारे में उन्होंने बताया कि वह भारत को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए अतिरिक्त मेहनत करने के लिए तैयार हैं और इसके लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए सभी प्रकार के परामर्श के लिए तैयार हैं।
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