‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी): कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना’ 22.12 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख रुपये का व्यक्तिगत दुर्घटना कवर प्रदान करने के लिए 30 मार्च 2020 को शुरू की गई थी। इन स्वास्थ्य कर्मियों में सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता और निजी स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी शामिल हैं जो कोविड-19 मरीजों की देखभाल कर रहे हैं, सीधे संपर्क में रहे हों और उनके भी प्रभावित होने का खतरा हो सकता है।
ऐसे में, इस अभूतपूर्व स्थिति के कारण निजी अस्पताल के कर्मचारी/सेवानिवृत्त/स्वयंसेवक/स्थानीय शहरी निकाय/अनुबंध/दैनिक वेतन/तदर्थ/राज्यों द्वारा आउटसोर्स स्टाफ/केंद्रीय अस्पतालों/केद्र-राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों के स्वायत्त अस्पतालों, एम्स और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई)/केंद्रीय मंत्रालयों के अस्पतालों को विशेष रूप से कोविड-19 रोगियों की देखभाल के लिए तैयार किया गया है, उन्हें भी पीएमजीकेपी के तहत कवर दिया गया है।
पॉलिसी की मौजूदा अवधि 20 अक्टूबर 2021 को समाप्त हो रही है।
चूंकि कोविड-19 महामारी अब भी समाप्त नहीं हुई है और कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अब भी कोविड ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों की मृत्यु दर्ज की जा रही है, ऐसे में बीमा पॉलिसी 21 अक्टूबर 2021 से अगले 180 दिनों की अवधि के लिए और बढ़ाई गई है ताकि कोविड-19 रोगियों की देखभाल के लिए नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को सुरक्षा कवच प्रदान करना जारी रखा जा सके। अब तक, योजना के तहत 1351 दावों का भुगतान किया जा चुका है।
स्वास्थ्य कर्मियों के बीच व्यापक प्रचार करने के लिए 20 अक्टूबर 2021 को एक पत्र सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों (स्वास्थ्य), प्रमुख सचिवों (स्वास्थ्य), सचिवों (स्वास्थ्य) को भेजा गया है।
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एमजी/एएम/एएस/एसएस