केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और मुख्य अतिथि डॉ. भागवत कराड ने आज वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ पेडियाट्रिक सर्जन्स के 47वें वार्षिक सम्मेलन का शुभारम्भ किया।
केईएम हॉस्पिटल के एल्युमिनी और राज्यसभा सदस्य बनने से पहले औरंगाबाद में बाल रोग सर्जन डॉ. भागवत कराड ने उपस्थित लोगों को बताया कि 35 लाख करोड़ के सालाना बजट में से लगभग 2 लाख करोड़ स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित किए गए हैं। डॉ. कराड ने बताया कि वह बाल चिकित्सकों की सहायता करने के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करेंगे। डॉ. कराड यह देखकर खासे खुश थे कि बीमा कंपनियां अब अजन्मे बच्चे और शिशुओं के बीमे को लेकर खासे उत्साहित हैं। डॉ. कराड ने भरोसा दिलाया कि वह भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पूरे प्रयास करेगा।
मुंबई विश्वविद्यालय की पूर्व वाइस चांसलर और वरिष्ठ बाल रोग सर्जन डॉ. स्नेहलता देशमुख इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थीं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ. स्नेहलता देशमुख ने कहा कि बाल चिकित्सा सर्जरी में अब खासी प्रगति हो चुकी है और नए यंत्रों और तकनीक के उदय के साथ जटिल बाल सर्जिकल प्रक्रियाओं के नतीजों में पूर्व के वर्षों की तुलना में खासा सुधार हुआ है। बच्चों में न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी और रोबोटिक सर्जरी अब हकीकत बन गई है, जो पहले नहीं होती थी और बड़ी संख्या में बच्चे इन नई तकनीकों का लाभ लेने में सक्षम हो गए हैं। इसके चलते नवजातों की मृत्यु दर में खासी कमी आई है।
एक सप्ताह चलने वाले शैक्षणिक कार्यक्रम में लगभग 500 वैज्ञानिक विचार विमर्श और दो व्याख्यान प्रस्तुत किए जाएंगे, जो ‘पीडियाट्रिक सर्जरी – बेसिक्स एंड बियॉन्ड’ विषयवस्तु के साथ पूर्व-सम्मेलन सीएमई से शुरू हुआ और 24 अक्टूबर 2021 को इसका समापन होगा।
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