डॉ. मनसुख मांडविया ने निवेशक शिखर सम्मेलन- “औषध और चिकित्सा उपकरणों में अवसर व भागीदारी” का उद्घाटन और इसे संबोधित किया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निवेशक शिखर सम्मेलन – “औषध और चिकित्सा उपकरणों में अवसर व भागीदारी” का उद्घाटन किया और इसे संबोधित किया। दवा और चिकित्सा उपकरणों के मामले में वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को और अधिक मजबूत करने की सोच के एक हिस्से के रूप में इस शिखर सम्मेलन का आयोजन इन्वेस्ट इंडिया की भागीदारी में औषध विभाग कर रहा है।

 

 

अपनी प्रसन्नता को व्यक्त करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत को विश्व का दवाखाना (फार्मेसी) कहा जाता है। यह जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा निर्माता और आपूर्तिकर्ता है। कोविड के दौरान इसने विश्व के 150 से अधिक देशों में दवाओं की आपूर्ति की थी। यह दिखाता है कि भारत में औषध उद्योग केवल एक कारोबार नहीं है, बल्कि यह हमारी भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है। यह केवल लाभ के उद्देश्य से शासित नहीं है, बल्कि “वसुधैव कुटुम्बकम” के भारतीय दर्शन से भी प्रेरित है।”

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उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया परियोजना के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे विश्व के निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने निवेशकों को इस बात का भरोसा दिया कि भारत में इसके मजबूत नियामक तंत्र, स्वतंत्र न्यायपालिका और सरकार के लोकतांत्रिक स्वरूप को देखते हुए उनके साथ न्यायोचित व्यवहार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में भारत, औषध क्षेत्र के लिए विश्व में सबसे अच्छा निवेश गंतव्य बनने का प्रयास कर रहा है। इस क्षेत्र में निवेश में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। साल 2020 में एफडीआई 2019 की तुलना में 98 फीसदी बढ़ा है। वहीं पिछले वित्तीय वर्ष में भारत से औषध निर्यात में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

 

औषध उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की विभिन्न नीतियों, योजनाओं और पहलों को सूचीबद्ध करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि औषध क्षेत्र के लिए उत्पादन संबंद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना इस उद्योग को बढ़ावा देगी और इसमें भारत को औषध केंद्र बनाने की क्षमता है। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि भारत दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के लिए एक बड़ा बाजार बनने जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत 10 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे। इससे अधिक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की मांग पैदा होगी, जिससे भारत में औषध उद्योगों को लाभ होगा।

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इस उद्योग के सभी कारोबारियों और निवेशकों का स्वागत करते हुए औषध विभाग के सचिव ने कहा कि प्रमाणित गुणवत्ता निर्माण क्षमताओं और सरकार की ओर से निरंतर सहायता के साथ, भारत औषध क्षेत्र में आत्मानिर्भर भारत की सोच को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है। इस अवसर पर औषध विभाग और इन्वेस्ट इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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