मुख्य बिंदु:
केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने आज बेंगलुरु, कर्नाटक में दक्षिणी क्षेत्र के पर्यटन तथासंस्कृति मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री; और सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन; नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा तथा पर्यटन राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय में सचिव श्री गोविंद मोहन, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, केंद्र शासित क्षेत्रोंके प्रशासनके वरिष्ठ अधिकारी, मीडिया और उद्योग जगत के हितधार कभी इस दौरान उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व में हमें कोविड-19 टीके की 100 करोड़ खुराक देने में केवल 281 दिन लगे। पर्यटन के पुनरुद्धार के लिए टीकाकरण से बड़ा आत्मविश्वास बढ़ाने वाला कोई नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “दक्षिण भारतीय क्षेत्र के पर्यटन और संस्कृति मंत्रियों का यह सम्मेलन,क्षेत्र के लिए पर्यटन विकास रणनीति पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए सहकारी संघवाद के प्रधानमंत्री के विचार के अनुरूप है,जहां भारत सरकार और राज्य सरकारें एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए समाधान खोजने के लिए एक साथ आती हैं।”
श्री रेड्डी ने कहा कि वास्तव में उनका मानना है कि दक्षिणी क्षेत्र अपनी पेशकशों में अद्वितीय है और मंत्रालय ने बुनियादी ढांचे, जमीनी क्षमता एवं कौशल के विकास पर विशेष जोर दिया है। श्री रेड्डी ने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना थीम आधारित पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास पर केंद्रित है और इसके तहत मंत्रालय ने दक्षिणी राज्यों में 1088 करोड़ रुपये की लागत वाली 15 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।उन्होंने कहा, “प्रसाद (पिलग्रिमेज रीजुवेनेशन एंड स्पिरिचुएलिटी ऑगमेंटेशन ड्राइव)योजना के तहत, मंत्रालय ने इस क्षेत्र में छह परियोजनाओं को मंजूरी दी है जिनका परिव्ययपूरे योजना बजट का 15% है।”
श्री रेड्डी ने कहा कि हाल ही में विदेश मंत्रालय ने पर्यटन मंत्रालय के अनुरोध पर विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों में समर्पित 20 पर्यटन अधिकारियों की नियुक्ति की है। यह हमेंखाड़ी के देशों और ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों में भारतीय पर्यटन को व्यापक रूप से बढ़ावा देने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहा, “भारत की सभ्यता की विरासत हजारों साल पुरानी है और यह आजादी का अमृत महोत्सव उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने का भी अवसर है, जिन्होंने हमारी विरासत को संजोकर रखने के लिए लड़ाई लड़ी।”
डॉ. एलमुरुगन ने पर्यटन क्षेत्र के विकास में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री मुरुगन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यटन क्षेत्र में गहरी रुचि दिखाई है। भारत को एक बहु-मॉडल पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के उनके दृष्टिकोण को अब क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “भारत के प्रत्येक राज्य में श्री नरेन्द्रमोदी के इस दृष्टिकोण में योगदान करने की एक अनूठी क्षमता है।”श्री मुरुगन ने कहा कि जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो यह हमारा कर्तव्य है कि हम युवा पीढ़ी को इन स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक पर जाने और राष्ट्र की सेवा में खुद को समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित करें।
पर्यटन और रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने कहा, “आज की बदलती दुनिया में संस्कृति और पर्यटन एक दूसरे के पूरक हैं। यदि संस्कृति किसी भी समाज की आत्मा है तो पर्यटन उस समाज को समझने और जानने का माध्यम है। यदि हमारी संस्कृति समृद्ध है तो पर्यटन इस समृद्धि को प्रदर्शित करने का साधन है। इसलिए संस्कृति और पर्यटन को एक ही सिक्के के दो पहलू के रूप में देखना आवश्यक है। दक्षिण भारत के लोग इसे बहुत अच्छी तरह से समझ चुके हैं और इसीलिए यहां पर्यटन के क्षेत्र में अक्सर बहुत अच्छा विकास हुआ है।”श्री भट्ट ने पर्यटनक्षेत्रपर 100 करोड़ टीकाकरण के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्रीश्री भगवंत खुबा ने कर्नाटक के बीदर में स्थित बसवन्ना कल्याण और भगवान बसवेश्वर के ऐतिहासिक महत्व के बारे में बताया। श्री खुबा ने पर्यटन मंत्रालय से प्रसाद जैसी पर्यटन योजनाओं के माध्यम से बीदर को विकसित करने का आग्रह किया।
सम्मेलन के पहले दिन के पर्यटन मंत्रालय की अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी)श्रीमती रूपिंदर बराड़ ने दक्षिणी क्षेत्र में पर्यटन के बुनियादी ढांचे, विपणन एवंप्रचार, और कौशल विकास कार्यक्रमों के निर्माण के लिए की जा रही विभिन्न परियोजनाओं / पहलों / कार्यक्रमों पर प्रस्तुति दी। उसके बाद महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और पर्यटन मंत्रालय श्रीमती वी विद्यावती ने दक्षिणी क्षेत्र में विरासत परियोजनाओं, स्मारकों और अन्य सांस्कृतिक पहलों पर प्रस्तुति दी। दक्षिणी क्षेत्र में क्रूज पर्यटन और रेल पर्यटन की संभावना तथा दक्षिणी क्षेत्र में अवसर राज्य-वार/केंद्रशासित क्षेत्रक्षेत्र-वार प्रस्तुतियां भी दी गईं।
पर्यटन मंत्रालय डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया में विभिन्न मंचों पर दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों सहित भारत को एक समग्र गंतव्य के रूप में बढ़ावा देता है। अप्रैल 2020 से, देखो अपना देश अभियान के तहत, पर्यटन मंत्रालय दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रोंपर समर्पित वेबिनार सहित विभिन्न पर्यटन उत्पादों पर वेबिनार आयोजित कर रहा है। इस क्षेत्र के विभिन्न गंतव्यों के लिए हवाई, रेल और सड़क मार्ग द्वारा कनेक्टिविटी उत्कृष्ट है औरये काफी लोकप्रिय गंतव्य स्थल हैं।
पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन क्षेत्र में कौशल विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है, पर्यटकों को विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करने के लिए तथा घरेलू एवंअंतर्राष्ट्रीय बाजारों में गंतव्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के वास्ते प्रचार और विपणनके लिएअच्छी तरह से प्रशिक्षित और पेशेवर पर्यटक सुविधाकर्ताओं का एक पूल बनाना आवश्यक है।
चूंकि पिछले कुछ महीनों में घरेलू पर्यटन में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है और जल्द ही अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए सीमाएं खोल दी जाएंगी, इसलिए पर्यटकों का विश्वास और भरोसा बनाना बेहद जरूरी है। इस संबंध में, स्वास्थ्य मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय ने पहले ही कोविड-19 सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल को अधिसूचित कर दिया है। मंत्रालय ने एक ‘सिस्टम फोर एसेसमेंट, अवेयरनेस एंड ट्रेनिंग इन हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री’ (साथी) का निर्माण किया है ताकि कोविड-19 सुरक्षा और स्वच्छता दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके और कर्मचारियों / ग्राहकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके। साथी पहल का उद्देश्य सुरक्षित रूप से संचालन जारी रखने के लिए होटलों की तैयारी में सहायता करना और मेहमानों का विश्वास बहाल करना तथाएक जिम्मेदार होटल के रूप में होटल की छवि को मजबूत करना है।अब तक, 10,000 से अधिक आवास इकाइयों ने साथी के तहत पंजीकरण कराया है। दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रोंकी होटल इकाइयों ने आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए पोर्टल पर अपनी इकाइयों को पंजीकृत करने में अच्छी प्रतिक्रिया दीहै।
पर्यटन मंत्रालय स्वदेश दर्शन (एसडी) और प्रसाद (पिलग्रिमेज रीजुवेनेशन एंड स्पिरिचुएलिटी ऑगमेंटेशन ड्राइव) जैसी अपनी बुनियादी ढांचा विकास योजनाओं के तहत देश भर के पर्यटन स्थलों पर बुनियादी ढांचे का विकास करता है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत पूरे भारत में 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जिसमें दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रोंकी परियोजनाएं भी शामिल हैं। स्वदेश दर्शन योजना के तहत तटीय सर्किट, बौद्ध सर्किट, इको सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट आदि जैसे विभिन्न विषयोंसे जुड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। प्रसाद योजना के तहत, भारत में 37 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जिसमें दक्षिणी राज्यों की परियोजनाएं भी शामिल हैं। इन प्रयासों से इस क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
एमजी/एएम/पीके/वाईबी