केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज नेशनल फॉर्म्यूलरी ऑफ इंडिया (एनएफआई) के छठे संस्करण को जारी किया। देश में दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) द्वारा एनएफआई प्रकाशित किया गया है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, डॉ. मंडाविया ने एनएफआई के नये संस्करण को लाने के लिए आईपीसी को बधाई दी। उन्होंने नये संस्करण के संकलन में योगदान देने वाले सभी विशेषज्ञों, डॉक्टरों और शोधकर्ताओं के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एनएफआई, 2021 सभी स्वास्थ्य पेशेवरों जैसे कि चिकित्सकों, फार्मासिस्टों, नर्सों, दंत चिकित्सकों आदि के लिये एक मार्गदर्शक दस्तावेज का काम करेगा। यह दैनिक नैदानिक कार्य प्रणालियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
उन्होंने कहा कि दवायें अलग-अलग शरीरों में अलग तरह से व्यवहार करती हैं। दवाओं की सामग्री, प्रभाव और दुष्प्रभावों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। एनएफआई देश में दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रकाशित किया गया है। रोगियों को दवायें लिखते समय यह चिकित्सकों और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए बहुत फायदेमंद होगा।
एनएफआई 2021 के छठे संस्करण को जानकारियों के लिये ‘सबसे अहम छूटे नहीं, जरूरत से ज्यादा नहीं ‘ सिद्धांत को अपनाते हुए परिशिष्टों, अध्यायों और ड्रग मोनोग्राफ को संशोधित करके तैयार किया गया है। दर्दनाशक, ज्वरनाशक और सूजनरोधी दवायें, एंटीएपीलेप्टिक्स, एंटासिड्स और एंटीअल्सर दवायें और एलर्जी, डायरिया के लिये दवायें , रेचक दवायें, एंटीडोट्स, विष के उपचार की दवायें, डिजीज मोडिफाइंग एंटी-रूमेटिक ड्रग्स (डीएमएआरडीएस), माइग्रेन की दवायें, मेडिकल इमर्जेंसी की मूल बातें, त्वचा संबंधी दवायें, गठिया, डायरेटिक, ऑस्टियोपोरोसिस की दवाओं, सूजन, आंत्र रोग के लिए दवायें, श्वसन रोगों के लिए दवाएं, नेत्र रोग संबंधी तैयारियां और मनोचिकित्सा के लिये दवाओं के अध्यायों को देश में विषय विशिष्ट जानकारों/विशेषज्ञों को शामिल करके संशोधित किया गया था।
इस संस्करण की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और आईपीसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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एमजी/एएम/एसएस