केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत सरकार में लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2021 तक चलाए गए विशेष अभियान के परिणामों की समीक्षा की

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने रद्दी निष्कासन के माध्यम से लगभग 40 करोड़ रुपये कमाए हैं और भारत सरकार में लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए 2 अक्टूबर को शुरू किए गए एक विशेष अभियान के माध्यम से परिहार्य कब्जे से आठ लाख वर्ग फुट से ज्यादा जगह की प्राप्ति की गई है।

गौरतलब है कि मंत्री द्वारा नोडल विभाग, डीएआरपीजी (प्रशासनिक सुधार एवं जन शिकायत विभाग) के अंतर्गत 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2021 की अवधि तक भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों में लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए 1 अक्टूबर, 2021 को विशेष अभियान की शुरूआत की गई थी।

इस अभियान के परिणाम पर डीएआरपीजी के आला अधिकारियों के साथ किए गए एक विशेष समीक्षा बैठक में डॉ. जितेंद्र सिंह ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसके लिए चिह्नित की गई 15 लाख 23 हजार 464 फाइलों में से 13 लाख 73 हजार, 204 फाइलों का निपटारा कर लिया गया है। इसी प्रकार से 30 दिनों की छोटी अवधि में 3,28,234 लोक शिकायतों में से 2,91,692 शिकायतों का निवारण किया गया है। सांसदों के 11,057 संदर्भों में से 8,282 का समाधान किया गया है। इसके अलावा, इस अवधि के दौरान 834 चिन्हित नियमों और प्रक्रियाओं में से 685 को सरल बनाया जा चुका है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर सरकार में लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया था और इस सप्ताह उनके सामने इसके प्रगति की जानकारी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस विशेष अभियान का उद्देश्य अभियानअवधि के दौरान प्रत्येक मंत्रालय/विभाग और उनके संलग्न/अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा लोक शिकायतों, संसद सदस्यों, राज्य सरकारों के संदर्भों, अंतर-मंत्रालयी परामर्शों और संसदीय आश्वासनों का समय पर और प्रभावी रूप से निपटारा सुनिश्चित करना था। मंत्री ने बताया कि इस विशेष अभियान के दौरान मौजूदा निर्देशों के अनुसार अस्थायी प्रकृति की फाइलों की पहचान की गई और उसे समाप्त कर दिया गया और कार्यस्थलों पर सफाई में सुधार लाने के लिए बेकार पड़ी हुई स्क्रैप सामग्रियों और अनावश्यक वस्तुओं का त्याग किया गया।

देश में जन आंदोलन बन चुके मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर डॉ. जितेंद्र सिंह ने भविष्य में इस प्रथा को जारी रखने का वादा किया, जिससे कार्य स्थलों को स्वच्छ, शुद्ध और अव्यवस्था मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने डीएपीजी को निर्देश दिया कि वह विभिन्न श्रेणियों के लंबित मामलों में कमी लाने के संबंध में भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों का तुलनात्मक विश्लेषण करे और प्रतिस्पर्धात्म भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी के साथ साझा की जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं का भी पालन करे। मंत्री ने इस बात को दोहराया कि इस अभियान की शुरूआत करने वाले उद्देश्य के पूरा होने के बाद भी यह चलते रहना चाहिए क्योंकि लंबित मामलों में कमी लाना एक निरंतर प्रक्रिया है।

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प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) इस अभियान के कार्यान्वयन की निगरानी करने वाला नोडल मंत्रालय था। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एक समर्पित डैशबोर्ड बनाया गया था और भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों के लिए इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए गए थे। प्रत्येक मंत्रालय/विभाग द्वारा इस विशेष अभियान के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया गया था। सचिवों/विभागाध्यक्ष द्वारा दैनिकरूप से प्रगति की निगरानी की जाती थी। 22 सितंबर 2021 से समर्पित पोर्टल https://pgportal.gov.in/scdpm पर इसकी शुरूआत की गई और इसे लाइव किया गया, जिससे मंत्रालयों को पहचान किए गए मापदंडों के आधार पर डेटा फीड करने के लिए सक्षम बनाया जा सके।

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