भारत और भूटान के बीच व्यापार तथा पारगमन मुद्दों पर सचिव स्तरीय बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित हुई।
भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में वाणिज्य विभाग के सचिव श्री बी. वी. आर. सुब्रमण्यम ने किया जबकि भूटान के शिष्टमंडल का नेतृत्व भूटान सरकार के आर्थिक मामले मंत्रालय में सचिव श्री डैशो करमा शेरिंग ने किया।
दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और सुदृढ़ बनाने के उपायों तथा परस्पर हित के मुद्दों, दोनों देशों के बीच व्यापार संपर्कों को बढ़ाने के तरीकों सहित वर्तमान व्यापार तथा पारगमन मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। विनिमय पत्र (एलओई) के जरिये भारत-भूटान के बीच व्यापार के लिए निम्नलिखित सात अतिरिक्त प्रवेश/प्रस्थान बिन्दुों को औपचारिक रूप दिया गया : –
1. बिना कमोडिटी प्रतिबंध के नागरकाटा भूमि सीमा शुल्क स्टेशन
2. प्रवेश/प्रस्थान बिन्दु के रूप में अगरतला भूमि सीमा शुल्क स्टेशन
3. प्रवेश/प्रस्थान बिन्दु के रूप में पांडु बंदरगाह (गुवाहाटी स्टीमरघाट), जो धुबरी में सीमा पार नियंत्रण के अध्याधीन है
4. प्रवेश/प्रस्थान बिन्दु के रूप में जोगीघोपा बंदरगाह जो धुबरी में सीमा पार नियंत्रण के अधीन है
5. जयगांव में भूमि सीमा शुल्क स्टेशन के बाद एक अतिरिक्त रूट के रूप में भारत में टोरशा चाय बगान तथा भूटान में अहलाय को जोड़ते हुए एशियाई राजमार्ग
6. प्रवेश/प्रस्थान बिन्दु के रूप में कमरद्विसा
7 प्रवेश/प्रस्थान बिन्दु के रूप में बिरपारा
व्यापार, वाणिज्य तथा पारगमन पर 2016 के भारत-भूटान समझौते के प्रोटोकॉल का एक परिशिष्ट होगा। यह हमारे परस्पर लाभ के लिए भारत-भूटान द्विपक्षीय व्यापार को सुगम बनायेगा।
2014 से, भारत और भूटान के बीच व्यापार दोगुने से अधिक हो गया है जो 2014-15 के 484 मिलियन डालर से बढ़कर 2020-21 में 1083 मिलियन डालर तक पहुंच गया है।
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