प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आरबीआई की दो अभिनव ग्राहक केंद्रित पहलों – खुदरा प्रत्यक्ष योजना और रिजर्व बैंक – एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान उनके प्रयासों के लिए वित्त मंत्रालय और आरबीआई जैसे संस्थानों की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा, “अमृत महोत्सव का यह दौर, 21वीं सदी का यह दशक देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में आरबीआई की भूमिका भी बहुत बड़ी है। मुझे विश्वास है कि टीम आरबीआई देश की उम्मीदों पर खरा उतरेगी।“
आज जिन दो योजनाओं का शुभारंभ किया गया, उनका उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से देश में निवेश के दायरे का विकास होगा और पूंजी बाजार तक पहुंच आसान हो जायेगी, वह निवेशकों के लिये अधिक आसान, अधिक सुरक्षित बनेगा। खुदरा प्रत्यक्ष योजना से देश के छोटे निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश का सरल और सुरक्षित माध्यम मिल गया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, एकीकृत लोकपाल योजना से बैंकिंग सेक्टर में ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ प्रणाली ने आज साकार रूप ले लिया है।
प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं की नागरिक केंद्रित प्रकृति पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतंत्र की सबसे बड़ी कसौटी वहां की शिकायत निवारण प्रणाली की ताकत होती है। एकीकृत लोकपाल योजना इस दिशा में दूरगामी है। इसी प्रकार खुदरा प्रत्यक्ष योजना से अर्थव्यवस्था में सबके समावेश को ताकत मिलेगी, क्योंकि इससे मध्य वर्ग, नौकरीपेशा, छोटे व्यापारियों और वरिष्ठ नागरिकों की छोटी बचतों के लिये सीधे तथा सुरक्षित रूप से सरकारी प्रतिभूतियों तक पहुंच बनेगी। सरकारी प्रतिभूतियों में अदायगी की गारंटी का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इससे छोटे निवेशक सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सात सालों में फंसे हुये कर्जों की पारदर्शिता के साथ पहचान की गई, तथा समाधान और वसूली पर ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंको का दोबारा पूंजीकरण किया गया, वित्तीय प्रणाली और सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में एक के बाद एक सुधार किये गये। प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर को और मजबूत करने के लिये सहकारी बैंकों को भी भारतीय रिजर्व बैंक के दायरे में लाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे इन बैंकों के कामकाज में भी सुधार आ रहा है और जो लाखों जमाकर्ता हैं, उनके भीतर भी इस प्रणाली के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के बैंकिंग सेक्टर में बीते चंद सालों के दौरान वित्तीय सेक्टर में समावेश से लेकर तकनीकी एकीकरण और दूसरे सुधार किये गये हैं। उन्होंने कहा, “उनकी ताकत हमने कोविड के इस मुश्किल समय में भी देखी है। सरकार ने हाल के दौर में जो बड़े-बड़े फैसले लिये हैं, उनका प्रभाव बढ़ाने में भी भारतीय रिजर्व बैंक के निर्णयों ने मदद की है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि छह-सात साल पहले तक बैंकिंग, पेंशन और बीमा, ये सब भारत में किसी विशिष्ट-क्लब की तरह हुआ करते थे। देश का सामान्य नागरिक, गरीब परिवार, किसान, छोटे कारोबारी-व्यापारी, महिलायें, दलित-वंचित-पिछड़े, इन सबके लिये ये सुविधायें बहुत दूर थीं। प्रधानमंत्री ने पुरानी व्यवस्था की आलोचना करते हुये कहा कि जिन लोगों पर इन सुविधाओं को गरीब तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने भी इस पर कभी ध्यान नहीं दिया। इसके बजाय, बदलाव न हो, इसके लिये तरह-तरह के बहाने बनाये जाते थे। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि पहले कहा जाता था कि बैंक की शाखा नहीं है, कोई स्टाफ नहीं है, इंटरनेट नहीं है, जागरूकता नहीं है; न जाने क्या-क्या तर्क दिये जाते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीआई ने बहुत कम समय में डिजिटल लेन-देन के मामले में भारत को दुनिया का अग्रणी देश बना दिया है। श्री मोदी ने जोर देते हुये कहा कि सिर्फ सात सालों में भारत ने डिजिटल लेन-देन के मामले में 19 गुना छलांग लगाई है। आज 24 घंटों, सातों दिन और 12 महीने देश में, कभी भी, कहीं भी हमारी बैंकिंग प्रणाली चालू रहती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें देश के नागरिकों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखना ही होगा, निवेशकों के भरोसे को निरंतर मजबूत करने रहना होगा। प्रधानमंत्री ने अपनी बात पूरी करते हुये कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय रिजर्व बैंक एक संवेदनशील और निवेशक-अनुकूल गंतव्य के रूप में भारत की नई पहचान को निरंतर सशक्त करता रहेगा।”
अमृत महोत्सव का ये कालखंड, 21वीं सदी का ये दशक देश के विकास के लिए बहुत अहम है।ऐसे में RBI की भी भूमिका बहुत बड़ी है।मुझे पूरा विश्वास है कि टीम RBI, देश की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगी: PM @narendramodi
आज जिन दो योजनाओं को लॉन्च किया गया है, उससे देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा और कैपिटल मार्केट्स को Access करना, निवेशकों के लिए अधिक आसान, अधिक सुरक्षित बनेगा: PM @narendramodi
Retail direct scheme से देश में छोटे निवेशकों को गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ में इंवेस्टमेंट का सरल और सुरक्षित माध्यम मिल गया है।इसी प्रकार, Integrated ombudsman scheme से बैंकिंग सेक्टर में One Nation, One Ombudsmen System ने आज साकार रूप लिया है: PM @narendramodi
बीते 7 सालों में, NPAs को पारदर्शिता के साथ Recognize किया गया,Resolution और recovery पर ध्यान दिया गया,पब्लिक सेक्टर बैंकों को Recapitalize किया गया,फाइनेंशियल सिस्टम और पब्लिक सेक्टर बैंकों में एक के बाद एक रिफॉर्म्स किए गए: PM @narendramodi
बैंकिंग सेक्टर को और मज़बूत करने के लिए Co-operative बैंकों को भी RBI के दायरे में लाया गया।इससे इन बैंकों की गवर्नेंस में भी सुधार आ रहा है और जो लाखों depositors हैं, उनके भीतर भी इस सिस्टम के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है: PM @narendramodi
बीते सालों में देश के banking सेक्टर में, financial sector में Inclusion से लेकर technological integration और दूसरे reforms किए हैं, उनकी ताकत हमने कोविड के इस मुश्किल समय में भी देखी है।सरकार जो बड़े-बड़े फैसले ले रही थी, उसका प्रभाव बढ़ाने में RBI के फैसलों ने भी मदद की: PM
6-7 साल पहले तक भारत में बैंकिंग, पेंशन, इंश्योरेंस, ये सबकुछ एक exclusive club जैसा हुआ करता था।देश का सामान्य नागरिक, गरीब परिवार, किसान, छोटे व्यापारी-कारोबारी, महिलाएं, दलित-वंचित-पिछड़े, इन सबके लिए ये सब सुविधाएं बहुत दूर थीं: PM @narendramodi
जिन लोगों पर इन सुविधाओं को गरीब तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी उन्होंने भी इस पर कभी ध्यान नहीं दिया।बल्कि बदलाव ना हो इसके लिए भांति-भांति के बहाने बनाए जाते थे।कहा जाता था-बैंक ब्रांच नहीं है, स्टाफ नहीं है,इंटरनेट नहीं है, जागरूकता नहीं है,ना जाने क्या-क्या तर्क होते थे: PM
UPI ने तो बहुत ही कम समय में डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में दुनिया का अग्रणी देश बना दिया है।सिर्फ 7 सालों में भारत ने डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में 19 गुणा की छलांग लगाई है।आज 24 घंटे, सातों दिन और 12 महीने देश में कभी भी, कहीं भी हमारा बैंकिंग सिस्टम चालू रहता है: PM
हमें देश की, देश के नागरिकों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखना ही होगा, निवेशकों के भरोसे को निरंतर मजबूत करते रहना होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि एक संवेदनशील और इन्वेस्टर फ्रेंडली डेस्टीनेशन के रूप में भारत की नई पहचान को RBI निरंतर सशक्त करता रहेगा: PM @narendramodi
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