उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा लखनऊ में आज आयकर विभाग के नए कार्यालय परिसर ‘प्रत्यक्ष कर भवन’ का उद्घाटन किया गया। इस दौरान केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना और उत्तर प्रदेश के कानून एवं न्याय मंत्री श्री ब्रजेश पाठक भी उपस्थित थे। राजस्व सचिव श्री तरुण बजाज, सीबीडीटी के चेयरयमैन श्री जे. बी. महापात्रा और सीबीआईसी के चेयरमैन श्री एम. अजीत कुमार भी इस दौरान मौजूद थे।
वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में इस क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में करदाताओं की संख्या बढ़ने और राजस्व संग्रह की मात्रा में वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि बढ़े हुए कर संग्रह ने क्षेत्र के विकास में योगदान किया है जिसकी झलक ‘पूर्वांचल एक्सप्रेसवे’, ‘पीएम आवास योजना’, ‘हर घर जल योजना’, संवर्धित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा आदि परियोजनाओं में दिखती है।
श्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में लखनऊ में नए ‘प्रत्यक्ष कर भवन’ के लिए भारत सरकार और वित्त मंत्री को धन्यवाद दिया जिसके निर्माण में सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुपालन किया गया है और जो उत्तर प्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उजागर किया कि राज्य में कर संग्रह में काफी वृद्धि हुई है जो ‘संवाद’ की भावना के कारण संभव हुआ है। मुख्यमंत्री ने कराधान प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और व्यापारिक समुदाय से स्वैच्छिक अनुपालन के लिए आगे आने का भी आग्रह किया।
वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि नए कार्यालय भवन से करदाताओं की बेहतर सेवा हो सकेगी। श्री चौधरी ने आगे कहा कि हाल के वर्षों में राज्य में कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति और आर्थिक विकास से भी राजस्व संग्रह में वृद्धि होगी।
राजस्व सचिव श्री तरुण बजाज ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि बेहतर सुविधाएं करदाताओं के लिए बेहतर सेवाओं में तब्दील होंगी। श्री बजाज ने कर अधिकारियों को करदाताओं की सुविधा और बकाया कर संग्रह के दोहरे उद्देश्यों से निर्देशित होने का आह्वान किया।
सीबीडीटी के चेयरमैन श्री जे. बी. महापात्र ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और इस अवसर पर उपस्थित होने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने अपने संबोधन में यूपी (पूर्वी) क्षेत्र की विकास क्षमता पर अपना दृष्टिकोण साझा किया। श्री महापात्र ने लखनऊ में ‘प्रत्यक्ष कर भवन’ की मुख्य विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला।
आयकर के यूपी (पूर्वी) क्षेत्र का अधिकार क्षेत्र उत्तर प्रदेश के 44 जिलों और उत्तराखंड (कुमाऊं क्षेत्र) के एक हिस्से तक विस्तृत है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में हुए आर्थिक विकास के साथ-साथ आयकर विभाग की उपस्थिति भी बढ़ी है। कुशल कर प्रशासन और करदाताओं को गुणवत्तायुक्त सेवाएं प्रदान करने की लिहाज से एक नए कार्यालय भवन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।
इस भवन के लिए भूमि का अधिग्रहण 2002 में लखनऊ विकास प्राधिकरण से किया गया था। एनबीसीसी द्वारा इस परिसर का निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ था और 85.40 करोड़ रुपये की लागत से दिसंबर 2020 में इसे पूरा कर लिया गया था। यह एक सात मंजिला इमारत है जो 21,527 वर्ग फुट क्षेत्र में फैली है। इसके निर्माण में सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं का उपयोग किया गया है। सभी मंजिलों का कवर क्षेत्र लगभग 1,30,000 वर्ग फुट अनुमानित है जिसमें वाहन पार्किंग और रिकॉर्ड रूम के लिए दो बेसमेंट भी शामिल हैं।
गुणवत्तापूर्ण करदाता सेवाओं के लिए यह भवन और इससे संबंधित बुनियादी ढांचा न केवल राष्ट्रीय राजकोष में योगदानकर्ता के तौर पर उत्तर प्रदेश (पूर्वी) क्षेत्र की बढ़ती क्षमता की पहचान है बल्कि यह क्षेत्र में निर्बाध करदाता सेवाएं प्रदान करने के प्रति आयकर विभाग की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। आयकर सेवा केंद्र इस भवन का एक अभिन्न हिस्सा है। वह करदाताओं को तमाम सुविधाएं प्रदान करेगा और कराधान से संबंधित उनके प्रश्नों एवं समस्याओं को निपटाने में मदद करेगा। इस भवन में मौजूद अन्य सुविधाएं इस प्रकार हैं: 3 सम्मेलन कक्ष, 180 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला एक सभागार, 11 कमरों/ सुइट्स के साथ एक गेस्ट हाउस, एक जिम, एक क्रेच, एक रीडिंग लाउंज, पुस्तकालय और कैंटीन की सुविधा। इसमें पर्यावरण के अनुकूल भवन की सभी विशेषताएं मौजूद हैं अर्थात यह ऊर्जा कुशल, प्रभावी अपशिष्ट उपयोग एवं निपटान और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसी विशेषताओं से लैस है। ऊर्जा और पानी की कम खपत सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
गणमान्य व्यक्तियों ने उद्घाटन के बाद भवन का दौरा भी किया।
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एमजी/एएम/एसकेसी