प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आईआईजीएफ को इंटरनेट शासन प्रणाली पर कार्ययोजना को परिभाषित करने की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए बधाई दी।

नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए विश्वास के एक विषय के रूप में इंटरनेट पर बहु-हितधारकवाद पर प्रकाश डालते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत इंटरनेट को सभी के लिए खुला, सुरक्षित एवं विश्वसनीय और जवाबदेह बनाने की आवश्यकता है। वह पहले भारतीय इंटरनेट शासन प्रणाली फोरम (आईआईजीएफ) – इंटरनेट शासन प्रणाली पर तीनदिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम के अंतिम दिन एक उच्च-स्तरीय सत्र के दौरान बोल रहे थे। इस कार्यक्रम को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और भारतीय राष्ट्रीय इंटरनेट एक्सचेंज (एनआईएक्सआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। आईसीएएनएन बोर्ड के अध्यक्ष, मार्टेन बॉटरमैन, अजय साहनी (सचिव, एमईआईटीवाई, भारत सरकार), अनिल जैन (सीईओ, एनआईएक्सआई), बीके सिंघल, एनरिएट एस्टरह्युसेन (अध्यक्ष, एमएजी आईजीएफ) और नविका कुमार (ग्रुप एडिटर, टाइम्स नेटवर्क और एडिटर-इन-चीफ, टाइम्स नेटवर्क नवभारत) जैसे प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति और दिग्गज भी इस कार्यक्रम में उपस्थिति रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संदेश के साथ इंटरनेट शासन प्रणाली पर कार्य योजना को परिभाषित करने के लिए किए गए प्रयासों के लिए आईआईजीएफ को भी बधाई दी। कार्यक्रम के दौरान आईसीआरआईईआर/बीआईएफ द्वारा “ग्रामीण भारत के लिए एक समावेशी डिजिटल सोसाइटी का निर्माण”शीर्षक से एक रिपोर्ट भी जारी की गई।

कार्यक्रम के दौरान अपने विचार साझा करते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “80 करोड़ लोगों के ऑनलाइन होने के साथ भारत सबसे  अधिक कनेक्टेड देशों में से एक बन रहा है और दुनिया के सबसे बड़े ग्रामीण ब्रॉडबैंड कार्यक्रम के साथ, जल्द ही 1 बिलियन से अधिक भारतीय इंटरनेट का उपयोग कर रहे होंगे। 2015 में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीयों के जीवन को बदलने, डिजिटल उद्यमिता के साथ आर्थिक अवसरों का विस्तार करने और इंटरनेट सहित कुछ प्रौद्योगिकियों में रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 3 प्रमुख परिणामों के साथ डिजिटल इंडिया मिशन का शुभारंभ किया ताकि इंटरनेट का भविष्य खुले समाज वाले देशों द्वारा संचालित और लोकतांत्रिक मूल्यों के एक समूह द्वारा साझा किया जाता है और समान नागरिक अधिकारों का सम्मान करते हैं। भारत बहु-हितधारकवाद का सख्ती से समर्थन करता है जो नरेन्‍द्र मोदी सरकार के लिए विश्वास का एक विषय है। आईआईजीएफ सभी के लिए खुला, सुरक्षित एवं भरोसेमंद और जवाबदेह इंटरनेट के लिए एक मंच पर बहु-हितधारकों को लाने के बारे में है।”

कार्यक्रम के अंतिम दिन अजय दाता (यूएएसजी चेयर, दाता ग्रुप डॉट इन) की अध्यक्षता में ‘सार्वभौमिक स्वीकृति’ डॉ. संजय बहल (महानिदेशक, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन सहायता टीम (सीईआरटी-इन)) की अध्यक्षता में ‘सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट- साइबर सुरक्षा चुनौतियां’; डॉ. राजेंद्र कुमार (अतिरिक्त सचिव, एमईआईटीवाई) की अध्यक्षता में ‘साइबर स्पेस रेगुलेशन – लीगल’ फ्रेमवर्क’; डॉ. गुलशन राय (भारत सरकार, एफएम इंटरनेट) की अध्यक्षता में ‘खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट – उपयोगकर्ता दृष्टिकोण’ नामक विषय पर कार्यशाला के दौरान जोरदार चर्चा हुई।

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अजय प्रकाश साहनी, सचिव, एमईआईटीवाई ने कहा, “भारत अब वैश्विक इंटरनेट ईकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारे पास पहले से ही 800 मिलियन भारतीय ऑनलाइन हैं और 400 मिलियन लोगों को और जोड़ने की चुनौती है। हमें वहां एक सार्थक ब्रॉडबैंड नेटवर्क प्रदान करने की जरूरत है जो अपार अवसर प्रदान करता है और वैश्विक बाजार तथा समाज में भी योगदान देता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि संपूर्ण इंटरनेट शासन प्रणाली इंटरनेट को सभी के लिए खुला, सुरक्षित और विश्वसनीय तथा जवाबदेह बनाने के लक्ष्य पर केंद्रित हो। भारत बहु-हितधारकवाद का पुरजोर समर्थन करता है।”

तीनदिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम “इंटरनेट की शक्ति के माध्यम से भारत को सशक्त बनाना”विषय पर केंद्रित था। इसके साथ ही यह कार्यक्रम डिजिटलीकरण की कार्य योजना पर चर्चा करने और विश्व स्तर पर एक आवश्यक भागीदार के रूप में भारत की पुष्टि करने के लिए इंटरनेट शासन व्यवस्था के हितधारकों को एक साथ लाया है।

 25-27 नवंबर के बीच आयोजित इस कार्यक्रम में इंटरनेट शासन व्यवस्था पर अंतर्राष्‍ट्रीय नीति के विकास में डिजिटलीकरण की भूमिका और महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। आईसीएएनएन बोर्ड के अध्यक्ष मार्टन बॉटरमैन ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि इंटरनेट नागरिकों के लिए काम करता है और किसी भी अन्य सार्वजनिक स्थान की तरह सुरक्षित है। महामारी ने हमें सिखाया है कि इंटरनेट कितना महत्वपूर्ण है और यह अविश्वसनीय रूप से लोगों की सेवा करने में सक्षम है। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इंटरनेट शासन व्यवस्था के तकनीकी पहलुओं का सम्मान किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इंटरनेट कैसे संचालित होता है। हमें इस एकल अंतर-संचालित दुनिया की सुरक्षा और लचीलेपन को बनाए रखना चाहिए और अरबों लोगों के लिए इंटरनेट उपलब्ध कराना चाहिए। भारत को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।”

तीन पूर्ण सत्र भी: ‘भारत और इंटरनेट- भारत की डिजिटल यात्रा और उसकी वैश्विक भूमिका’, राज्य मंत्री (एमईआईटीवाई) राजीव चंद्रशेखर की अध्यक्षता में, अजय साहनी, सचिव (एमईआईटीवाई) की अध्यक्षता में ‘सभी भारतीयों को जोड़ना’, और के. राजारमन, सचिव, (डीओटी) की अध्यक्षता में ‘सुरक्षित भविष्य के लिए सुरक्षित इंटरनेट’ विषयों पर आयोजित किए गए।

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एमएजी आईडीओटी के अध्यक्ष एनरिएट एस्टरह्यूसेन ने कहा, “भारत एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और इसमें अत्याधुनिक नवाचार की डिलीवरी और डिजिटल असमानता जैसी चुनौतियां हैं। हमें उपकरणों और बुनियादी ढांचे तक पहुंच के मामले में डिजिटल असमानता को प्राथमिकता देनी होगी। मजबूत संस्थानों के निर्माण में विश्वास तथा सुरक्षा भी महत्वपूर्ण और प्रभावी है। सरकार और सार्वजनिक क्षेत्रों के पास नागरिकों का विशाल डेटा है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह सुरक्षित बना रहे। सार्वजनिक भागीदारी और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए हमें इंटरनेट शासन व्यवस्था के लिए क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर सहयोग करना होगा।”

बी.के.सिंघल ने कहा, “हमें जनता तक पहुंचने के लिए प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग का उपयोग करना चाहिए। आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस-एआई जैसी कई चीजें आ रही हैं जिनके लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की जरूरत होगी। यदि हम नीतियों और विनियमों में मौजूदा बाधाओं को दूर कर सकते हैं, तो हम अपने प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अगले स्तर को प्राप्त कर सकते हैं।”

इंटरनेट नेटवर्क पर 100 प्रतिशत आबादी को साथ लाने के लिए भारत में डिजिटल अभियान पूरे जोरों पर है और यह आयोजन भारत में डिजिटलीकरण कार्ययोजना, अवसरों, संभावनाओं और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। एक खुली और समावेशी प्रक्रिया के माध्यम से, आईआईजीएफ सरकार, उद्योग, नागरिक समाज, शिक्षाविदों सहित वैश्विक इंटरनेट शासन व्यवस्थाईकोसिस्टम में सभी हितधारकों को बड़े इंटरनेट शासन प्रवचन के समान प्रतिभागियों के रूप में एक साथ ला रहा है।

निक्सी के सीईओ अनिल जैन ने कहा, “भारत, लोगों के लाभ के लिए प्रौद्योगिकी के रूपांतरण में विश्वास करता है। हम न केवल विश्वास कर रहे हैं और बात कर रहे हैं, बल्कि हम अपनी परिकल्पना को व्यवहार में भी ला रहे हैं। भारत, दुनिया में सबसे बड़ा कनेक्टेड देश है और एक खुले, सुरक्षित और भरोसेमंद तथा जवाबदेह इंटरनेट और बहु-हितधारकवाद के लिए इसकी वैश्विक भूमिका पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है।” इंडिया इंटरनेट गवर्नमेंट फोरम संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (यूएन-आईजीएफ) से जुड़ी एक पहल है। इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईजीएफ) एक बहु-हितधारक मंच है जो इंटरनेट से संबंधित सार्वजनिक नीति के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विभिन्न समूहों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाता है।

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