राजनीतिक दलों का पंजीकरण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 क के प्रावधानों के तहत होता है। इस धारा के तहत पंजीकरण कराने के इच्छुक किसी भी दल को उसके गठन की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर आयोग में आवेदन जमा करना होता है। यह निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत होता है, जिसका निर्धारण आयोग भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 क के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए करता है। मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, आवेदक संघ से अन्य बातों के साथ-साथ कहा गया है कि वे दो राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों और दो स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों में दल का प्रस्तावित नाम दो दिनों तक प्रकाशित करें ताकि इस तरह के प्रकाशन से 30 दिनों के भीतर आयोग के समक्ष दल के प्रस्तावित पंजीकरण के संबंध में आपत्तियां, यदि कोई हों, प्रस्तुत की जा सकें। इस तरह प्रकाशित सूचना आयोग की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित की जाती है।
2. आयोग ने 8 जनवरी, 2022 को गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की विधानसभाओं के लिए चुनावों की घोषणा की है। आयोग के संज्ञान में यह लाया गया है कि कोविड-19 के कारण प्रतिबंधों के मद्देनजर, पंजीकरण के लिए आवेदन करने में अव्यवस्था और देरी हुई, जिसके परिणामस्वरूप राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण करने में देरी हुई। बिहार, असम, केरल, पुदुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों के दौरान भी आयोग ने महामारी को देखते हुए इस नोटिस की अवधि में ढील दी थी। इसलिए, मामले के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद, आयोग ने दिनांक 08.01.2022 को या उससे पहले अपने सार्वजनिक नोटिस को प्रकाशित करने वाले दलों को छूट दी है और नोटिस की अवधि 30 दिन से घटाकर 7 दिन कर दी है। उन दलों, जिन्होंने 08.01.2022 से पहले 7 दिनों से कम समय में सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित किया है, सहित सभी दलों के संबंध में यदि कोई आपत्ति है, तो इसे दिनांक 21 जनवरी 2022 को शाम 05.30 बजे या मूल रूप से प्रदान किए गए 30 दिन की अवधि, जो भी पहले हो, समाप्त होने तक प्रस्तुत किया जा सकता है।
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