समावेशी सुशासन को बढ़ावा देने, स्थानीय संस्थानों को मजबूत करने और सरकारी कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर भारत सरकार के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) और हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी और पीआर) के बीच सोमवार, 17 जनवरी, 2022 को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य सभी कार्यक्रमों और योजनाओं में बेहतर सुशासन प्रक्रियाओं को व्यवहार में लाने के लिए इन दो राष्ट्रीय संस्थानों की ताकत का उपयोग कर विभिन्न सहयोगी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना है।
दोनों संस्थानों ने जानकारी का आदान-प्रदान करने और पंचायत राज संस्थानों (पीआरआई) सहित सरकार के सभी स्तरों पर अधिकारियों की क्षमता निर्माण करने पर सहमति व्यक्त की।
यह समझौता ज्ञापन न केवल सुशासन के सिद्धांतों को सच्ची भावना से लागू करने में मदद करेगा बल्कि ग्रामीण लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सेवाएं देने में सार्वजनिक धन के उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही के संदर्भ में उनका प्रभावी कार्यान्वयन भी सुनिश्चित करेगा। पंचायत स्तर पर ई-गवर्नेंस का लाभ उठाने, पंचायत स्तर पर सुशासन मॉडल का दस्तावेजीकरण, दूसरों के बीच संरचना का सरलीकरण और ग्रामीण शासन के सर्वोत्तम अभ्यास सहित कई प्रमुख पारस्परिक रुचि के क्षेत्रों को व्यवहार्य बिंदुओं के रूप में पहचाना गया। एनसीजीजी ने पंचायत स्तर पर ग्रामीण शासन की सूचीकरण के बेंचमार्क की पहचान करने का सुझाव दिया है।
यह एमओयू हस्ताक्षर समारोह भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरएंडपीजी) के सचिव और राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक श्री वी. श्रीनिवास और एनआईआरडीपीआर के महानिदेशक डॉ. जी. नरेंद्र कुमार के बीच ऑनलाइन आयोजित किया गया। इस दौरान एनसीजीजी से वरिष्ठ संकाय के रूप में प्रो. पूनम सिंह, डॉ. ए.पी. सिंह और डॉ. बी.एस. बिष्ट और एनआईआरडीपीआर से वरिष्ठ संकाय के रूप में श्री शशि भूषण, उप महानिदेशक, डॉ. पार्थ प्रतिम साहू और डॉ. श्रीकांत मौजूद रहे।
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