केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार ने आज शाम समग्र क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र (सीआरसी), कोझिकोड के मुख्य भवन के उद्घाटन के दौरान विभाग का पहला द्विमासिक ई-समाचार पत्र का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा ई-न्यूजलेटर का शुभारंभ एक सार्थक पहल है। इसमें दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी और वे इससे लाभ ले सकेंगे। हमारी सरकार का मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वामित्र और सबका प्रयात हैं। हमें उम्मीद है कि यह ई-न्यूजलेटर इस दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। डॉ वीरेंद्र कुमार ने विभाग के पहले द्विमासिक ई-न्यूजलेटर के शुभारंभ के दौरान कहा, मुझे उम्मीद है कि विभाग इस ई-न्यूजलेटर को और अधिक उपयोगी बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
मंत्री जी ने केरल में रहने वाले दिव्यांगजनों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 48,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में निर्मित सीआरसीआरई, कोझिकोड के प्रशासनिक भवन का भी उद्घाटन किया। इससे दिव्यांगों के लिए एक ही छत के नीचे विभिन्न सेवाएं प्रदान की जाएंगी। सीआरसी के नवनिर्मित भवन में कोझिकोड क्लीनिकल एंड रिहैबिलिटेशन सेवाएं आदि एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाएंगी। श्री वीरेंद्र कुमार ने कहा की हमारा देश दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम प्रधानमंत्री के विजन को लागू करेंगे और दिव्यांगजनों के लिए बाधा मुक्त वातावरण बनाएंगे और साथ ही दिव्यांगजन को विशेष रूप से और सामान्य रूप से मानवता के उत्थान के लिए पुनर्वास सेवाएं प्रदान करेंगे ।
इस कार्यक्रम के दौरान श्री अबैय्या नारायणस्वामी, सुश्री प्रतिमा भौमिक, श्री रामदास आठवले, राज्य मंत्री सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, राज्य मंत्री, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, श्री राजीव चंद्रशेखर, राज्य मंत्री, विदेश और संसदीय कार्य मंत्रालय, श्री वी. मुरलीधरन, उच्च शिक्षा तथा सामाजिक न्याय मंत्री, केरल सरकार, प्रो. आर. बिंदु , सांसद श्री. एम. के. राघवन, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की सचिव, सुश्री अंजलि भावड़ा, एनआईईपीएमडी, चेन्नई के निदेशक श्री. नचिकेता राउत भी उपस्तिथ रहे |
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एमजी/आरएनएम