SC ने व्हाट्सएप, फेसबुक को जारी किया नोटिस, सख़्त लहजे में कहा- हमें लोगों की निजता की रक्षा करनी होगी
व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज यह स्पष्ट कह दिया है कि लोगों की निजता की सुरक्षा करना अदालत का कर्तव्य है. दरअसल, याचिकाकर्ता कर्मण्य सिंह सरीन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने इस बात पर अपनी मांग रखी कि भारत में नई प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने से व्हाट़्सएप को रोका जाए और इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपनी यह बात कही.
दीवान ने तर्क देते हुए कहा, ये एक अलग तरह की प्राइवेसी पॉलिसी लेकर आए हैं, जिसमें यूरोपियंस के लिए कुछ अलग तरह के नियम हैं और भारतीयों के लिए कुछ अलग तरह के नियम लागू किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि जब तक भारत में डेटा संरक्षण पर नए कानून को लागू नहीं कर दिया जाता, तब तक व्हाट्सअप को नई प्राइवेसी पॉलिसी नहीं लानी चाहिए.
चीफ जस्टिस ने इसके जवाब में कहा कि हम इस मामले में नोटिस जारी करेंगे. न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और वी. रामसुब्रमण्यम के साथ मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने व्हाट्सअप काउंसल को बताया, प्राइवेसी न रहने की बात को लेकर लोगों में काफी डर बना हुआ है. आप 2,000 से 3,000 अरब डॉलर की कंपनी हो सकते हैं, लेकिन लोगों की निजता की कीमत आपके पैसों से अधिक है. हमें उनकी निजता की रक्षा करनी होगी.