माघ मेले के चौथे स्नान पर्व बसंत पंचमी पर संगम में उमड़ा आस्था का सैलाब, हो रही है माँ सरस्वती की पूजा
संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेले के चौथे स्नान पर्व बसंत पंचमी के मौके पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान और दान का क्रम जारी है. इस बार बसंत पंचमी के मौके पर सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि और रवि योग का खास संयोग भी बन रहा है. बसंत पंचमी के मौके पर मां सरस्वती की भी आराधना का विधान है. इसलिए बड़ी संख्या में विद्यार्थी भी संगम में स्नान कर मां सरस्वती की आराधना कर रहे हैं.
ऐसी मान्यता है कि आज के दिन मां सरस्वती की आराधना करने से साधकों की साधना पूरी होती है, तो वहीं विद्यार्थियों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उन्हें ज्ञान के साथ सफलता की प्राप्ति होती है. बसंत पंचमी के मौके पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम तट पर पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं के लिए संगम के घाटों पर विशेष इंतजाम किए गए हैं. 8 किलोमीटर के दायरे में बनाए गए 17 घाटों पर डीप वाटर बैरिकेटिंग के साथ ही जल पुलिस और एसडीआरएफ को तैनात किया गया है. मेले की सुरक्षा के लिए 5000 पुलिसकर्मियों के साथ ही सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है. माघ मेले की सभी 16 एंट्री पॉइंट पर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी संगम में किया स्नान. महंत नरेंद्र गिरि ने लोगों को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि आज का दिन विद्यार्थियों, साधकों और मां सरस्वती के उपासकों के लिए बेहद खास है. आज मां सरस्वती की आराधना फलदायी होती है. योग गुरु स्वामी आनंद गिरी ने भी शिष्यों के साथ संगम में स्नान किया. शिव योगी मौनी महाराज भी चक्रवर्ती दंडवत परिक्रमा के साथ संगम स्नान करने जाएंगे.