एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) हस्तशिल्प क्षेत्र के साथ-साथ कारीगरों को भी बढ़ावा देगा: श्रीमती दर्शना जरदोश

वस्त्र मंत्रालय में राज्यमंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने आज यहां राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय में “द लोटा शॉप” का उद्घाटन करते हुए कहा कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) हस्तशिल्प क्षेत्र के साथ-साथ कारीगरों को भी बढ़ावा देगा।

श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने संग्रहालयों के महत्व को दोहराते हुए कहा कि उनमें विदेशी पर्यटकों और खरीदारों को आकर्षित करने की अपार क्षमता हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र एक राष्ट्र एक उत्पाद की दिशा में काम कर रहा है जो हस्तशिल्प क्षेत्र के साथ-साथ कारीगरों को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कारीगरों के महत्व पर जोर दिया और उनकी कला के लिए सौदेबाजी न करने का अनुरोध किया, जो देश के लिए एक अमूल्य उपहार है। श्रीमती जरदोश ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की तर्ज पर वह हस्तशिल्प को समर्पित एक दिवस की घोषणा करने का अनुरोध करेंगी।

सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज एम्पोरियम के नाम से प्रसिद्ध केंद्रीय कुटीर उद्योग निगम लिमिटेड (सीसीआईसी) ने हाल ही में भारतीय और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से शिल्प संग्रहालय, प्रगति मैदान में अपना नया आउटलेट “लोटा शॉप” खोला है।

वस्त्र मंत्रालय में सचिव श्री यू.पी. सिंह ने संग्रहालय द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि भविष्य में उन्हें उत्साहजनक उपस्थिति की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि संग्रहालय में ठहरने की सुविधा है और आगंतुकों के लिए श्रव्य-दृश्य सुविधा भी है। मंत्रालय संग्रहालय के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने की योजना बना रहा है। इस संबंध में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आईटीपीओ के साथ समझौता ज्ञापन तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि संग्रहालय के आगंतुक, जिनसे मामूली प्रवेश शुल्क लिया जाता है, बिना अतिरिक्त किराया दिए आईटीपीओ में होने वाले कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों में जा सकेंगे।

यह भी पढ़ें :   सी-डॉट और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने आईओटी/एम2एम के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

लोटा शॉप का नाम भारत भर में कई डिजाइनों और रूपों में पाए जाने वाले रोजमर्रा के उपयोग के सबसे प्रसिद्ध पोत “लोटा” से लिया गया है। कॉटेज द्वारा लोटा शॉप भारतीय विरासत राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय देखने के दौरान घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के शिल्प प्रेमियों के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है।

ग्रामीण पृष्ठभूमि के अनुसार स्थापित शिल्प संग्रहालय का यह विशेष बिक्री आउटलेट विरासतीय भारत का सार प्रस्तुत करता है। विरासतीय लेकिन समकालीन शैली में निर्मित, “लोटा शॉप” भारत के पारंपरिक शिल्प रूपों के आधार पर बेहतरीन दस्तकारी, स्मृति चिन्ह, हस्तशिल्प और वस्त्रों को प्रदर्शित करती है। सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज एम्पोरियम द्वारा समृद्ध और विविध भारतीय शिल्प विरासत और शिल्पकारों को अपनी सर्वश्रेष्ठ कृतियों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करके एक आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में उनकी आजीविका को बनाए रखने के लिए एक और कदम आगे बढ़ाया गया है।

यह भी पढ़ें :   सुगम्य केन डिवाइस एक ऐसा सहायक उपकरण है जो दृष्टिबाधित व्यक्ति को आवागमन और दिशा-ज्ञान में सहायता करता है

वस्त्र मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम – केंद्रीय कुटीर उद्योग निगम लिमिटेड (सीसीआईसी) नई दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, सिकंदराबाद, वाराणसी और गुजरात में अपने शोरूम के माध्यम से प्रामाणिक उच्च गुणवत्ता वाले भारतीय हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के प्रचार और खुदरा विपणन में लगा हुआ है। सीसीआईसी अपना माल सीधे कारीगरों, बुनकरों, कुशल शिल्पकारों, शिल्प गुरुओं, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं और समूहों से प्राप्त करता है। सीसीआईसी भारतीय शिल्प के विकास के लिए समर्पित है, जिसमें लुप्त हो रहे शिल्प और बुनाई शामिल हैं। यह अद्वितीय है क्योंकि इसमें पूरे भारत के सभी शिल्प, सभी पेंटिंग और सभी हथकरघा उत्पाद शामिल हैं और यह किसी विशेष क्षेत्र या समुदाय के लिए लक्षित नहीं है, इस प्रकार विश्व स्तर पर हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के प्रदर्शन और विपणन के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है।

विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) और सीसीआईसी अध्यक्ष श्री शांतमनु, शिल्प संग्रहालय के वरिष्ठ निदेशक श्री सोहन कुमार झा, सीसीआईसी के प्रबंध निदेशक सीएमडीई महेंद्र वीर सिंह नेगी, एनएम (सेवानिवृत्त), और मंत्रालय तथा सीसीआईसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

 

एमजी/ एमए/ एसकेएस